भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत एवं उनका प्रभाव

भक्ति आंदोलन के संत और कवि ऐसे आध्यात्मिक सुधारक थे, जिन्होंने अपनी मातृभाषा में रचित कविताओं और गीतों के माध्यम से व्यक्तिगत भक्ति (Bhakti) का संदेश दिया। उन्होंने जाति, पंडितवादी नियंत्रण और कर्मकांड की जटिलता को खुलकर चुनौती दी। उनके विचारों ने न केवल धर्म को आम जन के लिए सुलभ बनाया, बल्कि भारतीय भाषाओं को साहित्यिक गरिमा दी और समाज में समानता व मानवता के मूल्यों को मजबूत किया, जो आज तक भारत की सामाजिक चेतना का आधार बने हुए हैं।

प्रमुख संत और उनका प्रभाव

क्षेत्र

प्रमुख संत व उनकी शिक्षाएँ

सामाजिक प्रभाव

दक्षिण भारत

अलवार और नयनार:विष्णु व शिव के ....

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