​ब्रिटिश कालीन राजस्व प्रणालियाँ

ब्रिटिश शासन के दौरान भूमि राजस्व प्रणालियों को इस प्रकार गढ़ा गया था कि ईस्ट इंडिया कंपनी और बाद में ब्रिटिश क्राउन के लिए अधिकतम आय सुनिश्चित की जा सके। इन प्रणालियों ने भारतीय ग्रामीण समाज, विशेषकर कृषक जीवन, पर गहरा प्रभाव डाला। ब्रिटिशों द्वारा लागू की गई 3 प्रमुख प्रणालियाँ थीं — स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement), रैयतवाड़ी व्यवस्था (Ryotwari System) और महालवाड़ी व्यवस्था (Mahalwari System)।

स्थायी बंदोबस्त (1793)

  • बंगाल, बिहार और ओडिशा में गवर्नर-जनरल लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा शुरू की गई इस प्रणाली का उद्देश्य राजस्व संग्रह को स्थिर करना था।
  • ज़मींदारों के साथ समझौता: अंग्रेजों ने ज़मींदारों (वंशानुगत) को ज़मीन का मालिक ....
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