नागरिक समाज और एनजीओ: लोकतांत्रिक शासन के साझेदार

भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में नागरिक समाज और गैर-सरकारी संगठन (NGOs) की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। देश में 30 लाख से अधिक पंजीकृत संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय आदि क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इनके योगदान का प्रभाव प्रमुख सुधारों जैसे सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 और संकट की घड़ियों में (जैसे कोविड-19 महामारी के दौरान) जमीनी स्तर पर सेवा-प्रदान में स्पष्ट रूप से देखा गया। किंतु इनके संचालन पर नियामक निगरानी लगातार बढ़ी है—विशेषकर FCRA संशोधन 2020 के बाद—जिससे नागरिक क्षेत्र के सिमटने को लेकर चिंताएं गहराई हैं।

हाल की प्रगति

  • विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (FCRA) और इसके बाद हुए ....

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