सूफी आंदोलन का प्रभाव एवं महत्व

सूफीमत (Sufism), इस्लाम की रहस्यवादी या आध्यात्मिक धारा है, जो ईश्वर के प्रत्यक्ष, व्यक्तिगत अनुभव (वज्द) पर बल देती है, न कि केवल कर्मकांडों या औपचारिक पूजा पर। सूफी संतों ने सिलसिलों (आदेशों या परंपराओं) के रूप में संगठित होकर समाज में गहरे सुधार किए। उन्होंने ख़ानक़ाहों (धर्मशालाओं) को समानता और मानवता के केंद्रों में बदला। मध्यकालीन भारत में उन्होंने भक्ति आंदोलन के समानांतर एक ऐसी सांस्कृतिक धारा प्रवाहित की, जिसने हिंदू और मुस्लिम परंपराओं के बीच अद्भुत सांस्कृतिक समन्वय (गंगा जमुनी तहजीब) स्थापित किया।

प्रारंभिक मध्यकाल

  • चिश्ती परंपरा का विस्तार: ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (अजमेर) जैसे संतों ने गहन आध्यात्मिक ....

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