पर्यटन और तीर्थ सर्किट

भारत के विविध भौतिक तथा सांस्कृतिक भूगोल पर आधारित पर्यटन और तीर्थ-परिपथ स्थानीय रोजगार, अवसंरचना-विकास और सांस्कृतिक “सॉफ्ट पावर” के महत्वपूर्ण साधन के रूप में उभर रहे हैं। इनका उद्देश्य बिखरे हुए स्थलों को एकीकृत, उच्च-मूल्य वाले गंतव्यों में परिवर्तित करना है, ताकि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और स्थानीय समुदायों को दीर्घकालिक लाभ प्राप्त हो सके।

सर्किट, प्रकार और भौगोलिक वितरण

  • तीर्थ/आध्यात्मिक पर्यटन: हिमालयी क्षेत्र के चार धाम, वाराणसी, अयोध्या जैसे मंदिर नगर और चारधाम यात्रा प्रमुख केंद्र हैं। वाराणसी में प्रतिवर्ष लगभग 8 करोड़ घरेलू पर्यटक आते हैं, जो देश में सबसे अधिक है।
    • PRASAD योजना इन तीर्थ और विरासत स्थलों के ....
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