चुनावी वित्तीयन एवं पारदर्शिता

चुनावी वित्तीयन (Electoral Finance) उस प्रणाली को संदर्भित करता है जिसके माध्यम से राजनीतिक दल और उम्मीदवार चुनावों के लिए धन जुटाते और खर्च करते हैं। भारत में चुनावी वित्तीयन का स्वरूप पारदर्शी नहीं रहा है, और ऐतिहासिक रूप से 70% से अधिक राजनीतिक दान अज्ञात स्रोतों से आते रहे हैं (ADR रिपोर्ट्स के अनुसार)।

  • 2017 में पेश की गई इलेक्टोरल बॉन्ड योजना ने इस अपारदर्शिता को और बढ़ा दिया, लेकिन ADR बनाम भारत संघ (2024) में सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवैध घोषित किया, क्योंकि यह मतदाताओं के जानकारी के अधिकार [अनुच्छेद 19(1)(a)] का उल्लंघन करती थी।

हालिया घटनाक्रम

  • इलेक्टोरल बॉन्ड ....
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