सामयिक
रिपोर्ट एवं सूचकांक :
फोर्ब्स 2023: विश्व की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची
बिजनेस पत्रिका फोर्ब्स (Forbes) ने हाल ही में वर्ष 2023 के लिए विश्व की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची जारी की है। इस लिस्ट में 4 भारतीय महिलाओं को शामिल किया गया है।
- फोर्ब्स की इस वार्षिक सूची में नामित 100 महिलाओं में भारत से निर्मला सीतारमण, रोशनी नादर मल्होत्रा, सोमा मंडल और किरण मजूमदार-शॉ को भी शामिल किया गया है।
- सीतारमण ने लगातार 5वें साल इस सूची में जगह बनाई है और वे 32वें स्थान पर हैं।
- यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन को फोर्ब्स ने पहला स्थान दिया है।
- उर्सुला वॉन डेर लेयेन को जुलाई 2019 में यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा, यूरोपीय आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं।
- इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर यूरोपीय सेंट्रल बैंक की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड हैं, वे यूरोपीय सेंट्रल बैंक की प्रमुख बनने वाली पहली महिला हैं।
विश्व की 5 'सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची | |||
रैंक | नाम | देश | क्षेत्र |
1 | उर्सुला वॉन डेर लेयेन | बेल्जियम | राजनीति |
2 | क्रिस्टीन लेगार्ड | जर्मनी | राजनीति |
3 | कमला हैरिस | संयुक्त राज्य अमेरिका | राजनीति |
4 | जियोर्जिया मेलोनी | इटली | राजनीति |
5 | टेलर स्विफ्ट | संयुक्त राज्य अमेरिका | मीडिया और मनोरंजन |
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स : सस्टेनेबिलिटी 2024
ब्रिटिश फर्म क्वाकरैली साइमंड्स (QS) ने 5 दिसंबर, 2023 को क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग-2024 जारी की।
- सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग के अनुसार दिल्ली यूनिवर्सिटी देश का शीर्ष विश्विद्यालय है। दिल्ली यूनिवर्सिटी को ओवरऑल 220वीं रैंक प्राप्त हुई है।
- क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में टोरंटो यूनिवर्सिटी पहले स्थान पर है।
- अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले (यूसीबी) और ब्रिटेन की मैनचेस्टर विश्वविद्यालय क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
- रैंकिंग में आईआईटी बॉम्बे 303वें स्थान पर, आईआईटी मद्रास 344वें स्थान पर, आईआईटी खड़गपुर 349वें स्थान पर और आईआईटी रुड़की 387वें स्थान पर है।
- इसके अलावा आईआईटी दिल्ली को 426वां स्थान मिला है। शीर्ष 100 में किसी भारतीय विश्वविद्यालय का नाम नहीं है।
- क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2024 में विश्व के 1,400 विश्वविद्यालय को शामिल किया गया है।
- इस रैंकिंग में अलग-अलग संकेतकों में विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन की जानकारी भी प्रदान की गई है।
- रैंकिंग में पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन (ESG) चुनौतियों से निपटने की किसी संस्थान की क्षमता को मापने के लिए बनाए गए संकेतक शामिल हैं।
- रैंकिंग के समानता संकेतक में मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन को 463वां स्थान मिला है, यह दुनिया के शीर्ष 500 संस्थानों में शामिल एकमात्र भारतीय संस्थान है।
विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता रैंकिंग-2023 में भारत 49वें स्थान पर
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (IMD) ने 1 दिसंबर, 2023 को विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता रैंकिंग (WDCR)-2023 प्रकाशित की है, जिसमें भारत 64 अर्थव्यवस्थाओं में 49वें स्थान पर है।
- आईएमडी के अध्ययन के अनुसार, भारत ने साइबर सुरक्षा ज्ञान के मामले में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन प्रौद्योगिकी और भविष्य की तैयारी जैसे मोर्चों पर इसका अभाव है।
- आईएमडी की विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता रैंकिंग इस बात की जानकारी देती है कि विभिन्न देश कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के युग में डिजिटल परिवर्तन कैसे कर रहे हैं।
- इस वर्ष की रैंकिंग में अमेरिका शीर्ष रैंक वाला देश है, उसके बाद नीदरलैंड और सिंगापुर है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका तीनों कारकों: ज्ञान, प्रौद्योगिकी और भविष्य की तैयारी में मजबूत परिणामों के साथ शीर्ष स्थान पर है।
- ज्ञान कारक में शीर्ष स्थान वाली अर्थव्यवस्था स्विट्जरलैंड 5वें स्थान पर है।
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत लगातार 4 वर्षों तक 11वें स्थान पर रहने के बाद 14 देशों में 12वें स्थान पर खिसक गया है।
- 20 करोड़ से अधिक आबादी वाले 27 देशों में भारत वर्ष 2022 की तुलना में 2 स्थान खिसककर 18वें स्थान पर है।
दक्षिण एशिया में 347 मिलियन बच्चों के समक्ष जल की कमी का संकट
यूनाइटेड नेशन्स इंटरनेशनल चिल्ड्रेन्स इमरजेंसी फंड (UNICEF) की 13 नवंबर, 2023 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में 347 मिलियन बच्चे जल की कमी का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट में इस गंभीर संकट का कारण जलवायु परिवर्तन को बताया गया है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु :-
- रिपोर्ट के अनुसार विश्व का हर 3 में से 1 बच्चा जल की कमी से जूझ रहा है।
- विश्व के एक चौथाई से ज्यादा बच्चे दक्षिण एशिया के 8 देशों में रहते हैं, जो बाढ़ और सूखे जैसे जलवायु परिवर्तन से संबंधित आपदाओं से जूझ रहे हैं।
- दक्षिण एशिया में 8 देश शामिल हैं- बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, भारत, नेपाल, पाकिस्तान,श्रीलंका और अफगानिस्तान।
- विश्व में पानी की कमी से सर्वाधिक जूझने वाला क्षेत्र दक्षिण एशिया है। यहां के लगभग 55% बच्चे पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2024
8 नवंबर, 2023 को क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) द्वारा एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी की गई। इस सूची में भारत के 148 विश्वविद्यालय शामिल किए गए हैं, वहीं चीन के 133 और जापान के 96 विश्वविद्यालय हैं।
- क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2024 में 25 देशों से 856 संस्थानों को प्रदर्शित किया गया है।
- आईआईटी मुंबई, QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2024 में भारत का शीर्ष संस्थान है तथा इसने एशिया में 40वां स्थान प्राप्त किया है।
- आईआईटी दिल्ली, भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी मद्रास और दिल्ली विश्वविद्यालय भी शीर्ष 100 में शामिल हैं।
- 2014 में क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 16 भारतीय संस्थान शामिल थे, यह संख्या इस बार बढ़कर 148 हो गई।
- क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) दुनिया भर के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की रैंकिंग जारी करने वाली ब्रिटिश संस्था है।
रैंकिंग में शीर्ष 5 यूनिवर्सिटी | ||
रैंक | यूनिवर्सिटी | देश |
1. | पेकिंग यूनिवर्सिटी | चीन |
2. | हांगकांग यूनिवर्सिटी | हांगकांग |
3. | नेशनल यूनिवर्सिटी | सिंगापुर |
4. | नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी | सिंगापुर |
5. | सिंघुआ यूनिवर्सिटी | चीन |
2024 एशिया-प्रशांत मानव विकास रिपोर्ट
6 नवंबर, 2023 को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा ‘2024 एशिया-प्रशांत मानव विकास रिपोर्ट’ जारी की गई। रिपोर्ट में भारत के संदर्भ में दीर्घकालिक प्रगति का अनुमान व्यक्त किया गया है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु :-
- भारत उच्च आय और धन की असमानता वाले शीर्ष देशों में शामिल है, लेकिन 2015-16 और 2019-21 के बीच यहां की बहुआयामी गरीबी में रहने वाली आबादी का हिस्सा 25% से गिरकर 15% रह गया है।
- भारत में 2000 से 2022 के बीच प्रति व्यक्ति आय 442 डॉलर से बढ़कर 2,389 डॉलर हो गई।
- जबकि 2004 से 2019 के बीच गरीबी दर (प्रतिदिन 2.15 डॉलर के अंतरराष्ट्रीय गरीबी माप के आधार पर) 40% से गिरकर 10% हो गई।
- रिपोर्ट के अनुसार गरीबों की संख्या उन राज्यों में अधिक है, जहां देश की 45 प्रतिशत आबादी रहती है।
- महिलाएं श्रम शक्ति का केवल 23 प्रतिशत हैं। तेजी से विकास के बीच आय वितरण में असमानता बढ़ी है।
- भारत वैश्विक मध्यम वर्ग (12 डॉलर से 120 डॉलर के मध्य जीवनयापन करने वाले लोग) की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
वैश्विक पेंशन सूचकांक 2023
15वें वार्षिक मर्सर सीएफए इंस्टीट्यूट ग्लोबल पेंशन इंडेक्स (MCGPI) ने हाल ही में विभिन्न देशों में सेवानिवृत्ति आय प्रणालियों की रैंकिंग जारी की।
- भारत 47 देशों में से 45वें स्थान पर है, भारत का समग्र सूचकांक मूल्य वर्ष 2022 में 44.5 से बढ़कर वर्ष 2023 में 45.9 हो गया है।
- वर्ष 2022 में भारत 44 देशों में 41वें स्थान पर था।
- वर्ष 2023 के इस सूचकांक में 85.0 के समग्र सूचकांक मूल्य के साथ नीदरलैंड शीर्ष पर है तथा इसके बाद आईसलैंड (83.5) और डेनमार्क (81.3) का स्थान है।
- 42.3 के न्यूनतम सूचकांक मूल्य के साथ MCGPI 2023 में अर्जेंटीना 47वें स्थान पर है।
- MCGPI विश्व भर में सेवानिवृति आय प्रणालियों को मापता है और प्रत्येक प्रणाली में कमियों को उजागर कर सुधार के संभावित क्षेत्रों का सुझाव देता है।
- वर्ष 2023 के ग्लोबल पेंशन इंडेक्स में 3 नए देशों- बोत्सवाना, क्रोएशिया और कजाकिस्तान के रिटायरमेंट इनकम सिस्टम को शामिल किया गया है।
वैश्विक भूख सूचकांक-2023
वैश्विक भूख सूचकांक-2023 (Global Hunger Index 2023) रिपोर्ट में 125 देशों की सूची में भारत को 111वां स्थान दिया गया है। इस सूचकांक में भारत वर्ष 2022 में 107वें स्थान पर था।
- यह सूचकांक संयुक्त रूप से दो गैर सरकारी संगठनों आयरलैंड के कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern Worldwide) और जर्मनी के वेल्टहंगरहिल्फ (Welthungerhilfe) द्वारा 12 अक्टूबर, 2023 को प्रकाशित किया गया।
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने का एक उपकरण है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु :-
- सूचकांक पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2023 में 28.7 अंक के साथ भारत में भूख का स्तर गंभीर है।
- भारत में बाल कुपोषण की स्थिति (Child Wasting Rate) विश्व के सबसे अधिक देखी जा रही है और यह 18.7 प्रतिशत है।
- भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 प्रतिशत और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है।
- 15 से 24 वर्ष की आयु की महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 58.1 प्रतिशत है।
- बेलारूस, बोस्निया और हर्जेगोविना, चिली, चीन शीर्ष रैंक वाले देशों में शामिल हैं अर्थात यहां भुखमरी का स्तर निम्न है।
- यमन, मेडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य सूचकांक में सबसे नीचे हैं।
- समग्र विश्व के लिये GHI 2023 स्कोर 18.3 है, जिसे मध्यम (Moderate) माना जाता है, वर्ष 2015 के बाद से इसमें न्यूनतम सुधार हुआ है।
- भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान (102वें), बांग्लादेश (81वें), नेपाल (69वें) और श्रीलंका (60वें) ने सूचकांक में उससे बेहतर प्रदर्शन किया है।
- ‘दक्षिण एशिया’ और ‘सहारा के दक्षिण में स्थित अफ्रीका’ विश्व के सर्वाधिक भुखमरी ग्रस्त क्षेत्रों में शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक का GHI स्कोर 27 है, जो गंभीर भूख का संकेत देता है।
हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023
हुरुन इंडिया और 360 वन वेल्थ ने 10 अक्टूबर, 2023 को 360 वन वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023 जारी की है। यह भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों की 12वीं वार्षिक रैंकिंग है।
- वर्ष 2023 में जारी 360 वन वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में मुकेश अंबानी शीर्ष पर हैं। उनकी कुल संपत्ति 8.08 लाख करोड़ रुपये है। वे रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हैं।
हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023 में शीर्ष 5 व्यक्ति
नाम | कुल संपत्ति | कंपनी |
मुकेश अंबानी | 8.08 लाख करोड़ रुपये | रिलायंस इंडस्ट्रीज |
गौतम अडानी | 4.74 लाख करोड़ रुपए | अडानी समूह |
साइरस पूनावाला | 2.78 लाख करोड़ रुपए | सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया |
शिव नादर | 2.28 लाख करोड़ रुपये | HCL टेक्नोलॉजीज |
गोपीचंद हिंदुजा | 1.76 लाख करोड़ रुपये | हिंदुजा ग्रुप |
भारत में जलवायु निवेश के लिए वित्तीय संसाधनों पर रिपोर्ट जारी
अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम ने 26 सितंबर, 2023 को भारत में जलवायु निवेश के लिए वित्तीय संसाधनों पर एक रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- भारत ने जलवायु कार्रवाइयों में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे 2030 से पहले राष्ट्रीय निर्धारित योगदान को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
- भारत नवीकरणीय ऊर्जा की कुल संस्थापित क्षमता के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर है।
- भारतीय रिजर्व बैंक ने 2015 में प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण संबंधी योजना में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को शामिल किया।
- हरित बॉन्ड जारी किये जाने के बाद भारत ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे सबसे बड़े हरित बॉन्ड विकसित किये हैं।
- निजी कम्पनियों और सार्वजनिक कम्पनियों द्वारा 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ग्रीन बॉन्ड जारी किये गये हैं।
- रिपोर्ट में 26वें अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंचामृत प्रतिबद्धताओं का भी उल्लेख किया गया है।