सामयिक

महाराष्ट्र:

महाराष्ट्र सरकार ने शुरू किया नमो शेतकारी महासंमन योजना

महाराष्ट्र सरकार ने 30 मई, 2023 को एक नई वित्तीय योजना को मंजूरी दी है जिसके तहत राज्य में एक करोड़ से अधिक किसानों को सालाना 6,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा।

  • यह राशि केंद्र द्वारा पीएम किसान योजना के तहत किसानों को दिए जा रहे 6,000 रुपये के अतिरिक्त है।
  • राज्य सरकार की इस योजना से एक करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
  • महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने पर्यटन क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 'आई' नामक 'लिंग समावेशी पर्यटन नीति' के कार्यान्वयन को भी मंजूरी दी।

महाराष्‍ट्र, सुशासन नियमन को मंज़ूरी देने वाला पहला राज्य

महाराष्ट्र, सुशासन नियमन को मंज़ूरी देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य प्रशासन को अधिक जवाबदेह, लोगों के लिए सुलभ, सक्रिय और पारदर्शी बनाने के लिए 19 मई, 2023 को इसे मंज़ूरी दी।

  • सुशासन नियमन में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए एक विशेष इकाई के गठन का प्रावधान किया गया है।
  • नियमन से नागरिकों को सभी ऑनलाइन सेवाएं निर्धारित समय में उपलब्ध होंगी तथा लोक शिकायतों का तेज़ी से निवारण होगा।
  • राज्य सरकार ने ऐसे 161 विभागों को चिह्नित किया है जिनके कार्य-निष्पादन के आधार पर सुशासन का मूल्यांकन किया जाएगा।

देश का पहला दिव्यांग विभाग – महाराष्ट्र

3 दिसंबर, 2022 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा विकलांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए एक अलग दिव्यांग विभाग स्थापित करने की घोषणा की गई है|

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • सरकार ने इस विभाग को स्थापित करने के लिए 1,143 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। महाराष्ट्र ऐसा विभाग रखने वाला देश कापहला राज्यहोगा
  • हर साल 3 दिसंबर को विकलांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • यह विभाग हितधारकों के विचारों को ध्यान में रखते हुए विकलांगों के कल्याण के लिए नीतियां तैयार करेगा।
  • 1947 में स्वतंत्रता के समय इसे बॉम्बे राज्य के रूप में जाना जाता था।
  • 1 मई 1960 को बॉम्बे राज्य को मराठी भाषी महाराष्ट्र और गुजराती भाषी गुजरात में विभाजित किया गया था।

पहले इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर को मंजूरी

हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने पुणे के पास रंजनगांव चरण-III में 492.85 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी) की स्थापना की मंजूरी प्रदान की है।

उद्देश्य- भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकोसिस्टम को मजबूत करना |

  • भारत में नोएडा, तिरुपति, कर्नाटक और तमिलनाडु में पहले से ही ईएमसी हैं; जहां बहु-राष्ट्रीय कंपनियों और भारतीय स्टार्टअप दोनों ने अपनी इकाइयां स्थापित की हैं।

महाराष्ट्र में नए संरक्षित क्षेत्र

हाल ही में महाराष्ट्र राज्य वन्यजीव बोर्ड (Maharashtra State Board for Wildlife) ने 12 नए संरक्षित क्षेत्र और 3 नए वन्यजीव अभयारण्यों की स्थापना को मंजूरी दी|

महत्वपूर्ण बिंदु

  • 12 नए संरक्षित क्षेत्र इस प्रकार हैं:
    • धुले जिले में चिवतीबावरी और अललदारी, नासिक में कलवान, मुरगड, त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी, रायगढ़ जिले में रायगढ़ और रोहा, पुणे में भोर, सतरस में डेयर खुर्द (महादारे), कोल्हापुर में मसाई पठार और नागपुर में मोगरकासा|
    • लोनार वन्यजीव अभयारण्य, गढ़चिरौली में कोलामार्का और जलगांव में मुक्ताई भवानी नए वन्यजीव अभ्यारण बनाये गये हैं।

GK/GS तथ्यावलोकन

  • वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य में कुल 6 राष्ट्रीय उद्यान, 49 वन्यजीव अभ्यारण और 6 टाइगर रिज़र्व है|

महाराष्ट्र जिव्हाला योजना

महाराष्ट्र कारागार विभाग ने राज्य भर की जेलों में सजा काट रहे कैदियों के लिए एक ऋण/ क्रेडिट योजना ' जिव्हाला' (Jivhala) शुरू की है।

(Image Source: https://indianexpress.com/)

  • महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने 1 मई, 2022 को पुणे के यरवदा सेंट्रल जेल में जिव्हाला योजना की शुरुआत की।
  • जिव्हाला नामक क्रेडिट योजना ‘महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक’ द्वारा पेश की जा रही है।
  • कैदियों के लिए मौजूदा ऋण पहल उनकी जेल की अवधि पूरी होने के बाद पुनर्वास के लिए है।
  • पुणे में यरवदा सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए प्रायोगिक तौर पर शुरू किए जाने के बाद इसे धीरे-धीरे राज्य भर की लगभग 60 जेलों में विस्तारित किया जाएगा।
  • जिव्हाला का अर्थ मराठी में 'स्नेह' है, जिसे मुख्य रूप से उन दोषी कैदियों के लिए शुरू किया गया है, जो तीन साल से अधिक की जेल की सजा काट रहे हैं।
  • शुरुआती चरण में 7 फीसदी ब्याज दर पर 50,000 रुपए का कर्ज दिया जाएगा। बैंक द्वारा अर्जित किए जाने वाले ब्याज में से 1 प्रतिशत का योगदान बैंक द्वारा 'कैदी कल्याण कोष' में किया जाएगा।

महाराष्ट्र जीन बैंक परियोजना

28 अप्रैल, 2022 को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने राज्य में जीन बैंक परियोजना (gene bank project) को मंजूरी दी। यह देश की अपनी तरह की पहली परियोजना है।

उद्देश्य: महाराष्ट्र के स्थानीय और संकटग्रस्त जानवरों, फसलों, समुद्री विविधता और आनुवांशिक प्रजातियों का संरक्षण करना।

  • जैव विविधता के संरक्षण के अलावा, परियोजना खाद्य शृंखला पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  • 'महाराष्ट्र जीन बैंक परियोजना' सात विषयों पर काम करेगी - समुद्री जैव विविधता; स्थानीय फसल/बीज किस्म; स्थानीय मवेशी नस्ल; ताजे जल की जैव विविधता; बंजर भूमि, चरागाह भूमि और घास भूमि जैव विविधता; वन अधिकार के तहत क्षेत्रों का संरक्षण और प्रबंधन; और वन भूमि का कायाकल्प।
  • परियोजना के तहत जैव विविधता, पारंपरिक ज्ञान और संरक्षण के बारे में स्थानीय सामुदायिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
  • अगले पांच वर्षों में इन सात फोकस क्षेत्रों पर 172.39 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
  • यह परियोजना ‘महाराष्ट्र राज्य जैव विविधता बोर्ड’ द्वारा कार्यान्वित की जाएगी और मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (वन) के अधीन समितियों द्वारा इसकी देखरेख की जाएगी।

मुंबई 100% डिजिटल बस लॉन्च करने वाला भारत का पहला शहर बन गया

महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने 20 अप्रैल, 2022 को मुंबई की पहली पूरी तरह से डिजिटल बस का उद्घाटन किया।


(Image Source: https:// twitter.com/AUThackeray)

  • इसे बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) द्वारा गेटवे ऑफ इंडिया से चर्चगेट मार्ग पर चलाया जाता है।
  • BEST ने दावा किया है कि यह देश में पहली 100 प्रतिशत डिजिटल बस सेवा है, जिसका उद्देश्य बस टिकट प्रणाली के डिजिटलीकरण को बढ़ाव देना है।
  • बस में एक अनूठी 'टैप-इन टैप-आउट' (tap-in tap-out) सुविधा है। यात्री अपने स्मार्ट कार्ड का उपयोग करके या अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल किए गए 'चलो' (chalo) ऐप के माध्यम से टैप कर सकते हैं।
  • यात्रा के पूरा होने पर यात्री जब ऐप का उपयोग टैप आउट (tap out) करने के लिए करते हैं, तो उन्हें मोबाइल फोन पर एक रसीद प्राप्त होती है। यदि वे स्मार्ट कार्ड का उपयोग कर रहे हैं तो वे अपना टिकट भी प्राप्त कर सकते हैं।

मुंबई जलवायु कार्य योजना

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 13 मार्च, 2022 को ‘मुंबई जलवायु कार्य योजना’ (Mumbai Climate Action Plan: MCAP) का शुभारंभ किया।

(Image Source: https://mcap.mcgm.gov.in/)

  • समावेशी और मजबूत शमन और अनुकूलन रणनीतियों को अपनाकर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए योजना ने शहर के लिए 30 साल का रोडमैप तैयार किया है।
  • यह योजना अनिवार्य रूप से उत्सर्जन को कम करने और ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए पेरिस समझौते में उल्लिखित जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डिजाइन की गई है।
  • कार्य योजना ने ग्रीनहाउस गैस के शून्य उत्सर्जन या 2050 के लिए नेट-जीरो लक्ष्य के उद्देश्य से लघु, मध्यम और दीर्घकालिक जलवायु लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
  • कार्य योजना के तहत छ: रणनीतिक क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी- सतत अपशिष्ट प्रबंधन; शहरी हरियाली और जैव विविधता; शहरी बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन; ऊर्जा और भवन; वायु गुणवत्ता; और सतत गतिशीलता।
  • बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआई इंडिया) और 'सी40 शहरों के नेटवर्क' (C40 Cities network) के तकनीकी सहयोग से योजना तैयार की है।
  • सी40 सिटीज क्लाइमेट लीडरशिप ग्रुप (C40 Cities Climate Leadership Group) दुनिया भर के 97 शहरों का एक संघ है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से लड़ना और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना है, और इस प्रकार जलवायु जोखिमों को कम करना है।
  • पांच भारतीय शहर दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू और मुंबई वर्तमान में सी40 नेटवर्क का हिस्सा हैं।

कणकावली में कॉयर बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने 25 फरवरी, 2022 को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के सिंधुदुर्ग के कणकावली में कॉयर बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया।

(Image Source: https://textilevaluechain.in/)

  • विशाल तटीय क्षेत्र और नारियल के बागानों के बावजूद, कोंकण में कॉयर उद्योग का विकास नहीं हुआ है। इस क्षेत्रीय कार्यालय के खुलने से कॉयर बोर्ड क्षेत्र में और कार्यक्रम लाएगा।
  • यह केरल और तमिलनाडु की तरह इस क्षेत्र को समृद्ध बनाने में मदद करेगा और उद्योग स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार पैदा करेगा।

कॉयर बोर्ड: यह भारत सरकार द्वारा देश में कॉयर (नारियल फाइबर) उद्योग के समग्र सतत विकास के लिए कॉयर उद्योग अधिनियम, 1953 के तहत स्थापित किया गया था।

  • कॉयर बोर्ड का प्रधान कार्यालय कोच्चि में है। बोर्ड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
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