दिल्ली सल्तनत (1206–1526 ई.) में कृषि विकास

दिल्ली सल्तनत का काल (1206–1526 ई.) भारत के मध्यकालीन कृषि इतिहास का एक निर्णायक चरण था। इस युग में सुल्तानों ने राज्य–नियंत्रण, संगठित राजस्व व्यवस्था और सिंचाई विकास के माध्यम से कृषि को पुनर्गठित किया। अलाउद्दीन ख़िलजी और मुहम्मद बिन तुग़लक जैसे शासकों के शासनकाल में नई फसलों का प्रवेश, बेहतर सिंचाई पद्धतियाँ और ग्रामीण–शहरी बाज़ारों का जुड़ाव हुआ, जिसने आगे चलकर मुगल काल की कृषि–नीतियों की बुनियाद रखी।

पृष्ठभूमि

  • 1206 ई. से पहले भारत की अर्थव्यवस्था मुख्यतः ग्राम–आधारित और वर्षा पर निर्भर थी।
  • कृषि ही मुख्य व्यवसाय और राज्य राजस्व का प्रमुख स्रोत थी।
  • प्रारंभिक तुर्क शासकों ने एक समृद्ध लेकिन ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष