जलवायु वित्त और हानि एवं क्षति तंत्र का परिचालन

COP29 ने वैश्विक जलवायु वित्त और हानि एवं क्षति से निपटने के प्रयासों में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ दिया, जो भारत सहित विकासशील देशों की सबसे बड़ी मांगों में से एक रही है। इस शिखर सम्मेलन में जलवायु कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर वित्त जुटाने और उन तंत्रें को परिष्कृत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो देशों को जलवायु आपदाओं से उबरने में मदद करेंगे।

हालिया घटनाक्रम

  • COP29 (नवंबर 2024) में यह नया वैश्विक लक्ष्य तय किया गया कि विकसित देश नेतृत्व करेंगे और वर्ष 2035 तक विकासशील देशों के लिए कम से कम 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रतिवर्ष ....

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