सामयिक
सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय:
जहाज़ों के पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग)के लिए राष्ट्रीय प्राधिकरण
- 15 अक्टूबर, 2020 को केंद्र सरकार ने नौवहन महानिदेशालय (Directorate General of Shipping) को जहाज़ों का पुनर्चक्रण विधेयक, 2019 की धारा 3 के तहत राष्ट्रीय प्राधिकरण के रूप में अधिसूचित किया।
राष्ट्रीय जहाज़पुनर्चक्रण प्राधिकरण (National Authority for Recycling of Ships- NARS) के बारे में
- राष्ट्रीय जहाज़पुनर्चक्रण प्राधिकरण को गुजरात के गांधीनगर में तैयार किया जाएगा।
- राष्ट्रीय जहाज़पुनर्चक्रण प्राधिकरण के कार्यालय का स्थान वहां के आस-पास के जहाज़पुनर्चक्रण यार्ड के मालिकों को फ़ायदा पहुँचायेगा. दरअसल, गुजरात एशिया का सबसे बड़ा जहाज़ोंतोड़-फोड़ (खंडन) और दुनियाभर में जहाज़ों के रीसाइक्लिंग उद्योग का घर है।
कार्य
- नौवहन महानिदेशालय को जहाज़ों के पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) से संबंधित सभी गतिविधियों का प्रबंधन, पर्यवेक्षण और निगरानी करने के लिएशीर्ष निकाय के रूप में अधिकृत किया गया है।
- यह पुनर्चक्रण उद्योग के सतत विकास का देखभाल करेगा, पर्यावरण के अनुकूल मानदंडों के अनुपालन की निगरानी करेगा और जहाज़ों के रीसाइक्लिंग उद्योग में काम करने वाले हितधारकों के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य उपायों का ध्यान रखेगा।
- शिप-रिसाइक्लिंग यार्ड के मालिकों और राज्य सरकारों द्वारा आवश्यक विभिन्न स्वीकृतियों(Various Approvals)के लिए यह अंतिम प्राधिकरण होगा।
जहाज़ों का पुनर्चक्रण विधेयक, 2019
प्रमुख विशेषताऐं
जहाज़ों के पुनर्चक्रण के लिए हांगकांग अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
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भारत में जहाज़ोंके पुनर्चक्रणउद्योग की स्थिति
- दुनिया के सबसे बड़े जहाज़ों तोड़ने की सुविधाओं में से एक भारत में है,जिसकी तट के साथ दूरी 150 गज़ से अधिक है।
- भारत में हर साल औसतन 6.2 मिलियन सकल टन भार (Gross tonnage- GT)के कतरन (स्क्रैप)इकट्ठे किए जातेहैं, जो दुनिया में कुल स्क्रैप का 33% है।
भारत में जहाज़ों के रीसाइक्लिंग उद्योग से जुड़े मुद्दे (चुनौतियाँ)
सुरक्षा के मुद्दे
- अपर्याप्त सुरक्षा नियंत्रण काम के संचालन की अच्छी तरह निगरानी नहीं करते हैं और विस्फोट का उच्च जोख़िम इस काम को बेहद ख़तरनाक बनाता है।
- काम की प्रक्रियाओं के लिए समन्वय की कमी, जिसके चलते अक्सर बुनियादी जोख़िम को कम करने या ख़त्म करने की अनदेखी हो जाती है और अंततः दुर्घटनाएं होती हैं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ
- जहाज़ों के कई हिस्सों में पाए जाने वाले अन्य भारी धातुओं के संपर्क में आने से कैंसर जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का परिणाम हो सकते हैं, जैसे पेंट, कोटिंग्स, एनोड और बिजली के उपकरण,इत्यादि।
- श्रमिकों के पास स्वास्थ्य सेवाओं और अपर्याप्त आवास, कल्याण और सैनिटरी सुविधाओं तक बहुत सीमित पहुंच है जो श्रमिकों की दुर्दशा को और बढ़ा देते हैं।
अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दे
- जहाज़ तोड़ने में उत्पन्न ठोस कचरों का प्रबंधन भारत में एक प्रमुख चिंता का विषय है।
- हालाँकि किसी जहाज़ का अपशिष्ट जहाज़ के मृत वजन का लगभग 1% ही होते हैं, लेकिन कुल अपशिष्ट की मात्रा लाखों टन में होती है, जो कचरों को संभालना मुश्किल बना देती है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए एक बड़ा ख़तरा पैदा हो जाता है।
जल प्रदूषण
- इससे जल निकाय, मुख्य रूप से समुद्री जलनिलंबित ठोस पदार्थ, नाइट्रेट, फॉस्फेट, भारी धातुओं, तेल और ग्रीससेप्रदूषित होता है।
वायु प्रदुषण
- विभिन्न वायु प्रदूषकों जैसे कि फ़्यूरेंस (Furans) और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (Polycyclic Aromatic Hydrocarbons- PAHs), फाइन पार्टिकुलेट (Fine Particulates) को जहाज़ की तोड़ने की प्रक्रिया के दौरान निकलते हैं।
- आगे चलकर विभिन्न जहाज़ तोड़ने की प्रक्रियाएं वायु प्रदूषण में बड़ा योगदान देतीहैं।
आगे का रास्ता
- वर्तमान उच्च मानव और पर्यावरणीय लागतों को देखते हुए, यह संभावना है कि जहाज़ के मालिक और ब्रेकर, राज्य तंत्र और अंतर्राष्ट्रीय कानून को अंतराल को भरने के लिए प्रत्येक को अपने सहयोग को विकसित करने और बढ़ाने के लिए ज़ारी रखने की आवश्यकता होगी।
- जहाज मालिकों को अपने जहाजों के पुनर्चक्रण के साथ ही साथ एक स्थायी सामाजिक और पारिस्थितिक जिम्मेदारी को शामिल करने की आवश्यकता है।
- अनुपालन सुविधाओं की एक अच्छी तरह से संतुलित वैश्विक सूची केवल तभी बनी रह सकती है जब जहाजों के पुनर्चक्रण का एक अच्छा और निरंतर प्रवाह बना रहे।
- स्थिरता के मुद्दों की पृष्ठभूमि के साथ, इस उद्योग में भारत में प्रमुख आर्थिक गतिविधि होने की संभावना है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण
- हाल ही में, सरकार ने अप्रैल-2020 के पहले सप्ताह तक एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) स्थापित करने की घोषणा की।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के बारे में
- प्राधिकरण का गठन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 की धारा 10 (1) के तहत किया जा रहा है।इस अधिनियम ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 को प्रतिस्थापित किया है और उपभोक्ता चिंताओं को दूर करने के लिए अपने दायरे को व्यापक बनाने का प्रयास किया।
- CCPA का उद्देश्य उपभोक्ता के उन अधिकारों की रक्षा करना है जो जनता और उपभोक्ताओं के हितों के लिए हानिकारक हैं। जैसे अनुचित व्यापार प्रथाओं तथा झूठे और भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाना।
- नया अधिनियम, सेवा की गुणवत्ता या मात्रा के बारे में गलत जानकारी प्रदान करने और भ्रामक विज्ञापनों जैसे अपराधों को पहचानत करता है।
- यह वस्तुओं और सेवाओं को "नुकशानदायक, खतरनाक या असुरक्षित" पाए जाने पर कार्रवाई किए जाने को भी निर्दिष्ट करता है।
CCPA की संभावित संरचना
- प्रस्तावित प्राधिकरण में प्रमुख के रूप में एक मुख्य आयुक्त के साथ केवल दो अन्य आयुक्त सदस्य शामिल होंगे।जिनमें से एक सामान से संबंधित मामलों से निपटेगा, जबकि दूसरा सेवाओं से संबंधित मामलों को देखेगा।
- इसका मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगा लेकिन केंद्र सरकार देश के अन्य हिस्सों में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित कर सकती है।
- CCPA में एक इन्वेस्टिगेशन विंग होगी,जिसकी अध्यक्षता एक महानिदेशक करेगा।
शक्तियां
- CCPA के पास उपभोक्ता अधिकारों या अनुचित व्यापार प्रथाओं के उल्लंघन से संबंधित मामलों में पूछताछ करने या जांच करने, या प्राप्त शिकायत पर, या केंद्र सरकार के निर्देश पर निम्नलिखित शक्तियां होंगी।
माल लौटाने की शक्ति
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 20 के तहत, प्रस्तावित प्राधिकरण के पास “नुकशानदायक, खतरनाक या असुरक्षित” माल या सेवाओं को वापस करने की शक्तियां होंगी।इनका काम वस्तुओं या सेवाओं की कीमतों को वापस करने के लिए इस तरह के सामान या सेवाओं को खरीदारों के पास वापसकरना तथा उन प्रथाओं को बंद करना जो उपभोक्ता के हित के लिए अनुचित और पूर्वाग्रहपूर्ण हैं।
दिशा निर्देश जारी करने की शक्ति
- नए अधिनियम की धारा 21, CCPA को दी गई शक्तियों को गलत या भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए परिभाषित करती है।
- यदि CCPA यह जाँच करने के बाद संतुष्ट है कि कोई भी विज्ञापन गलत या भ्रामक है और किसी भी उपभोक्ता के हित के लिए हानिकारक है, तो CCPA व्यापारी, निर्माता, विज्ञापनकर्ता, विज्ञापनदाता या प्रकाशक को इस तरह के विज्ञापन को बंद करनेया संशोधित करने के लिए निर्देश जारी कर सकता है। अथवा एक निश्चित समय के भीतर, प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्ट तरीके से इसे संशोधित करें।
- यह जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के समक्ष उपभोक्ता अधिकारों या अनुचित व्यापार प्रथाओं के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कर सकता है।
- यह नुकशानदायक, खतरनाक या असुरक्षित सामान या सेवाओं के ख़िलाफ़ उपभोक्ताओं को सचेत करने के लिए सुरक्षा नोटिस जारी करेगा।
दंड देने की शक्ति
- झूठे और भ्रामक विज्ञापनों के निर्माता या समर्थन करने वाले पर दो साल तक कारावासके साथ 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है।
- एक ही निर्माता या विज्ञापनकर्ता द्वारा दोबारा किये गए अपराध के लिए जुर्माना 50 लाख रुपये तक हो सकता है, जिसमें पांच साल तक की कैद हो सकती है।
- CCPA किसी झूठे या भ्रामक विज्ञापन के समर्थन करने वालेको भविष्य में किसी भी उत्पाद या सेवाओं के समर्थन से एक वर्ष तक की अवधि के लिए प्रतिबंधित कर सकता है। प्रतिबंध अधिनियम के हर बाद के उल्लंघन में तीन साल तक का प्रावधान हो सकता है।
- मिलावटी उत्पादों के निर्माण, बिक्री, भंडारण, वितरण या आयात के लिएदंड का प्रावधान हैं:
- अगर किसी उपभोक्ता का नुकशान नहीं हुआ है, तो छह महीने तक कारावास के साथ 1 लाख रुपये तक का जुर्माना
- अगर नुकशान हुआ है,तो एक साल तक कारावास के साथ 3 लाख रुपये तक का जुर्माना
- यदि दुखदायी नुकशान हुआ है, तो 7 साल तक के कारावास के साथ 5 लाख रुपये तक का जुर्माना
- मृत्यु के मामले में, 10 लाख रुपये का जुर्माना औरन्यूनतम 7 साल से अधिकका कारावास, इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।
खोजने और जब्त करने की शक्ति
- प्रारंभिक जांच के बाद एक जांच करते समय CCPA की इन्वेस्टिगेशन विंग के पास किसी भी दस्तावेज़ में देखने और किसी भी दस्तावेज़ या लेख को खोजने और उसे जब्त करने की शक्तियाँ होंगी।
- खोज और जब्ती के लिए CCPA के पास दंड प्रक्रिया संहिता-1973 के प्रावधानों के तहत दी गई शक्तियों के समान होंगी।
महत्व
- उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना सरकार के लिए सर्वोपरि है तथा एक केंद्रीय प्राधिकरण की स्थापना और एक वर्ग के रूप में कार्रवाई शुरू करना राहत के एक अतिरिक्ततरीके के रूप में आता है। इसका प्रयोग व्यक्तिगत उपभोक्ताओं के शिकायतें दर्ज करने के साथ-साथ उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए किया जा सकता है।
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