भूजल तनाव मानचित्रण

भारत में भूजल मीठे पानी का सबसे बड़ा स्रोत है, जो लगभग 65% सिंचाई, 85% ग्रामीण पेयजल और 50% शहरी जल आवश्यकताओं को पूरा करता है। अत्यधिक दोहन, प्रदूषण और अस्थिर पुनर्भरण के कारण कई क्षेत्रों में भूजल स्तर गंभीर संकट का सामना कर रहा है।

  • भूजल तनाव मानचित्रण एक वैज्ञानिक और स्थानिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से उन जलभृत क्षेत्रों (Aquifer Zones) की पहचान की जाती है, जहाँ दोहन और पुनर्भरण के बीच असंतुलन है। यह सतत जल शासन और नीतिगत हस्तक्षेप की नींव रखता है।

संकल्पना और आवश्यकता

  • भूजल तनाव मानचित्रण में पुनर्भरण–निर्वहन गतिशीलता, जल स्तर की गहराई और ....
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