प्रागैतिहासिक एवं सिंधु घाटी की सांस्कृतिक रूपरेखाएं

प्रागैतिहासिक और सिंधु घाटी की संस्कृतियों का अध्ययन भारत की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक नींव के विकास को समझने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

  • प्रागैतिहासिक संस्कृति उस मानव गतिविधि को संदर्भित करती है जो लेखन के आविष्कार से पहले की है। इसे मोटे तौर पर तीन चरणों में बाँटा जाता है—पाषाण युग (Palaeolithic), मध्यपाषाण युग (Mesolithic) और नवपाषाण युग (Neolithic)। इनकी समयावधि लगभग 20 लाख वर्ष पूर्व से 1000 ई.पू. तक मानी जाती है।
  • सिंधु घाटी सभ्यता (2600–1900 ई.पू.) आधुनिक भारत और पाकिस्तान में फैली हुई थी और यह दक्षिण एशिया में शहरीकरण का प्रथम चरण मानी जाती है।

इन दोनों कालखंडों का ....

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