पुनर्वास मौलिक अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

14 जुलाई, 2025 को सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि सार्वजनिक प्रयोजन के लिए जिन भूस्वामियों की संपत्ति अधिग्रहित की जाती है, वे ‘आजीविका के अधिकार’ (right to livelihood) का हवाला देकर पुनर्वास या वैकल्पिक भूमि की कानूनी रूप से मांग नहीं कर सकते।

  • वाद: संपदा अधिकारी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण एवं अन्य बनाम निर्मला देवी।
  • पीठ: न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति आर. महादेवन।

मामला क्या था?

  • यह मामला हरियाणा के उन भूस्वामियों से संबंधित था जिनकी भूमि 1990 के दशक में अधिग्रहित की गई थी।
  • वे 1992 की पुनर्वास नीति के तहत वैकल्पिक आवासीय भूखंड की माँग कर ....
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