सामाजिक और सांस्कृतिक संकेतक के रूप में प्रमुख शिलालेख

शिलालेख वे अभिलेख हैं जो पत्थरों की सतह पर खुदे होते हैं और जिनमें राजकीय घोषणाएँ तथा सामाजिक आदर्श अंकित रहते हैं।

  • इनका सबसे प्रमुख उदाहरण मौर्य सम्राट अशोक (ईसा पूर्व तृतीय शताब्दी) से जुड़ा है, जिन्होंने इन्हें अपने धम्म की नीति—एक नैतिक और आचार-संहिता—को जनता तक पहुँचाने के लिए माध्यम बनाया।
  • ये शिलालेख भारत, पाकिस्तान, नेपाल और अफ़ग़ानिस्तान तक फैले हुए हैं और प्राचीन भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और प्रशासनिक आयामों को समझने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
  • इनकी भाषा (प्राकृत, ग्रीक, अरामाइक) और लिपि (ब्राह्मी, ख़रोष्ठी) भारत की सांस्कृतिक बहुलता और प्रशासनिक विस्तार का परिचायक है।

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