बौद्ध और जैन धर्म के सिद्धांत और प्रसार

बौद्ध धर्म

सिद्धार्थ गौतम (563–483 ई.पू.) ने बौद्ध धर्म (Buddhism) की स्थापना की, इन्होंने कठोर वैदिक आडंबरों और यज्ञप्रधान परंपराओं का विरोध किया। बौद्ध दर्शन का मूल उद्देश्य है, “दुःख (Dukkha) की निवृत्ति”, जिसे अष्टांगिक मार्ग (Eightfold Path) द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एवं विकास

काल

सामाजिक/सांस्कृतिक पहलू

आर्थिक/संदर्भीय विकास

प्राचीन काल

वर्ण-व्यवस्था का अस्वीकार; संघ (Sangha) ने सबको समान तप और सामाजिक गतिशीलता प्रदान की।

अशोक और कनिष्क जैसे शासकों के संरक्षण से तीव्र प्रसार; विहार (Viharas) शिक्षा और व्यापार के प्रमुख केंद्र बने।

मध्यकाल

पौराणिक हिन्दू धर्म में विलय और राज्य-प्रोत्साहन के अभाव (जैसे पाल वंश का पतन) ....


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