बंगाल पुनर्जागरण और भारतीय विरासत का पुनरुद्धार

बंगाल पुनर्जागरण (लगभग 1815–1940) पश्चिमी शिक्षा, तर्कवाद और सुधार आंदोलनों के प्रभाव में बंगाल में हुए बौद्धिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जागरण को संदर्भित करता है।

  • इसने भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा और आधुनिक वैज्ञानिक चिंतन का संगम प्रस्तुत किया, जिसने आधुनिक भारतीय राष्ट्रवाद की नींव रखी।
  • इस काल में भारत की शास्त्रीय विरासत का पुनरुद्धार हुआ और साथ ही पुरानी सामाजिक–धार्मिक कुरीतियों में सुधार किया गया, जिससे परंपरा और प्रगति के बीच संतुलन स्थापित हुआ।

पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक संदर्भ

  • प्लासी के युद्ध (1757) के बाद बंगाल ब्रिटिश भारत का राजनीतिक और शैक्षिक केंद्र बन गया।
  • फोर्ट विलियम कॉलेज (1800) और हिन्दू कॉलेज (1817) ....
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