सामयिक

गरीबी और भूख:

भारतीय पोषण कृषि कोष

  • देश में कुपोषण के खतरे को सामना करने के लिए18 नवंबर, 2019 को, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स के साथकेंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय (WCD)ने भारतीय पोषण कृषि कोष (BPKK) की शुरुआत की।

लक्ष्य

  • कृषि सहित बहु-क्षेत्रीयपरिणाम-आधारित ढांचे के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के बीच कुपोषण को कम करना,
  • प्राथमिक आहार प्रथाओं को बढ़ावा देना |

जरुरत

  • आधुनिक खानपान के तरीके में वृद्धि: आधुनिक खानपान तरीके के परिणामस्वरूप कम पौष्टिक औद्योगिक और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का सेवन बढ़ा है एवं पारंपरिक और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवनमें कमी हुई है, जिससे सभी आयु वर्ग में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि हुई है।
  • आहार विविधता में कमी: देश में आहार विविधता का अभाव है, जो प्रचलित कुपोषण के प्रमुख कारणों में से एक है।
  • चावल और गेहूं का वर्चस्व: पिछले कुछ दशकों में, अन्य सभी पोषण अनाज को निष्प्रभ कर केवल दो अनाज- चावल और गेहूं भारतीय आहार का मुख्य आधार रहा है।

BPKK के बारे में

  • WCD मंत्रालय और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के परामर्श से, परियोजना टीम लगभग 12 उच्च फोकस वाले राज्यों का चयन करेगी जो भारत की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और संरचनात्मक विविधताओं के प्रतिनिधि हैं।
  • प्रत्येक राज्य या राज्यों के समूह में परियोजना टीम एक स्थानीय साझेदार संगठन की पहचान करेगी, जिसके पास सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार (Social and Behaviour Change Communication-SBCC) एवं नक्‍शा तैयार करने के लिये पोषक आहारों का आवश्‍यक अनुभव होना चाहिए।
  • इसके अलावा, भारत को पोषण के मामले में सुरक्षित बनाने के लिए पांच-सूत्रीय कार्ययोजना प्रस्तावित किया गया है-
  • महिलाओं, गर्भवती महिलाओं तथा बच्‍चों के लिए कैलरी से भरपूर आहार सुनिश्चित करना,
  • महिलाओं और बच्‍चों में मुखमरी खत्‍म करने हेतु भोजन में समुचित मात्रा में दालों के रूप में प्रोटीन का शामिल किया जाना,
  • विटामिन ए, विटामिन बी, आयरन तथा जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व की कमी के कारण होने वाली गुप्त भूख को खत्‍म करना,
  • स्‍वच्‍छ पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना,
  • 100 दिन से कम आयु के बच्‍चों वाले गांवों में महिलाओं को पोषण के बारे में जागरुक बनाना |
  • पांच सूत्री कार्य योजना विभिन्न सतत विकास लक्ष्यों (SDG) जैसे कि SDG-2 (शून्य भूख), SDG-3 (अच्छा स्वास्थ्य) और एसडीजी 6 (स्वच्छ जल व स्वच्छता) के साथ संरेखित करता है।

 

पोषण एटलस

  • पोषण अभियान के तहत सरकार के बहु-मंत्रालय अभिसरण मिशन के साथ2022 तककुपोषण मुक्त भारत की प्राप्ति सुनिश्चित करने की दृष्टि से मंत्रालय हार्वर्ड चान स्कूल ऑफपब्लिक हेल्थ और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ क्षेत्रीय आहार प्रथाओं का अध्ययन करेगा और भारत का पहला पोषण एटलस का विकास करेगा।

महत्त्व

  • पोषण एटलस देश के विभिन्न क्षेत्रों में उगाई जाने वाली फसलों और खाद्यान्नों का नक्शातैयार करेगा क्योंकि कुपोषण से निपटने का उपाय क्षेत्रीय फसल पैटर्न को बढ़ावा देने औरप्रोटीन से भरपूर स्थानीय खाद्य पदार्थों का सेवनकरने से दूर किया जा सकता है |
  • एटलस के माध्यम से प्राप्त जानकारी को सभी हितधारकों - किसानों, खाद्य आपूर्तिमध्यस्थों और उपभोक्ताओं के बीच कार्यान्वयन के लिए प्रसारित किया जाएगा।

महत्ता

  • मार्गदर्शक बल: यह मार्गदर्शक बल के रूप में कार्य करेगा, अभिभावकों और समुदायों को यह बताएगा कि क्या खिलाना है और क्या उपभोग करना है।
  • व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित करना: हमारी फसल विविधता और पौष्टिक भोजन में क्षेत्रीय विविधताओं के बारे में जागरूकता और ज्ञान देश भर की मांग में परिवर्तन एवं व्यवहार परिवर्तन को प्रेरित करेगा, इसके साथ हीकिसानों और कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को उपभोक्ता जरूरतों को पूरा करने के अवसर प्रदान करेगा।
  • बेहतर परिणाम के लिए अलग-अलग सहयोग: इसके अलावा, परियोजना सरकार, अकादमिया, वैज्ञानिक समुदाय, निजी क्षेत्र और सांस्कृतिक समूहों को सहयोग का मंच प्रदान करती है | यह सामुदायिक स्तर पर लागू होने वाले स्थानीय, व्यावहारिक समाधान खोजने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाती है।
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