केंद्र-राज्य विवाद: विधायी क्षेत्रों पर टकराव

भारतीय संविधान केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों (Legislative Powers) का विभाजन करता है, ताकि संघीय ढांचे (Federal Structure) को बनाए रखा जा सके। जब दोनों एक ही विषय पर अधिकार का दावा करते हैं या क्षेत्राधिकार की सीमाओं को लेकर मतभेद होते हैं, तो यह एकता और स्वायत्तता के बीच संतुलन को खतरे में डालता है।

हालिया विकास

  • 2024 में केरल ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की संवैधानिकता को चुनौती दी, यह तर्क देते हुए कि यह राज्य की विधायी शक्तियों और सामाजिक समरसता का उल्लंघन करता है।
  • 2025 में कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों ....

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