भारतीय कला और संस्कृति पर विदेशी शैलियों का प्रभाव

भारत की कला और संस्कृति का विकास निरंतर विदेशी सभ्यताओं के साथ व्यापार, आक्रमण, प्रव्रजन और सांस्कृतिक आदान–प्रदान के माध्यम से हुआ।

  • मुगल स्थापत्य पर फ़ारसी प्रभाव से लेकर आधुनिक चित्रकला में यूरोपीय यथार्थवाद तक, प्रत्येक चरण भारत की नई विचारधाराओं को आत्मसात करने की क्षमता और साथ ही अपनी मौलिकता को सुरक्षित रखने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।

प्राचीन काल

फ़ारसी और यूनानी (इंडो-ग्रीक) प्रभाव

  • सिकंदर के आक्रमण (326 ई.पू.) के पश्चात्, भारत में यूनानी-बैक्ट्रियन और इंडो-ग्रीक राजाओं के शासन ने भारतीय कला में हेलेनिस्टिक (यूनानी) तत्वों का प्रवेश कराया।
  • गांधार कला शैली (प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व - चतुर्थ शताब्दी ....
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