राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की भूमिका एवं उसके महत्त्वपूर्ण निर्णय

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT), जिसे NGT अधिनियम, 2010 के तहत स्थापित किया गया था, एक विशेष न्यायिक निकाय है, जो पर्यावरणीय मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए गठित किया गया है। यह पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986; वायु अधिनियम, 1981; जल अधिनियम, 1974; और वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 से जुड़े मामलों पर प्रभावी व सुलभ न्याय प्रदान करता है।

हालिया निर्णय

  • जिला-स्तरीय पर्यावरणीय स्वीकृतियों की पुनर्समीक्षा (अक्टूबर 2024): नॉबल एम- पैकडा बनाम भारत संघ मामले में NGT ने राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण द्वारा खनन पट्टों के लिए जिला स्तर पर दी गयी पर्यावरणीय स्वीकृतियों की पुनर्समीक्षा का आदेश दिया।

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