आर्द्रभूमि, रामसर स्थल एवं अंतर्देशीय जलीय रूपांतरण

आर्द्रभूमि स्थल-जल संक्रमण क्षेत्र हैं जहाँ जल सतह पर स्थायी या अस्थायी रूप से विद्यमान रहता है। भारत में 1,52,600 वर्ग किमी. आर्द्रभूमि क्षेत्र है।

  • रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention) के अनुसार, आर्द्रभूमि में मैंग्रोव, ज्वारनदमुख (estuaries), डेल्टा, झीलें, नदियाँ और मानव निर्मित स्थल जैसे तालाब और चावल के खेत भी शामिल हैं।
  • अंतर्देशीय जलीय रूपांतरण (Inland Hydrological Transformation) एक गतिशील आयाम है जो आर्द्रभूमि के अस्तित्व को सीधे प्रभावित करता है।
  • इसका तात्पर्य मानवजनित गतिविधियों के कारण किसी क्षेत्र के प्राकृतिक जल विज्ञान (Hydrology) में होने वाले मौलिक और दीर्घकालिक बदलावों से है।
  • इन गतिविधियों में शामिल हैं:
    • जल निकासी (Drainage): कृषि और शहरी ....
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