बौद्ध भित्ति चित्रकला

अजंता की गुफाएँ (ईसा पूर्व 2वीं शताब्दी से ईस्वी 5वीं शताब्दी तक) भारतीय कला के सबसे उज्ज्वल अध्यायों में से एक हैं। यहाँ की भित्ति चित्रकला केवल सजावट नहीं थी, बल्कि एक जीवंत दृश्य धर्मग्रंथ थी, जिसमें भगवान बुद्ध के जीवन, जातक कथाएँ और उस युग के समाज व संस्कृति का जीवंत चित्रण मिलता है।

विकास और शैली

चरण / स्थान

काल व संरक्षक

कलात्मक विशेषताएँ

सांस्कृतिक संदर्भ

प्रारंभिक बौद्ध गुफाएँ

अजंता (गुफाएँ 9, 10) व भाजा (ई.पू. 2वीं शताब्दी); सातवाहन शासकों व व्यापारियों का संरक्षण।

शैली में सरलता; रेखाओं पर आधारित चित्र, जहाँ बुद्ध को प्रतीकों (जैसे धर्मचक्र) से दर्शाया गया है।

ये चित्र साधुओं ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष