सामयिक

राजस्थान :

राजस्थान सरकार ने देश का पहला गिग वर्कर्स बिल पेश किया

राजस्थान सरकार ने 21 जुलाई, 2023 को राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित जीआईजी वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) विधेयक, 2023 पेश किया।

  • यह देश का पहला ऐसा विधेयक है, जो गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने का प्रयास करता है।
  • राज्य सरकार पहले उल्लंघन के लिए 5 लाख रुपये तक और बाद के उल्लंघन के लिए 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकती है।
  • विधेयक के तहत, राज्य एक 'राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग श्रमिक कल्याण बोर्ड' का गठन करेगा।
  • गिग श्रमिक कल्याण बोर्ड राज्य में काम करने वाले गिग श्रमिकों और एग्रीगेटर्स का पंजीकरण सुनिश्चित करेगा।

राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला पहला राज्य

राजस्थान विधानसभा में 21 मार्च, 2023 को स्वास्थ्य का अधिकार (Right to Health ) विधेयक पारित किया गया है। स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य हो गया है।

  • राजस्थान के निवासियों को इससे चिकित्सा संस्थान एवं डेजिग्नेटेड हैल्थ केयर सेन्टर में निर्धारित नियमानुसार निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने का अधिकार होगा।
  • मरीजों को सभी निजी स्वास्थ्य संसथान में उनके मेडिकल केयर लेवल के अनुसार निःशुल्क इलाज करने का प्रावधान होगा।
  • राइट टू हेल्थ का उल्लंघन करने और इलाज से मना करने पर 10 से 25 हजार तक का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।

स्वास्थ्य का अधिकार :- भारत संयुक्त राष्ट्र द्वारा सार्वभौमिक अधिकारों की घोषणा (1948) के अनुच्छेद-25 का हस्ताक्षरकर्त्ता है जो भोजन, कपड़े, आवास, चिकित्सा देखभाल और अन्य आवश्यक सामाजिक सेवाओं के माध्यम से मनुष्यों को स्वास्थ्य कल्याण के लिये पर्याप्त जीवन स्तर का अधिकार देता है।

राजस्थान में 19 नए जिले की घोषणा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 मार्च 2023 को राज्य में 19 नए जिलों और 3 संभागीय मुख्यालयों के गठन की घोषणा की। अब राज्य में जिलों की संख्या 50 हो गई है।

  • राजस्थान में अब 33 से बढ़कर 50 जिले हो जाएंगे, जबकि संभाग की संख्या 7 से बढ़कर 10 हो जाएगी।
  • राज्य में अनूपगढ, ब्यावर, बालोतरा, डीग, डीडवाना, दूदू, गंगापुर सीटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी, कोटपुतली, बहरोड़, खैरथल, फलोदी, सलुंबर, सांचोर, शाहपुरा और नीम का थाना नए जिले होंगे।
  • राजस्थान में तीन नए संभाग - बांसवाड़ा, पाली और सीकर होंगे। अब तक जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा, अजमेर और बीकानेर संभाग थे।

आंचल अभियान

हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए करौली (Karauli) जिले में एक विशेष स्वास्थ्य देखभाल अभियान 'आंचल' शुरू किया गया है।

मुख्य बिंदु

  • इस अभियान से 13 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। यह अनूठा अभियान गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर अवस्था में सभी आवश्यक चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।
  • इस अभियान के तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि जिले में सहायक नर्स मिडवाइफ और आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं के साथ लगातार संपर्क में रहें और उन्हें जरूरत पड़ने पर आवश्यक परामर्श और उपचार प्रदान करें|

राजस्थान का पहला पक्षी उद्यान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 12 मई, 2022 को उदयपुर के गुलाबबाग में प्रदेश के पहले पक्षी उद्यान (Bird park) का लोकार्पण किया।

  • 11.50 करोड़ रुपए की लागत के इस पक्षी उद्यान का निर्माण पर्यटन विभाग, वन विभाग व नगर निगम द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
  • यह पक्षी उद्यान करीब 3.85 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • मुख्यमंत्री ने उदयपुर जिले में पैंथर्स (Panthers) की संख्या को देखते हुए पैंथर संरक्षण के लिए ‘पैंथर रेस्क्यू सेंटर’ (Panther Rescue Center) स्थापित करने की घोषणा की।
  • उदयपुर जिले में पैंथर्स की बड़ी संख्या है, जो कई बार आबादी क्षेत्र में भी आ जाते हैं।

राजस्थान सरकार ने पेश किया बजट 2022-23

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 फरवरी, 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया।

(Image Source: https://newsonair.gov.in/)

  • 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' के लिए 800 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
  • चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्वास्थ्य कवर को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति परिवार कर दिया है।
  • 100 यूनिट तक का उपयोग करने वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए 50 यूनिट मुफ्त बिजली का प्रावधान।
  • सीएम कृषक साथी योजना के लिए 5,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
  • वर्ष 2022-23 के लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के लिए 2700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसके तहत 5 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
  • मनरेगा में 100 दिन की जगह 125 दिन का रोजगार देने की घोषणा की गई है।
  • आने वाले वर्ष में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 1,000 और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किए जाएंगे।
  • पर्यटन और आतिथ्य को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा की गई है।
  • राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) में एंटी चीटिंग सेल (anti-cheating cell) की स्थापना की जाएगी।

लिग्नाइट खनन

राजस्थान सरकार बीकानेर जिले के गुढ़ा पश्चिम (Gudha West) में लिग्नाइट के खनन और इसके आसपास के क्षेत्र में एक नया लिग्नाइट आधारित ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना के लिए एक महत्वाकांक्षी रोड मैप तैयार कर रही है।

  • संयुक्त कार्य योजना से राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।
  • गुढ़ा पश्चिम में 10 लाख टन की लिग्नाइट खनन क्षमता उपलब्ध थी, जहां वर्ष 2005 में भी 125 से 135 मेगावाट क्षमता का बिजली संयंत्र स्थापित करने की योजना थी।
  • केंद्र सरकार का नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन पहले से ही गुढ़ा पूर्व (Gudha East) में अपने बिजली संयंत्र में बिजली पैदा कर रहा है।
  • लिग्नाइट एक निम्न श्रेणी का कोयला है, जिसे अक्सर ‘भूरे कोयले’ के रूप में जाना जाता है। यह एक नरम, भूरा, दहनशील, तलछटी चट्टान है, जो प्राकृतिक रूप से संकुचित पीट से बनती है।
  • लिग्नाइट में 25% -35% कार्बन होता है और इसमें सभी कोयला रैंकों की ऊर्जा सामग्री सबसे कम होती है।

मृदा स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करने के लिए आदिवासी किसानों की पहल को एफएओ ने दी

मृदा स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करने और इसकी जैव विविधता को बहाल करने के लिए दक्षिणी राजस्थान के तीन जिलों में आदिवासी किसानों की एक सामुदायिक पहल को संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) से मान्यता दी गई है।


(Image Source: https://www.thehindu.com/)

  • एफएओ ने मृदा स्वास्थ्य, कृषि उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण पर इसके प्रभाव के लिए इस क्षेत्र में अपनाई गई 'पोषण-संवेदनशील कृषि प्रणाली' (nutrition-sensitive farming system) की प्रशंसा की है।
  • आदिवासी बहुल प्रतापगढ़, डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में शुरू की गई पहल से बड़ी संख्या में पारंपरिक कृषि पद्धतियों का पुनः प्रवर्तन हुआ है।
  • एफएओ ने इस पहल की सराहना की है और इसे अपने हालिया प्रकाशनों में से एक 'सॉएल बायोडाइवर्सिटी इन एक्शन' (Soil biodiversity in action) विषय के तहत शामिल किया है।
  • पोषण के प्रति संवेदनशील कृषि में प्राकृतिक उर्वरकों के रूप में फलियों के साथ मिश्रित फसल, फसल चक्रण, कृषि-वानिकी, मल्चिंग(mulching), वासभूमि में वृक्षारोपण और कृषि क्षेत्रों के चारों ओर घास के मैदान और घास की पट्टियाँ उगाना शामिल है।

राजस्थान की सोजत मेहंदी को मिला जीआई टैग

सितंबर 2021 में राजस्थान की 'सोजत मेहंदी' को सरकार से भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग प्राप्त हुआ है।

(Image Source: The Hindu)

  • सोजत मेहंदी की उत्पत्ति राजस्थान के पाली जिले की सोजत तहसील में उगाई जाने वाली मेहंदी के पत्तों से होती है।
  • सोजत मेहंदी की पत्तियों में उच्च मात्रा में लॉसोन (पत्तियों में मौजूद एक लाल-नारंगी रंग) प्राप्त करने के लिए वर्षा जल द्वारा इसकी पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से खेती की जाती है।
  • सोजत तहसील के कई प्राकृतिक कारक जैसे- भू-वैज्ञानिक संरचना, स्थलाकृति और जल निकासी प्रणाली, जलवायु और मिट्टी इसकी फसल के लिए उपयुक्त होते हैं।
  • मेहंदी के पत्तों को सुखाकर सुगंधित तेल भी निकाला जाता है। मेहंदी के पौधे की पत्तियां, छाल, बीज और जड़ औषधीय रूप में प्रयोग की जाती है।

राजस्थान ने अपनाया खेती सुगमता मॉडल

अगस्त 2021 में 'राज किसान साथी पोर्टल' (Raj Kisan Saathi portal) के शुभारंभ के साथ राजस्थान में एक अनूठा 'खेती सुगमता' मॉडल (ease of doing farming model) अपनाया गया है।

  • पोर्टल उन्नत कृषि और कृषि विपणन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को डिजिटल तकनीक से जोड़ेगा।
  • एकल खिड़की समाधान के रूप में, पोर्टल विभिन्न लाइसेंस जारी करेगा और कृषि और बागवानी क्षेत्रों में योजनाओं के लिए आवेदन स्वीकार करेगा।
  • पोर्टल में कृषि और संबंधित विभागों पर कुल 144 मॉड्यूल होंगे, जो किसानों को तालाबों, पानी की टंकियों, सिंचाई पाइपलाइन, कृषि उपकरण, छिड़काव यंत्र और ग्रीनहाउस शेड पर योजनाओं के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे।
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