सामयिक
ओडिशा:
ओडिशा द्वारा 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की 9 औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी
ओडिशा सरकार ने 11 सितंबर, 2023 को 1,01,804 करोड़ रुपये की 9 औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
- परियोजनाओं में JSW स्टील द्वारा 5-एकीकृत स्टील प्लांट, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड द्वारा एक पेलेट प्लांट, श्री सीमेंट लिमिटेड द्वारा सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट और अन्य शामिल हैं।
- ये परियोजनाएं विभिन्न क्षेत्रों में 28,565 लोगों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेंगी।
- परियोजनाओं का विविध स्पेक्ट्रम निवेश के इरादों को साकार करने और उन्हें ठोस आर्थिक लाभ में बदलने के लिए ओडिशा के समर्पण को रेखांकित करता है।
- ये परियोजनाएं जगतसिंहपुर, जाजपुर, झारसुगुड़ा, खोरधा, पारादीप, भद्रक, गंजम और कोरापुट जिलों सहित पूरे राज्य में स्थित होंगी।
ओडिशा सरकार ने 'अमा ओडिशा, नवीन ओडिशा' योजना को मंजूरी दी
ओडिशा सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 10 जुलाई, 2023 को 'अमा ओडिशा नवीन ओडिशा' योजना को मंजूरी दी है।
- राज्य बजट से इस योजना के तहत 4000 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
- यह योजना राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में सभी ग्राम पंचायतों को 50 लाख रुपये की पात्रता के साथ कवर करेगी।
- परियोजना की लागत 2.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच होगी।
- यह योजना 2018 में सरकार द्वारा शुरू की गई 'अमा गांव, अमा विकाश' का एक नवीनीकृत संस्करण है।
1 अप्रैल को ओडिशा में उत्कल दिवस
प्रति वर्ष 1 अप्रैल को ओडिशा में उत्कल दिवस मनाया जाता है। 1 अप्रैल, 2023 को ओडिशा अपना 88वां स्थापना दिवस मनाया।
- भाषा के आधार पर 1 अप्रैल 1936 को पहले राज्य के तौर पर ओडिशा राज्य का गठन हुआ था।
- उत्कल प्रांत ने अपने 88वें स्थापना दिवस की थीम 'उड़िया संस्कृति और विरासत का जश्न' रखा है। यह थीम ओडिशा की विशाल संस्कृति और परंपराओं पर प्रकाश डालती है।
- वर्ष 2023 थीम का उद्देश्य वास्तुकला, मूर्तिकला, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में ओडिशा के योगदान को रेखांकित करना है।
- क्षेत्रफल के अनुसार यह देश का 8वां और जनसंख्या के अनुसार 11वां सबसे बड़ा राज्य है। ओडिशा राज्य में वर्तमान में 30 जिले हैं।
- आदिवासियों की जनसंख्या के मामले में ओडिशा भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है।
- भारतीय संसद द्वारा 9 नवंबर 2010 को उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा रख दिया गया। ओडिशा को भगवान जगन्नाथ की भूमि भी कहा जाता है।
ओडिशा में 1300 साल पुराना बौद्ध स्तूप मिला
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने हाल ही में पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर के पास एक 1,300 साल पुराने बौद्ध स्तूप की खोज की है। खनन कार्य के दौरान स्तूप की खोज की गई थी।
- यहां खोंडालाइट पत्थर (Khondalite stone) का खनन होता है। इस पत्थर का उपयोग पुरी जगन्नाथ मंदिर के निर्माण में किया गया था।
- यह स्तूप 4.5 मीटर ऊँचा है और प्रारंभिक आकलन से पता चला है कि यह 7वीं या 8वीं शताब्दी का है।
- खोजा गया स्तूप 4.5 मीटर लंबा है जो7वीं या 8वीं शताब्दी का है।
- इस स्तूप की खोज ओडिशा के प्रभादी स्थल में हुई थी। प्रभादी स्थल एक प्रमुख बौद्ध परिसर ललितागिरी के पास स्थित है। ललितागिरी में कई स्तूप, बुद्ध चित्र और मठ हैं।
- एक पत्थर के ताबूत के अंदर बुद्ध के अवशेष वाले एक विशाल स्तूप की खोज के कारण ललितगिरि बौद्ध स्थल को तीन साइटों (ललितगिरि, रत्नागिरि और उदयगिरि) में सबसे पवित्र माना जाता है।
खोंडालाइट :- यह एक प्रकार की कायांतरित चट्टान है जो भारत के पूर्वी घाट में विशेष रूप से ओडिशा राज्य में पाई जाती है। खोंडालाइट मुख्य रूप से फेल्डस्पार, क्वार्ट्ज़ और अभ्रक से बनी है एवं गुलाबी-ग्रे रंग इसकी विशेषता है। इसे सामान्यतः निर्माण में एक सजावटी पत्थर के रूप में उपयोग किया जाता है।
बालिका पंचायत
17 जून, 2022 को बालिका पंचायत शुरू करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है| यह 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' अभियान के तहत गुजरात सरकार के महिला एवं बाल विकास कल्याण विभाग की एक पहल है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- बालिका पंचायत का संचालन 11-21 आयु वर्ग की बालिकाएं करती हैं।
- बालिका पंचायत का उद्देश्य लड़कियों के सामाजिक और राजनीतिक विकास को बढ़ावा देना और समाज से बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करना है।
- बालिका पंचायत में सदस्य को ग्राम पंचायत की तरह ही मनोनीत किया जाता है।
- बालिका पंचायत की स्थापना से गुजरात में बालिका शक्ति को बल मिलेगा। यह अन्य राज्यों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल है जहां बाल विवाह प्रचलित है या लड़कियों की शिक्षा में गिरावट आ रही है।
- कच्छ जिले की पुनरिया पंचायत की बालिका सरपंच गरवा बाटी बालिका पंचायत के लाभों की गणना करती है, जिससे लड़कियों को समाज और राजनीति में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
ओडिशा में सड़क दुर्घटना मृत्युओं में 'दुर्लभ' नकारात्मक वृद्धि
ओडिशा, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के नियमित निर्देशों के बावजूद सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने में लगातार विफल रहा था, ने दुर्घटना में होने वाली मौतों में पहली नकारात्मक वृद्धि दर्ज की है।
- इस साल के पहले दो महीनों में दुर्घटनाओं और मौतों में कमी आई है।
- जनवरी और फरवरी हमेशा उच्च दुर्घटनाओं के महीने रहे हैं। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में जनवरी और फरवरी 2022 के दो महीनों के दौरान दुर्घटनाओं में 15.34% और मृत्यु दर में 10.33% की गिरावट आई है।
- राज्य भर में सड़क सुरक्षा मानदंडों को सख्ती से लागू करने के कारण पहली बार दुर्घटनाओं और मौतों में नकारात्मक वृद्धि हुई है।
- जनवरी 2022 के दौरान राज्य में 961 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिसके परिणामस्वरूप456 मौतें हुईं, जबकि जनवरी 2021 के दौरान 1,104 दुर्घटनाएं और 492 मौतें दर्ज की गईं।
- जनवरी 2022 में दुर्घटनाओं में 12.95% की कमी आई, जबकि मौतों में 7.32% की गिरावट आई।
'मो स्कूल हॉकी क्लब' पहल
ओडिशा सरकार राज्य के सभी जिलों के स्कूलों में हॉकी क्लब शुरू करेगी।
(Image Source: https://newsonair.gov.in/)
- ओडिशा हॉकी प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा कि 'मो स्कूल हॉकी क्लब' पहल ('Mo School Hockey Club' initiative) का उद्देश्य स्कूल स्तर से हॉकी संस्कृति को बढ़ावा देना है।
- ओडिशा सरकार की यह पहल हॉकी में जमीनी स्तर की प्रतिभाओं के विकास और तराशने की दिशा में एक प्रयास है।
- शुरुआत में सभी 30 जिला मुख्यालयों में खेल के मैदान वाले स्कूलों में ये हॉकी क्लब बनाए जाएंगे।
- इन क्लबों को विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के माध्यम से नियमित प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
- हॉकी के लिए खेल उपकरण खरीदने, खेल के मैदानों के रखरखाव, खिलाड़ियों के लिए जलपान और प्राथमिक चिकित्सा आदि के लिए वित्तीय अनुदान का भी प्रावधान किया गया है।
- इन क्लबों में लड़के और लड़कियों दोनों की टीमें होंगी।
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल का निधन
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल का 25 फरवरी, 2022 को भुवनेश्वर में निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे।
(Image Source: https://indianexpress.com/)
- बिस्वाल दो बार मुख्यमंत्री चुने गए थे - 7 दिसंबर, 1989 से 5 मार्च, 1990 तक और फिर 6 दिसंबर, 1999 से 5 मार्च, 2000 तक।
- वे राज्य के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री थे। वे कांग्रेस के टिकट पर छ: बार ओडिशा विधान सभा के लिए चुने गए।
- 2009 में वे सुंदरगढ़ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद भी चुने गए थे।
ओडिशा के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में प्ले ग्रुप कक्षा का प्रस्ताव
जनवरी 2022 में ओडिशा सरकार ने सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में 'प्ले ग्रुप कक्षाएं' (play classes) शुरू करने का प्रस्ताव किया है ताकि बच्चों को पहली से तीसरी कक्षा में बुनियादी साक्षरता और अंकगणित के लिए एक मजबूत तैयारी विकसित करने में मदद मिल सके।
- ओडिशा स्कूल और जन शिक्षा विभाग की आगामी शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से राज्य में आंगनवाड़ी केंद्रों के पास 5000 प्राथमिक विद्यालयों में प्ले कक्षा शुरू करने की योजना है।
- प्रारंभ में, इन प्ले स्कूलों को शहरी या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में शुरू करने का प्रस्ताव है।
- प्ले ग्रुप (5 वर्ष तक की आयु) के बच्चे प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक पूरक पोषाहार कार्यक्रम के लिए आंगनबाडी में भाग लेंगे, तत्पश्चात विद्यालय के मार्गदर्शन में प्रातः 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेंगे और इसके बाद आंगनवाड़ी केंद्रों में मध्याह्न भोजन करेंगे।
- प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो शिक्षकों (अधिमानतः महिला) को प्ले कक्षाओं के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
गंजम जिला बाल विवाह मुक्त घोषित
3 जनवरी‚ 2022 को ओडिशा के गंजम जिले को 'बाल विवाह मुक्त' जिला घोषित किया गया । गंजम बाल विवाह मुक्त होने वाला राज्य में पहला जिला है।
(Image Source: https://www.indiatvnews.com/)
- जिला प्रशासन दो साल (2020-2021) में 450 बाल विवाह को रोकने और 48,383 विवाहों की वीडियो-रिकॉर्डिंग करने में सक्षम रहा।
- जिला प्रशासन ने सितंबर 2019 में किशोरों के सशक्तीकरण और बाल विवाह को रोकने के लिए एक अभिनव जागरूकता अभियान कार्यक्रम 'निर्भया कढ़ी' (Nirbhaya Kadhi) शुरू किया।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) ने किशोरियों को शिक्षित करने के लिए हर महीने बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में ग्रामीण स्तर पर बैठकें आयोजित की।
- बाल विवाह के बारे में प्रशासन को सूचित करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए 5,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।