जैव विविधता हॉटस्पॉट एवं बायोस्फीयर रिज़र्व
जैव विविधता हॉटस्पॉट एवं बायोस्फीयर रिज़र्व भारत की पारिस्थितिक समृद्धि के मूल क्षेत्र हैं। ये वे स्थान हैं जहाँ प्रजातियों की उच्च विशिष्टता, अद्वितीय विकासक्रम एवं बढ़ते मानवीय दबावों के बीच अत्यंत महत्वपूर्ण संरक्षण मूल्य निहित है। भारत, एक विविधतापूर्ण देश के रूप में, 4 वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट एवं 18 बायोस्फीयर रिज़र्व का घर है, जो वैश्विक पारिस्थितिक सुरक्षा का एक अनिवार्य अंग बनाते हैं।
जैव विविधता हॉटस्पॉट: अवधारणा एवं मानदंड
- “जैव विविधता हॉटस्पॉट” शब्द का प्रयोग नॉर्मन मायर्स ने वर्ष 1988 में उन क्षेत्रों की पहचान के लिए किया था, जो जैविक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध होने के ....
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संबंधित सामग्री
- 1 समुद्र स्तर वृद्धि, तटीय अपरदन एवं तटरेखा मानचित्रण
- 2 हिमनद निवर्तन, नदी प्रवाह में परिवर्तन तथा इसके प्रभाव
- 3 जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून व्यवहार में परिवर्तन
- 4 जेट स्ट्रीम और पश्चिमी विक्षोभ: बदलती प्रकृति और जलवायु प्रभाव
- 5 मानसून परिवर्तनशीलता एवं ENSO-IOD प्रतिरूप
- 6 वायु प्रदूषण का भूगोल: सिंधु-गंगा का मैदान, NCAP, GRAP और वाहन उत्सर्जन हॉटस्पॉट
- 7 शहरी ऊष्मा द्वीप और नगरीय सूक्ष्म जलवायु: जलवायु अनुकूलन योजना
- 8 आर्द्रभूमि, रामसर स्थल एवं अंतर्देशीय जलीय रूपांतरण
- 9 मरुस्थलीकरण एवं भूमि निम्नीकरण
- 10 पारिस्थितिकीय संवेदनशील क्षेत्र एवं भूदृश्य-स्तरीय संरक्षण
- 1 वैश्विक एवं क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य में भारत की रणनीतिक स्थिति
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- 3 प्रायद्वीपीय खंड, हिमालयीय क्षेत्र और सिंधु-गंगा मैदान
- 4 भारत के प्रमुख भू-आकृतिक प्रदेश और उनकी निर्माण प्रक्रियाएँ
- 5 भारत की तटीय एवं मरुस्थलीय भू-आकृतियाँ
- 6 प्रमुख नदी प्रणालियों की उत्पत्ति एवं उनकी विशेषताएँ
- 7 एकीकृत नदी बेसिन शासन: भूगोल एवं जल नीति का संगम
- 8 रिवर इंटरलिंकिंग
- 9 भूजल तनाव मानचित्रण
- 10 शहरी बाढ़ एवं अपवाह मानचित्रण
- 11 वॉटरशेड प्रबंधन एवं नदी पुनर्जीवन
- 12 नदी बेसिन विवाद: कावेरी, कृष्णा, महादयी और नीतिगत मध्यस्थता तंत्र
- 13 भूमिगत जल का दोहन एवं जलभृतों पर बढ़ता दबाव
- 14 भारतीय नदियों एवं डेल्टाओं पर जल-भूवैज्ञानिक प्रभाव
- 15 पड़ोसी देशों के साथ नदीय विवाद
- 16 भारत में प्रमुख मृदाएं
- 17 मृदा का क्षरण, अपरदन एवं संरक्षण तकनीकें
- 18 सतत वन प्रबंधन
- 19 खनिज संसाधन: वितरण एवं प्रमुख उत्पादक क्षेत्र
- 20 औद्योगिक कॉरीडोर – DMIC, ईस्ट कोस्ट कॉरीडोर और गति शक्ति
- 21 लॉजिस्टिक्स और मल्टी-मोडल अवसंरचना
- 22 तटीय और ब्लू इकोनॉमी
- 23 बंदरगाह-आधारित विकास
- 24 कृषि संक्रमण – फसल विविधीकरण, कृषि-जलवायु क्षेत्रीयकरण, प्राकृतिक कृषि
- 25 पर्यटन और तीर्थ सर्किट
- 26 पारिस्थितिकीय संवेदनशील क्षेत्र एवं भूदृश्य-स्तरीय संरक्षण
- 27 मरुस्थलीकरण एवं भूमि निम्नीकरण
- 28 आर्द्रभूमि, रामसर स्थल एवं अंतर्देशीय जलीय रूपांतरण
- 29 शहरी ऊष्मा द्वीप और नगरीय सूक्ष्म जलवायु: जलवायु अनुकूलन योजना
- 30 वायु प्रदूषण का भूगोल: सिंधु-गंगा का मैदान, NCAP, GRAP और वाहन उत्सर्जन हॉटस्पॉट
- 31 मानसून परिवर्तनशीलता एवं ENSO-IOD प्रतिरूप
- 32 जेट स्ट्रीम और पश्चिमी विक्षोभ: बदलती प्रकृति और जलवायु प्रभाव
- 33 जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून व्यवहार में परिवर्तन
- 34 हिमनद निवर्तन, नदी प्रवाह में परिवर्तन तथा इसके प्रभाव
- 35 समुद्र स्तर वृद्धि, तटीय अपरदन एवं तटरेखा मानचित्रण

