भूस्खलन जोखिम आकलन एवं प्रबंधन रणनीतियाँ

भारत, भूस्खलन के गंभीर जोखिम का सामना कर रहा है। देश का लगभग 12.6% भूभाग, विशेषकर हिमालय, उत्तर-पूर्व और पश्चिमी घाट; संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। इसके कारणों में पहाड़ी भू-आकृति, भारी मानसूनी वर्षा, वनों की कटाई और अनियोजित विकास शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन और नई आधारभूत परियोजनाओं ने जोखिम को और बढ़ा दिया है। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की राष्ट्रीय भूस्खलन संवेदनशीलता मानचित्रण (NLSM) परियोजना और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के दिशा-निर्देश वैज्ञानिक जोखिम आकलन और व्यापक प्रबंधन रणनीतियों को बढ़ावा देते हैं।

हालिया प्रगति

  • 20 जून, 2025 को NDMA और GSI ने स्लोप्स एंड सोल्यूशन कार्यशाला का आयोजन ....

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