भारत के प्रमुख भू-आकृतिक प्रदेश और उनकी निर्माण प्रक्रियाएँ
भारतीय उपमहाद्वीप अद्भुत भौतिक विविधता प्रदर्शित करता है, जो करोड़ों वर्षों से चल रही विवर्तनिक (Tectonic) प्रक्रियाओं, भूपर्पटीय गतियों और नदी-जनित क्रियाओं का परिणाम है। भारत को सामान्यतः 5 प्रमुख भौतिक प्रदेशों में विभाजित किया जाता है- 1. उत्तरी पर्वत (Northern Mountains), 2. उत्तरी मैदान (Northern Plains), 3. प्रायद्वीपीय पठार (Peninsular Plateau),तटीय मैदान (Coastal Plains),द्वीपसमूह (Islands).। इनमें से प्रत्येक प्रदेश विशिष्ट भूवैज्ञानिक और भू-आकृतिक प्रक्रियाओं से विकसित हुआ है, जो पृथ्वी की भूपर्पटी के विकास के अलग-अलग चरणों को प्रतिबिंबित करता है।
उत्तरी पर्वत (हिमालयी क्षेत्र)
- हिमालय विश्व का सबसे युवा और सबसे ऊँचा भ्रंश पर्वत तंत्र है, जो पश्चिम ....
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- 17 जैव विविधता हॉटस्पॉट एवं बायोस्फीयर रिज़र्व
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- 19 खनिज संसाधन: वितरण एवं प्रमुख उत्पादक क्षेत्र
- 20 औद्योगिक कॉरीडोर – DMIC, ईस्ट कोस्ट कॉरीडोर और गति शक्ति
- 21 लॉजिस्टिक्स और मल्टी-मोडल अवसंरचना
- 22 तटीय और ब्लू इकोनॉमी
- 23 बंदरगाह-आधारित विकास
- 24 कृषि संक्रमण – फसल विविधीकरण, कृषि-जलवायु क्षेत्रीयकरण, प्राकृतिक कृषि
- 25 पर्यटन और तीर्थ सर्किट
- 26 पारिस्थितिकीय संवेदनशील क्षेत्र एवं भूदृश्य-स्तरीय संरक्षण
- 27 मरुस्थलीकरण एवं भूमि निम्नीकरण
- 28 आर्द्रभूमि, रामसर स्थल एवं अंतर्देशीय जलीय रूपांतरण
- 29 शहरी ऊष्मा द्वीप और नगरीय सूक्ष्म जलवायु: जलवायु अनुकूलन योजना
- 30 वायु प्रदूषण का भूगोल: सिंधु-गंगा का मैदान, NCAP, GRAP और वाहन उत्सर्जन हॉटस्पॉट
- 31 मानसून परिवर्तनशीलता एवं ENSO-IOD प्रतिरूप
- 32 जेट स्ट्रीम और पश्चिमी विक्षोभ: बदलती प्रकृति और जलवायु प्रभाव
- 33 जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून व्यवहार में परिवर्तन
- 34 हिमनद निवर्तन, नदी प्रवाह में परिवर्तन तथा इसके प्रभाव
- 35 समुद्र स्तर वृद्धि, तटीय अपरदन एवं तटरेखा मानचित्रण

