प्राचीन भारत में दफ़न क्रियाओं की व्याख्या

दफ़न क्रियाएँ (Burial Practices) प्राचीन समुदायों के सामाजिक विश्वासों, सांस्कृतिक मूल्यों और आध्यात्मिक दृष्टिकोणों को समझने का महत्वपूर्ण पुरातात्विक साक्ष्य प्रस्तुत करती हैं। ये मृत्यु के प्रति दृष्टिकोण, परलोक–विश्वास तथा सामाजिक अनुक्रम (Hierarchy) का दिग्दर्शन कराती हैं।

  • भारत में दफ़न–परंपराएँ मध्यपाषाण काल (लगभग 10,000 ई.पू.) से लेकर महापाषाण (Megalithic) तथा प्रारंभिक ऐतिहासिक काल तक निरंतर विकसित होती रहीं। इन दफ़न क्रियायों का अध्ययन—सरल दफ़न से लेकर भव्य मेगालिथिक संरचनाओं तक—धर्म, कुल-परंपरा और सामाजिक–आर्थिक संगठन की गहरी समझ प्रदान करता है

कालानुक्रमिक विकास

प्रागैतिहासिक काल

  • मध्यपाषाण काल (बागोर, आदमगढ़): एकल समाधियाँ (individual graves) पाई गई हैं, जिनमें पत्थर के औज़ार साथ ....
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