पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्रः हालिया अधिसूचनाएँ और कानूनी संघर्ष

पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ESZs) संरक्षित क्षेत्रों (जैसे राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य) के चारों ओर बनाए गए बफर जोन होते हैं, जिन्हें पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत अधिसूचित किया जाता है। इनका उद्देश्य मानवजनित दबावों को कम करना और सतत आजीविका को बढ़ावा देना है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दिशा-निर्देश (2011) ESZs की सीमा 100 मीटर से 10 किलोमीटर तक निर्धारित करते हैं।

ESZ: मुख्य प्रावधान एवं सिद्धांत

  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986: इसके तहत केंद्र सरकार विशेष क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ESZs घोषित करती है।
  • ESZs का उद्देश्यः ....

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