आईएनएस कवरत्‍ती नौसेना बेड़े में शामिल

  • 23 Oct 2020

थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने 22 अक्टूबर, 2020 को नौसैनिक डॉकयार्ड, विशाखापतनम में आयोजित एक समारोह में रेडार से बच निकलने वाले पनडुब्बी रोधी युद्धपोत ‘आईएनएस कवरत्ती’ को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: देश में निर्मित ऐसे चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों को शामिल करने के क्रम में ये चौथा एवं आखिरी युद्धपोत है।

  • गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में प्रोजेक्ट 28 (कामोर्ता क्लास) के अंतर्गत युद्धपोत का निर्माण किया गया है।
  • इसका नाम लक्षद्वीप की राजधानी ‘कवरत्ती’ के नाम पर रखा गया है। आईएनएस कवरत्ती को भारत में निर्मित हाई ग्रेड डीएमआर 249ए स्टील से बनाया गया है। इस युद्धपोत की लंबाई 109 मी., चौड़ाई 14मी. और वजन 3300 टन है।
  • इसमें स्वदेशी रूप से विकसित कुछ प्रमुख उपकरणों / प्रणालियों में युद्धक प्रबंधन प्रणाली, टारपीडो ट्यूब लॉन्चर्स और इंफ्रा-रेड सिग्नेचर सप्रेशन सिस्टम (Infra-Red Signature Suppression System) शामिल हैं।
  • अन्य उन्नत स्वचालन प्रणालियों में सम्पूर्ण वायुमंडलीय नियंत्रण प्रणाली (TACS), एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली (IPMS), एकीकृत ब्रिज सिस्टम (IBS), बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम (BDCS) और कार्मिक लोकेटर सिस्टम (PLS) शामिल हैं।
  • आईएनएस कवरत्ती इसी नाम के तत्कालीन युद्धपोत अरनाला क्लास मिसाइल (आईएनएस कवरत्ती-पी 80) का अवतार है, जिसने 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।