जलवायु वित्त वर्गीकरण: हरित निवेश मानकों की परिभाषा
भारत का जलवायु वित्त वर्गीकरण (Climate Finance Taxonomy) वर्ष 2025 में प्रारंभ किया गया, एक ऐतिहासिक ढाँचा है, जिसका उद्देश्य हरित निवेशों के लिए स्पष्टता, विश्वसनीयता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। यह वर्गीकरण राष्ट्रीय एवं वैश्विक पूँजी प्रवाह को भारत के जलवायु लक्ष्यों- 2070 तक नेट जीरो तथा 2030 तक की NDC (Nationally Determined Contributions) के अनुरूप करता है। साथ ही, यह सुनिश्चित करता है कि ग्रीनवाशिंग से बचते हुए केवल वही निवेश, हरित या जलवायु-अनुरूप कहलाएँ, जो वस्तुतः पर्यावरणीय मानकों पर खरे उतरते हों।
हालिया विकास
- मई 2025 में वित्त मंत्रालय ने भारत का जलवायु वित्त वर्गीकरण का मसौदा ....
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