जलवायु न्याय और वार्ताओं में समानता का सिद्धांत

जलवायु न्याय (Climate Justice) और समता (Equity), अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ताओं, विशेष रूप से UNFCCC और पेरिस समझौते के ढाँचों के अंतर्गत, भारत के दृष्टिकोण की आधारभूत अवधारणाएँ हैं। जलवायु न्याय का तात्पर्य है, ऐतिहासिक उत्सर्जन, क्षमताओं में अंतर और सतत विकास के अधिकार को स्वीकारते हुए सभी देशों और समुदायों के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना।

हालिया प्रगति

  • बाकू में आयोजित COP29 में इस बात पर जोर दिया गया कि जलवायु वित्त का आवंटन समानता-आधारित हो तथा विकसित देशों को हानि और क्षति (Loss & Damage) और अनुकूलन (Adaptation) हेतु संवेदनशील देशों को अधिक वित्तीय सहयोग देना होगा।
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने ....

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