उत्खनन से जुड़े प्रमुख व्यक्ति: अलेक्जेंडर कनिंघम और मोर्टिमर व्हीलर

भारतीय पुरातत्त्व के विकास का श्रेय दो महान हस्तियों को जाता है—सर अलेक्ज़ेंडर कनिंघम और सर मॉर्टिमर व्हीलर। इन दोनों ने भारत में संगठित पुरातात्त्विक अन्वेषण की नींव रखी और इतिहास अध्ययन को किंवदंती से विज्ञान के क्षेत्र में रूपांतरित किया।

  • कनिंघम ने उन्नीसवीं शताब्दी में क्षेत्रीय सर्वेक्षण और स्थलों की पहचान का कार्य प्रारम्भ किया, जबकि व्हीलर ने बीसवीं शताब्दी के मध्य में उत्खनन-पद्धति और पुरातात्त्विक प्रशिक्षण में क्रांति ला दी।
  • दोनों ने मिलकर प्राचीन वस्तु-संग्रह (Antiquarian Curiosity) और आधुनिक वैज्ञानिक पुरातत्त्व के बीच की खाई को पाट दिया।
  • इनके कार्य को समझना आवश्यक है, क्योंकि इन्हीं के प्रयासों से यह स्पष्ट ....
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