भारत में प्रमुख मृदाएं
भारत की मृदा की विविधता इसकी जटिल भौगोलिक संरचना, जलवायु भिन्नता, मूल शैल संरचना एवं जैविक प्रक्रियाओं को दर्शाती है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने मृदा को उनकी उत्पत्ति, बनावट, खनिज संरचना एवं उर्वरता के आधार पर 8 प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया है। इनकी भौगोलिक स्थिति एवं पोषण क्षमता को समझना सतत भूमि प्रबंधन, फसल योजना एवं पारिस्थितिक संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
भारत की प्रमुख मृदाएँ
जलोढ़ मृदा (Alluvial Soils)
- उत्पत्ति: गंगा, ब्रह्मपुत्र एवं सिंधु जैसी नदियों द्वारा लाई गई अवसादों के निक्षेप से निर्मित।
- वितरण: भारत के लगभग 43% क्षेत्र में फैली, विशेषकर सिंधु-गंगा मैदान, ....
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- 13 भूमिगत जल का दोहन एवं जलभृतों पर बढ़ता दबाव
- 14 भारतीय नदियों एवं डेल्टाओं पर जल-भूवैज्ञानिक प्रभाव
- 15 पड़ोसी देशों के साथ नदीय विवाद
- 16 मृदा का क्षरण, अपरदन एवं संरक्षण तकनीकें
- 17 जैव विविधता हॉटस्पॉट एवं बायोस्फीयर रिज़र्व
- 18 सतत वन प्रबंधन
- 19 खनिज संसाधन: वितरण एवं प्रमुख उत्पादक क्षेत्र
- 20 औद्योगिक कॉरीडोर – DMIC, ईस्ट कोस्ट कॉरीडोर और गति शक्ति
- 21 लॉजिस्टिक्स और मल्टी-मोडल अवसंरचना
- 22 तटीय और ब्लू इकोनॉमी
- 23 बंदरगाह-आधारित विकास
- 24 कृषि संक्रमण – फसल विविधीकरण, कृषि-जलवायु क्षेत्रीयकरण, प्राकृतिक कृषि
- 25 पर्यटन और तीर्थ सर्किट
- 26 पारिस्थितिकीय संवेदनशील क्षेत्र एवं भूदृश्य-स्तरीय संरक्षण
- 27 मरुस्थलीकरण एवं भूमि निम्नीकरण
- 28 आर्द्रभूमि, रामसर स्थल एवं अंतर्देशीय जलीय रूपांतरण
- 29 शहरी ऊष्मा द्वीप और नगरीय सूक्ष्म जलवायु: जलवायु अनुकूलन योजना
- 30 वायु प्रदूषण का भूगोल: सिंधु-गंगा का मैदान, NCAP, GRAP और वाहन उत्सर्जन हॉटस्पॉट
- 31 मानसून परिवर्तनशीलता एवं ENSO-IOD प्रतिरूप
- 32 जेट स्ट्रीम और पश्चिमी विक्षोभ: बदलती प्रकृति और जलवायु प्रभाव
- 33 जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून व्यवहार में परिवर्तन
- 34 हिमनद निवर्तन, नदी प्रवाह में परिवर्तन तथा इसके प्रभाव
- 35 समुद्र स्तर वृद्धि, तटीय अपरदन एवं तटरेखा मानचित्रण

