मिशन कर्मयोगी: सिविल सेवा प्रशिक्षण में सुधार
मिशन कर्मयोगी (National Programme for Civil Services Capacity Building – NPCSCB) भारत सरकार की एक रूपांतरणकारी पहल है, जिसे सितंबर 2020 में शुरू किया गया। इसका प्रमुख उद्देश्य भारतीय सिविल सेवाओं को पारंपरिक नियम-आधारित व्यवस्था से बदलकर भूमिका-आधारित और क्षमता-आधारित मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली की ओर ले जाना है।
- यह कार्यक्रम सिविल सेवकों को सही कौशल, ज्ञान और दृष्टिकोण प्रदान करने का प्रयास करता है ताकि वे बदलते समय की चुनौतियों का सामना कर सकें और नागरिक-केंद्रित शासन को अधिक प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।
हालिया प्रगति
- मिशन के संस्थागत ढाँचे में इसके कार्यान्वयन को संचालित करने वाले प्रमुख निकाय ....
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संबंधित सामग्री
- 1 समुद्र स्तर वृद्धि, तटीय अपरदन एवं तटरेखा मानचित्रण
- 2 हिमनद निवर्तन, नदी प्रवाह में परिवर्तन तथा इसके प्रभाव
- 3 जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून व्यवहार में परिवर्तन
- 4 जेट स्ट्रीम और पश्चिमी विक्षोभ: बदलती प्रकृति और जलवायु प्रभाव
- 5 मानसून परिवर्तनशीलता एवं ENSO-IOD प्रतिरूप
- 6 वायु प्रदूषण का भूगोल: सिंधु-गंगा का मैदान, NCAP, GRAP और वाहन उत्सर्जन हॉटस्पॉट
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- 8 आर्द्रभूमि, रामसर स्थल एवं अंतर्देशीय जलीय रूपांतरण
- 9 मरुस्थलीकरण एवं भूमि निम्नीकरण
- 10 पारिस्थितिकीय संवेदनशील क्षेत्र एवं भूदृश्य-स्तरीय संरक्षण
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- 3 जल वितरण और सीमा विवाद
- 4 केंद्र शासित प्रदेशों में शासन, प्रशासनिक स्वायत्तता और विकास संबंधी चुनौतियाँ
- 5 प्रतिस्पर्धी संघवाद
- 6 नवीनतम तकनीकी क्षेत्रों में विधायी क्षमता
- 7 राजकोषीय संघवाद का पुनःनिर्धारण : 16वां वित्त आयोग
- 8 जाति जनगणना तथा समानता का संवैधानिक दायित्व
- 9 नीति आयोग@10: नियोजन से सहकारी संघवाद की ओर रूपांतरण
- 10 संवैधानिक नैतिकता का सिद्धांत : हालिया सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों में व्याख्या
- 11 शक्तियों का पृथक्करण: हालिया विधायी और न्यायिक टकराव
- 12 राज्यपाल का कार्यालय: विवेकाधीन शक्तियों का दायरा और दुरुपयोग
- 13 दलबदल-विरोधी कानून और स्पीकर की भूमिका
- 14 संसदीय विशेषाधिकार बनाम न्यायिक समीक्षा
- 15 संवैधानिक व्याख्या और सर्वोच्च न्यायालय का परामर्शात्मक क्षेत्राधिकार
- 16 चुनावी वित्तीयन एवं पारदर्शिता
- 17 वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 : संपत्ति अधिकार और धार्मिक स्वायत्तता
- 18 परिसीमन एवं प्रतिनिधित्व: जनसांख्यिकीय बहस
- 19 आरक्षण व्यवस्था और उप-वर्गीकरण
- 20 इनर लाइन परमिट एवं स्थानीय पहचान व्यवस्था
- 21 जाति-आधारित जनगणना और सामाजिक न्याय नीति पर विमर्श
- 22 हिंदी आरोपण और नई शिक्षा नीति का त्रिभाषा सूत्र
- 23 जनजातीय स्वायत्तता और छठी अनुसूची: वर्तमान स्थिति एवं मांग
- 24 मतदाता सूची प्रबंधन और मतदाता समावेशन
- 25 निजता का अधिकार और डेटा संरक्षण : डिजिटल युग में अनुच्छेद 21
- 26 न्याय तक पहुँच: संस्थागत एवं सामाजिक खाइयों को पाटना
- 27 दिव्यांगजन के अधिकार: विधिक एवं नीतिगत प्रगति
- 28 लैंगिक न्याय और महिला सशक्तीकरण : विधिक एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य
- 29 अल्पसंख्यक अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता
- 30 गरीबी और भुखमरी: संवैधानिक निर्देश बनाम नीतिगत यथार्थ
- 31 नागरिक समाज और एनजीओ: लोकतांत्रिक शासन के साझेदार
- 32 वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र एवं न्याय तक पहुँच
- 33 निःशुल्क विधिक सहायता एवं सुभेद्य वर्ग
- 34 प्रमुख योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण
- 35 संसदीय उत्पादकता में गिरावट: कारण एवं उपाय
- 36 लोकसभा के उपाध्यक्ष: संवैधानिक स्थिति और रिक्ति विवाद
- 37 न्यायिक सुधार: गति, पहुँच एवं जवाबदेही
- 38 कारागार सुधार: कारावास का अधिकार-आधारित दृष्टिकोण
- 39 भारत में अधिकरण: कार्यकुशलता बनाम न्यायिक स्वतंत्रता
- 40 न्यायपालिका में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): गति एवं निष्पक्षता हेतु तकनीक
- 41 राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गोपनीय सूचना संरक्षण कानून
- 42 शासन में नागरिक भागीदारी: उपकरण एवं चुनौतियाँ
- 43 स्थानीय निकायों का लेखा-परीक्षण: जमीनी स्तर पर उत्तरदायित्व की मजबूती
- 44 उपभोक्ता संरक्षण और डिजिटल बाजार
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- 47 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव
- 48 भारत में आर्द्रभूमि शासन
- 49 पर्यावरणीय शासन को सुदृढ़ करने में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका
- 50 सतत जीवनशैली एवं वैश्विक पर्यावरणीय साझेदारी
- 51 वायु एवं जल प्रदूषण नियंत्रण कानूनों में संशोधन
- 52 राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की भूमिका एवं उसके महत्त्वपूर्ण निर्णय
- 53 भारत की स्थिति : COP29 एवं वैश्विक आकलन प्रक्रिया (Global Stocktake)
- 54 जलवायु वित्त और हानि एवं क्षति तंत्र का परिचालन
- 55 भारत के एनडीसी (NDCs) एवं पेरिस समझौते के लक्ष्यों पर प्रगति
- 56 दीर्घकालिक निम्न-उत्सर्जन रणनीति (LT-LEDS): भारत की शून्य-उत्सर्जन यात्रा
- 57 जलवायु न्याय और वार्ताओं में समानता का सिद्धांत
- 58 जलवायु वित्त वर्गीकरण: हरित निवेश मानकों की परिभाषा
- 59 जलवायु परिवर्तन का कृषि एव खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव
- 60 जल संकट एवं जलवायु सहनशीलता
- 61 उत्सर्जन व्यापार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन
- 62 समुद्री डिकार्बोनाइजेशन एवं जलवायु नीति
- 63 कार्बन बॉर्डर अडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) एवं भारतीय निर्यात
- 64 जैन विविधता (संशोधन) अधिनियम, 2023 एवं नियम, 2024 मुख्य परिवर्तन
- 65 अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) : भारत की वैश्विक संरक्षण नेतृत्व भूमिका
- 66 मानव-वन्यजीव संघर्ष शमन रणनीतियाँ
- 67 जैव विविधता के लिए खतरे : आक्रामक प्रजातियाँ और कोरल ब्लीचिंग
- 68 जैव विविधता संरक्षण में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की भूमिका
- 69 बायोपाइरेसी (Biopiracy) के लिए कानूनी तंत्र
- 70 स्थानिक एवं संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण
- 71 आईयूसीएन रेड लिस्ट 2024: भारत की प्रजातियों की स्थिति में परिवर्तन
- 72 चक्रीय अर्थव्यवस्था एवं विस्तारित उत्पादक दायित्व (EPR)
- 73 जलवायु अनुकूलन में मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्र की भूमिका
- 74 विकास की आवश्यकताओं एवं पारिस्थितिक सीमाओं का सामंजस्य
- 75 राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: नेट जीरो की ओर मार्ग
- 76 हरित शासन के स्तंभ के रूप में स्थानीय समुदाय
- 77 जल शासन और नदी पुनर्जीवन
- 78 पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्रः हालिया अधिसूचनाएँ और कानूनी संघर्ष
- 79 पर्यावरण-आर्थिक लेखांकन प्रणाली (SEEA)
- 80 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2025: जलवायु जोखिमों का एकीकृत
- 81 आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रतिक्रिया में प्रौद्योगिकी की भूमिका
- 82 भूस्खलन जोखिम आकलन एवं प्रबंधन रणनीतियाँ
- 83 हिमनद झील विस्फ़ोट बाढ़ (GLOFs) का प्रबंधान
- 84 उत्तराखंड में बादल फ़टने की घटनाएँ: जलवायु संबंध
- 85 जलवायु-प्रेरित विस्थापन एवं नीतिगत ढाँचे की आवश्यकता
- 86 जलवायु परिवर्तन का सामाजिक संवेदनशीलता और लैंगिक असमानता पर प्रभाव
- 87 भारत में वनाग्नि प्रबंधन

