उपभोक्ता संरक्षण और डिजिटल बाजार

डिजिटल युग में उपभोक्ता संरक्षण एक जटिल चुनौती है। पारंपरिक कानूनी ढाँचे, जो भौतिक बाजारों के लिए बनाए गए थे, ऑनलाइन लेन-देन की विशिष्टताओं से निपटने में प्रायः अपर्याप्त सिद्ध होते हैं। ई-कॉमर्स, डिजिटल सेवाओं और सोशल मीडिया विज्ञापन के बढ़ते प्रभाव ने उपभोक्ताओं के सामने नई संवेदनशीलताएँ खड़ी कर दी हैं, जैसे भ्रामक सूचनाएँ, अपारदर्शी अनुबंध और डेटा गोपनीयता का जोखिम।

  • भारत ने इस चुनौती का सामना करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और इसके नियमों के माध्यम से आधुनिक कानूनी ढाँचा तैयार किया है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना और डिजिटल बाजार में संतुलन स्थापित करना है।

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