नवीनतम तकनीकी क्षेत्रों में विधायी क्षमता
भारत में उभरते तकनीकी क्षेत्रों—जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ब्लॉकचेन, फिनटेक, ऑनलाइन गेमिंग और डेटा सुरक्षा—में विधायी क्षमता संघीय प्रणाली (Federal System) के तहत बढ़ती चिंता का विषय है। डिजिटल क्षेत्रों के तेज़ विकास ने यह सवाल खड़ा किया है कि केंद्र और राज्य किन क्षेत्रों में नियम बनाने, नवाचार करने और अधिकारों की रक्षा करने के लिए सक्षम हैं।
हालिया विकास
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act) डिजिटल लेन-देन, साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षण का मुख्य कानून है, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग, ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल समाचार मीडिया जैसे नवाचारों को शामिल करने के लिए नियमित संशोधन किए गए हैं।
- सूचना प्रौद्योगिकी ....
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संबंधित सामग्री
- 1 क्रिप्स मिशन
- 2 गांधी-इरविन समझौता
- 3 साइमन कमीशन
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- 5 बंगाल विभाजन (1905)
- 6 1857 का विद्रोह: कारण एवं प्रभाव
- 7 दक्षिण भारतीय राजवंश
- 8 महाजनपदों की राजनीतिक संरचना
- 9 प्राचीन भारत में गण-संघ एवं प्रजातान्त्रिक व्यवस्थाएँ
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- 1 राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता की बढ़ती मांगें
- 2 केंद्र-राज्य विवाद: विधायी क्षेत्रों पर टकराव
- 3 जल वितरण और सीमा विवाद
- 4 केंद्र शासित प्रदेशों में शासन, प्रशासनिक स्वायत्तता और विकास संबंधी चुनौतियाँ
- 5 प्रतिस्पर्धी संघवाद
- 6 राजकोषीय संघवाद का पुनःनिर्धारण : 16वां वित्त आयोग
- 7 जाति जनगणना तथा समानता का संवैधानिक दायित्व
- 8 नीति आयोग@10: नियोजन से सहकारी संघवाद की ओर रूपांतरण
- 9 संवैधानिक नैतिकता का सिद्धांत : हालिया सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों में व्याख्या
- 10 शक्तियों का पृथक्करण: हालिया विधायी और न्यायिक टकराव
- 11 राज्यपाल का कार्यालय: विवेकाधीन शक्तियों का दायरा और दुरुपयोग
- 12 दलबदल-विरोधी कानून और स्पीकर की भूमिका
- 13 संसदीय विशेषाधिकार बनाम न्यायिक समीक्षा
- 14 संवैधानिक व्याख्या और सर्वोच्च न्यायालय का परामर्शात्मक क्षेत्राधिकार
- 15 चुनावी वित्तीयन एवं पारदर्शिता
- 16 वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 : संपत्ति अधिकार और धार्मिक स्वायत्तता
- 17 परिसीमन एवं प्रतिनिधित्व: जनसांख्यिकीय बहस
- 18 आरक्षण व्यवस्था और उप-वर्गीकरण
- 19 इनर लाइन परमिट एवं स्थानीय पहचान व्यवस्था
- 20 जाति-आधारित जनगणना और सामाजिक न्याय नीति पर विमर्श
- 21 हिंदी आरोपण और नई शिक्षा नीति का त्रिभाषा सूत्र
- 22 जनजातीय स्वायत्तता और छठी अनुसूची: वर्तमान स्थिति एवं मांग
- 23 मतदाता सूची प्रबंधन और मतदाता समावेशन
- 24 निजता का अधिकार और डेटा संरक्षण : डिजिटल युग में अनुच्छेद 21
- 25 न्याय तक पहुँच: संस्थागत एवं सामाजिक खाइयों को पाटना
- 26 दिव्यांगजन के अधिकार: विधिक एवं नीतिगत प्रगति
- 27 लैंगिक न्याय और महिला सशक्तीकरण : विधिक एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य
- 28 अल्पसंख्यक अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता
- 29 गरीबी और भुखमरी: संवैधानिक निर्देश बनाम नीतिगत यथार्थ
- 30 नागरिक समाज और एनजीओ: लोकतांत्रिक शासन के साझेदार
- 31 वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र एवं न्याय तक पहुँच
- 32 निःशुल्क विधिक सहायता एवं सुभेद्य वर्ग
- 33 प्रमुख योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण
- 34 संसदीय उत्पादकता में गिरावट: कारण एवं उपाय
- 35 लोकसभा के उपाध्यक्ष: संवैधानिक स्थिति और रिक्ति विवाद
- 36 न्यायिक सुधार: गति, पहुँच एवं जवाबदेही
- 37 कारागार सुधार: कारावास का अधिकार-आधारित दृष्टिकोण
- 38 भारत में अधिकरण: कार्यकुशलता बनाम न्यायिक स्वतंत्रता
- 39 न्यायपालिका में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): गति एवं निष्पक्षता हेतु तकनीक
- 40 राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गोपनीय सूचना संरक्षण कानून
- 41 मिशन कर्मयोगी: सिविल सेवा प्रशिक्षण में सुधार
- 42 शासन में नागरिक भागीदारी: उपकरण एवं चुनौतियाँ
- 43 स्थानीय निकायों का लेखा-परीक्षण: जमीनी स्तर पर उत्तरदायित्व की मजबूती
- 44 उपभोक्ता संरक्षण और डिजिटल बाजार
- 45 डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) और अंतिम छोर तक राज्य की पहुँच
- 46 पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986: दंडात्मक प्रावधानों का पुनरीक्षण
- 47 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव
- 48 भारत में आर्द्रभूमि शासन
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- 50 सतत जीवनशैली एवं वैश्विक पर्यावरणीय साझेदारी
- 51 वायु एवं जल प्रदूषण नियंत्रण कानूनों में संशोधन
- 52 राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की भूमिका एवं उसके महत्त्वपूर्ण निर्णय
- 53 भारत की स्थिति : COP29 एवं वैश्विक आकलन प्रक्रिया (Global Stocktake)
- 54 जलवायु वित्त और हानि एवं क्षति तंत्र का परिचालन
- 55 भारत के एनडीसी (NDCs) एवं पेरिस समझौते के लक्ष्यों पर प्रगति
- 56 दीर्घकालिक निम्न-उत्सर्जन रणनीति (LT-LEDS): भारत की शून्य-उत्सर्जन यात्रा
- 57 जलवायु न्याय और वार्ताओं में समानता का सिद्धांत
- 58 जलवायु वित्त वर्गीकरण: हरित निवेश मानकों की परिभाषा
- 59 जलवायु परिवर्तन का कृषि एव खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव
- 60 जल संकट एवं जलवायु सहनशीलता
- 61 उत्सर्जन व्यापार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन
- 62 समुद्री डिकार्बोनाइजेशन एवं जलवायु नीति
- 63 कार्बन बॉर्डर अडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) एवं भारतीय निर्यात
- 64 जैन विविधता (संशोधन) अधिनियम, 2023 एवं नियम, 2024 मुख्य परिवर्तन
- 65 अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) : भारत की वैश्विक संरक्षण नेतृत्व भूमिका
- 66 मानव-वन्यजीव संघर्ष शमन रणनीतियाँ
- 67 जैव विविधता के लिए खतरे : आक्रामक प्रजातियाँ और कोरल ब्लीचिंग
- 68 जैव विविधता संरक्षण में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की भूमिका
- 69 बायोपाइरेसी (Biopiracy) के लिए कानूनी तंत्र
- 70 स्थानिक एवं संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण
- 71 आईयूसीएन रेड लिस्ट 2024: भारत की प्रजातियों की स्थिति में परिवर्तन
- 72 चक्रीय अर्थव्यवस्था एवं विस्तारित उत्पादक दायित्व (EPR)
- 73 जलवायु अनुकूलन में मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्र की भूमिका
- 74 विकास की आवश्यकताओं एवं पारिस्थितिक सीमाओं का सामंजस्य
- 75 राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: नेट जीरो की ओर मार्ग
- 76 हरित शासन के स्तंभ के रूप में स्थानीय समुदाय
- 77 जल शासन और नदी पुनर्जीवन
- 78 पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्रः हालिया अधिसूचनाएँ और कानूनी संघर्ष
- 79 पर्यावरण-आर्थिक लेखांकन प्रणाली (SEEA)
- 80 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2025: जलवायु जोखिमों का एकीकृत
- 81 आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रतिक्रिया में प्रौद्योगिकी की भूमिका
- 82 भूस्खलन जोखिम आकलन एवं प्रबंधन रणनीतियाँ
- 83 हिमनद झील विस्फ़ोट बाढ़ (GLOFs) का प्रबंधान
- 84 उत्तराखंड में बादल फ़टने की घटनाएँ: जलवायु संबंध
- 85 जलवायु-प्रेरित विस्थापन एवं नीतिगत ढाँचे की आवश्यकता
- 86 जलवायु परिवर्तन का सामाजिक संवेदनशीलता और लैंगिक असमानता पर प्रभाव
- 87 भारत में वनाग्नि प्रबंधन