सामयिक
मणिपुर:
एन बीरेन सिंह लगातार दूसरी बार मणिपुर के मुख्यमंत्री
एन बीरेन सिंह ने 21 मार्च, 2022 को लगातार दूसरी बार मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
(Image Source: https://twitter.com/NBirenSingh)
- राज्यपाल 'ला गणेशन' ने उन्हें अन्य मंत्रियों के साथ राजभवन, इंफाल में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
- बीरेन सिंह विधान सभा चुनाव में हिंगांग विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित हुये। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार पी शरतचंद्र को 17,000 से अधिक मतों से हराकर रिकॉर्ड पांचवीं बार सीट जीती।
- विधान सभा चुनाव में, भाजपा ने 60 सीटों में से 32 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया, जबकि नेशनल पीपुल्स पार्टी ने सात, कांग्रेस और एनपीएफ ने पांच-पांच सीटें और जनता दल (यूनाइटेड) ने छ: सीटें जीतीं।
- भाजपा के थोकचोम सत्यब्रत सिंह सर्वसम्मति से 12वीं मणिपुर विधान सभा के नए अध्यक्ष (स्पीकर) चुने गए। वे यैस्कुल निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुने गए।
18वां कचाई लेमन फेस्टिवल
दो दिवसीय ‘18वां कचाई लेमन फेस्टिवल’ (18th Kachai Lemon Festival) 13-14 जनवरी, 2022 को मणिपुर में उखरूल जिले के कचाई गांव के स्थानीय मैदान में आयोजित किया गया।
(Image Source: https://newsonair.gov.in/)
- मणिपुर के कचाई नींबू को भौगोलिक संकेतक (जीआई) पंजीकरण टैग प्रदान किया गया है, जिसे उखरूल जिले के कचाई गांव में काफी मात्रा में उगाया जाता है।
- दुनिया के अन्य हिस्सों में उगाई जाने वाली अन्य नींबू किस्मों के विपरीत, कचाई नींबू को अनोखा माना जाता है क्योंकि यह एस्कॉर्बिक एसिड का एक समृद्ध स्रोत है और यह प्रचुर मात्रा में रस के लिए भी प्रसिद्ध है।
- इस अनोखे प्रकार के नींबू को बढ़ावा देने और नींबू किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल कचाई लेमन फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है।
- इस वर्ष महोत्सव का आयोजन 'सुरक्षित पर्यावरण और ग्रामीण परिवर्तन के लिए जैविक कचाई नींबू' (Organic Kachai Lemon for Safe Environment and Rural Transformation) विषय (theme) के तहत किया गया।
मणिपुर 'स्टार' शिक्षा कार्यक्रम
मणिपुर सरकार ने 16 अक्टूबर, 2021 को राज्य की शिक्षा प्रणाली में बदलाव करने के लिए एक नया प्रमुख कार्यक्रम 'स्टार' शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया।
- यह कार्यक्रम शिक्षकों और छात्रों को शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया में मदद करेगा।
- यह कार्यक्रम नवीन प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित प्लेटफार्मों की शुरूआत जैसे उपायों को लागू करेगा।
- कार्यक्रम के हिस्से के रूप में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण सामग्री, शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और कोचिंग और प्रौद्योगिकी-सक्षम सहायता करने वाली टीमों को भी पेश किया जाएगा।
- प्रथम वर्ष में 500 स्कूलों के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत होगी।
नट-संकीर्तन
जवाहरलाल नेहरू मणिपुर नृत्य अकादमी, इंफाल के मंडप में 28 से 30 सितंबर, 2021 तक 3 दिवसीय नृत्य और संगीत समारोह 'नट-संकीर्तन' (Nata-Sankirtana) का आयोजन किया गया।
(Image Source: https://ich.unesco.org/)
- यह महोत्सव अकादमी की गतिविधियों की वार्षिक विशेषता है।
- संकीर्तन मणिपुर का एक अनुष्ठान नृत्य और संगीत रूप है।
- नट संकीर्तन शास्त्रीय रागों में भगवान कृष्ण का एक भजन है, जो विभिन्न स्वदेशी लय का संश्लेषण करता है।
- संकीर्तन अपने प्रदर्शन में लय पैटर्न और वेशभूषा के साथ-साथ विशिष्ट नियमों और विनियमों द्वारा निर्धारित एक अत्यंत सख्त कोड का पालन करता है।
- मणिपुर के मैदानों के वैष्णव लोगों के जन्म से लेकर मृत्यु तक किसी व्यक्ति के जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों को चिह्नित करने के लिए संकीर्तन किया जाता है।
- मणिपुर की इस अनूठी सांस्कृतिक विरासत को 2013 में यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रदर्शक सूची (Representative List) में अंकित किया गया था।
मणिपुर की अनूठी हाथी मिर्च और तामेंगलोंग संतरे ने हासिल किया जीआई टैग
सितंबर 2021 में मणिपुर के उखरुल जिले में पाई जाने वाली तथा अपने अनोखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध 'हाथी मिर्च' (Hathei chilli) और 'तामेंगलोंग संतरे' को भौगोलिक संकेतक (जीआई) प्रदान किया गया है।
(Source: Ministry of DoNER Twitter)
हाथी मिर्च: इसे आमतौर पर ‘सिराराखोंग मिर्च’ (Sirarakhong Chilli) के रूप में जाना जाता है, यह केवल सिराराखोंग गांव की जलवायु परिस्थिति में ही अच्छी तरह से उगाई जाती है, जो इंफाल से लगभग 66 किमी. दूर स्थित है।
- उखरुल जिले के सिराराखोंग गांव के स्थानीय लोग इसे 'भगवान का उपहार' मानते हैं।
- सिराराखोंग 'हाथी' मिर्च को बढ़ावा देने के लिए अगस्त में मणिपुर में एक वार्षिक उत्सव आयोजित किया जाता है।
तामेंगलोंग संतरा: यह आकार में बड़ा होता है, जिसका वजन औसतन 232.76 ग्राम होता है। यह एक मीठे और खट्टे स्वाद वाला अनोखा संतरा है। इसमें उच्च रस सामग्री (लगभग 45%) है और यह एस्कॉर्बिक एसिड से समृद्ध है।
- यह ज्यादातर तामेंगलोंग जिले में पाया जाता है, जिसे 'मणिपुर के संतरे के कटोरे' (Manipur’s ‘orange bowl) के रूप में जाना जाता है।
अन्य तथ्य: मई 2020 में, अपनी विशेष सुगंध के लिए प्रसिद्ध ‘मणिपुर काले चावल’ ने जीआई टैग हासिल किया था। इससे पहले, उखरुल जिले के कछाई गांव में उगाए जाने वाले नींबू की एक अनूठी किस्म 'कछाई नींबू' को भी जीआई टैग प्रदान किया गया था।
चेरी ब्लॉसम माओ फेस्टिवल
मणिपुर में, सेनापति जिले में 9 जनवरी, 2021 को ‘चेरी ब्लॉसम माओ फेस्टिवल’ (Cherry Blossom Mao Festival) आयोजित किया गया, जो जिले में गुलाबी मौसम (Pink season) की शुरुआत का प्रतीक है।
- मणिपुर में सेनापति जिले का ‘माओ क्षेत्र’ चेरी ब्लॉसम के लिए जाना जाता है, एक पौधा जो जापान में लोकप्रिय रूप से ‘सकुरा’ (Sakura) के रूप में जाना जाता है।
- मणिपुर सरकार 2017 से हर साल त्योहार का आयोजन करती है। फेस्टिवल में माओ शहर के खूबसूरत परिदृश्य को सुंदर चेरी ब्लॉसम फूलों से सजाया गया था।
- ‘चेरी’ वंश प्रूनस (Prunus) के कई पेड़ों का एक फूल है। पद्म यानी हिमालय चेरी का वैज्ञानिक नाम 'प्रूनस सेरासॉइड्स' (Prunus cerasoides) है। यह हिमालयी क्षेत्र में 1200 मीटर - 2400 मीटर की ऊंचाई पर उगता है।
अमूर फाल्कन की सुरक्षा हेतु जागरूकता अभियान
नवंबर 2020 में मणिपुर सरकार ने दो महीने तक मणिपुर के पहाड़ी जिलों में प्रवास करने वाले पक्षियों, अमूर फाल्कन की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है।
- सेनापति और चुराचंदपुर जिलों के जिला मजिस्ट्रेट ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए। अमूर फाल्कन के शिकार, इन्हें पालने और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को मणिपुर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 50/51 के तहत दंडित किया जा सकता है।
- सर्दियों की शुरुआत के साथ, प्रवासी पक्षी विशेष रूप से अमूर फाल्कन पूर्वोत्तर भारत में बड़ी संख्या में झीलों और जल निकायों में प्रवास के लिए आते हैं। अमूर फाल्कन मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्वी साइबेरिया में प्रजनन करता है।
- IUCN द्वारा अमूर फाल्कन को 'संकटमुक्त' (Least Concern) श्रेणी में रखा गया है। यह 'वन्य प्राणियों के प्रवासी प्रजाति के संरक्षण पर अभिसमय' (CMS) के परिशिष्ट II में सूचीबद्ध है।
दुनिया के सबसे ऊंचे पियर ब्रिज का निर्माण मणिपुर में
भारतीय रेल मणिपुर में दुनिया के सबसे ऊंचे स्तम्भ वाले पुल (पियर ब्रिज) का निर्माण कर रही है। यह पुल नोनी के पास ‘इजाई’ नदी पर बनाया जा रहा है।
- पुल के सबसे बड़े स्तम्भ की ऊँचाई 141 मीटर होगी। फिलहाल दुनिया का सबसे बड़ा पियर ब्रिज (pier bridge) यूरोप में मोंटेनीग्रो में ‘माला-रिजेका वायाडक्ट’ (Mala - Rijeka viaduct) को माना जाता है, जिसकी ऊंचाई 139 मीटर है।
- पुल राजधानी इम्फाल से लगभग 65 किलोमीटर पश्चिम में, नोनी जिले के मारंगचिंग के पर्वतीय इलाके में है। इस पुल की कुल लम्बाई 703 मीटर होगी।
- यह पुल 111 किमी. जिरिबाम-तुपुल-इम्फाल न्यू बीजी लाइन परियोजना का हिस्सा है। 280 करोड़ रुपए की लागत का यह पुल मार्च 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
मणिपुर में जल आपूर्ति परियोजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 जुलाई, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘मणिपुर में जल आपूर्ति परियोजना’ की आधारशिला रखी।
- मणिपुर जल आपूर्ति परियोजना को केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत 3054.58 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ चलाया जाएगा। इस मिशन के तहत, केंद्र सरकार ने 2024 तक देश के हर ग्रामीण घर में 'हर घर जल' के उद्देश्य के साथ सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- 40 जल आपूर्ति योजनाओं से युक्त इस परियोजना का निर्माण 25 शहरों में किया जाएगा और 22 जलाशय, 20 ओवरहेड टैंक, 6 नदी अंतर्ग्रहण (River intakes) का निर्माण 'इंफाल योजना क्षेत्र' (Imphal Planning Area) में भी किया जाएगा।
- इसके अलावा, 1231 ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण 1731 बस्तियों में किया जाएगा। परियोजना के पूरा होने का लक्ष्य 2024 तक है।