सामयिक
कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ:
अम्बेडकर सामाजिक नवाचार और ऊष्मायन मिशन (ASIIM)
- 30 सितंबर, 2020 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत अनुसूचित जातियों (SC) के विद्यार्थियों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अम्बेडकर सामाजिक नवाचार और ऊष्मायन मिशन(Ambedkar Social Innovation and Incubation Mission - ASIIM) का शुभारंभ किया है।
उद्देश्य
- अम्बेडकर सामाजिक नवाचार और ऊष्मायन मिशन (ASIIM) का उद्देश्य अनुसूचित जातियों (SC) के युवाओं के बीच उद्यमिताको बढ़ावा देना है, इसमें दिव्यांगों को विशेष तरजीह (प्राथमिकता) दी जाएगी।
- जिसके लिए
प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटरों (Technology Business Incubators -TBIs) के साथ तालमेल स्थापित करके वर्ष 2024 तक नवोन्मेषी विचारों (परिवर्तनात्मक विचारों - Innovative Ideas) का समर्थन किया जायेगा। - इसके साथ उदार वित्तीय व्यवस्था के माध्यम से स्टार्ट-अप विचारों को समर्थन और बढ़ावा देना, जब तक कि स्टार्ट-अप वाणिज्यिक उद्यमों जैसी स्थिति तक नहीं पहुंचते।
आवश्यकता
- नवोन्मेषी विचारों की पहचान करने तथा नवोन्मेषी और प्रौद्योगिकी-उन्मुख व्यवसायिक विचारों पर काम करने में लगे युवा उद्यमियों को केंद्रित सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।अतःअम्बेडकर सामाजिक नवाचार और ऊष्मायन मिशन(ASIIM) की शुरआत की गयी।
प्रमुख बिंदु
कार्यान्वयन
- अम्बेडकर सामाजिक नवाचार और ऊष्मायन मिशन (ASIIM) पहल को अनुसूचित जातियों के उद्यम पूंजी निधि (Venture Capital Fund) द्वारा लागू किया जाएगा।
योग्यता
अम्बेडकर सामाजिक नवाचार और ऊष्मायन मिशन (ASIIM) के यही लोग योग्य होंगे-
- जिन युवाओं की पहचान प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटरों (Technology Business Incubators) द्वारा की गई है।
- जिन छात्रों को शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित किए जा रहे स्मार्ट इंडिया हैकथॉन या स्मार्ट इंडिया हार्डवेयर हैकथॉन के तहत सम्मानित किया गया है।
- प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटर(Technology Business Incubator)में चिन्हित किए गए वे नवोन्मेषी विचार जो समाज के सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान देने वाले हों।
- कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (Corporate Social Responsibility - CSR) निधि के ज़रिये कॉर्पोरेट्स द्वारा नामांकित और समर्थित स्टार्टअप्स।
फ़ायदे
- अगले 4 वर्षों में विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटर(TBI) के माध्यम से स्टार्ट-अप विचारों के साथ 1,000 SC युवाओं को चिन्हित किया जाएगा।
- सफल उद्यम (व्यापार)आगे चलकर कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (Corporate Social Responsibility - CSR) निधि से 5 करोड़ रूपये तक उद्यम पूंजी निधि (Venture Capital Fund) के लिए पात्र होंगे।
- यह पहल अनुसूचित जाति के युवाओं में नवाचार को बढ़ावा देने में मदद करेगी और उन्हें नौकरी करने वाला (Job-Seekers) से नौकरी देने वाला (Job-Givers) बनने में मदद करेगी।
- यह मिशन सरकार के 'स्टैंड अप इंडिया' पहल को और बढ़ावा देगा।
अनुसूचित जाति के लिए उद्यम पूंजी निधि (Venture Capital Fund For Scheduled Castes)
उद्देश्य
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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
- हाल ही में, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के योजना डिजाइन और कार्यान्वयन दोनों के बारे में चिंता व्यक्त की गई है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को महत्वपूर्ण कमियों से ग्रस्त पाया गया है।
PMMVY के मुद्दों को समझना
लंबा दस्तावेजीकरण
- लंबे दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया में 32 पृष्ठों के छह दस्तावेजों को भरना शामिल है |इसमें आधार कार्ड को बैंक खाते से जोड़ने के लिए आवेदन, दूसरा डाकघर खाते से आधार कार्ड को जोड़ने के लिए आवेदन और एक फीडबैक फॉर्म शामिल है।
- इस थकाऊ प्रक्रिया ने एकल महिलाओं और युवा दुल्हनों को इसके दायरे से बाहर किया।
- इसके अलावा, दस्तावेज़ीकरण की जटिल प्रक्रिया के कारण हाशिये पर रहने वाली महिलाओं जैसे- यौन कर्मियों, हिरासत में रहने वालीं महिलाएँ, प्रवासी महिलाएँ इस योजना का लाभ नहीं उठा पाती हैं, जबकि उन्हें मौद्रिक मुआवजे की सबसे अधिक आवश्यकता होती हैं।
पहला बच्चा मानदंड
- पात्रता मानदंड में खामी यह है कि लाभ केवल पहले बच्चे के जन्म के लिए प्रदान किया जाता है।
- 33 के कुल प्रजनन दर (TFR) वाले देश में, इस योजना को केवल पहले बच्चे तक सीमित रखने की नीति अव्यावहारिक है ।
- इस योजना के अंतर्गत गर्भपात या शिशु मृत्यु दर को समायोजित नहीं किया जाता है। यदि आठ महीने की गर्भवती महिला, जिसने पहले से ही योजना का उपयोग किया है, अपने बच्चे को खो देती है, तो वह अपनी अगली गर्भावस्था के लिए दूसरी या तीसरी किस्त के योग्य नहीं होती है।
एकल महिलाओं से सम्बंधित मुद्दे
- इस योजना में पंजीकरण के लिये आवेदक महिला को अपने पति का आधार संबंधी विवरण प्रदान करना होता है जिससे एकल महिलाएं, अविवाहित माताएं, परित्यक्त पत्नियां और विधवा महिलाएं इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रह जाती हैं।
नवविवाहिता स्त्रियां
- नवविवाहित महिला को PMMVY का लाभ उठाने के लिए अपने ससुराल के पते का प्रमाण देना होता है, जो उसके मायके में रहने की स्थिति में एक बड़ी चुनौती साबित होती है।
नवविवाहिता
- इस योजना में आवेदन करने की न्यूनतम आयु 19 वर्ष है अतः 18 वर्ष से कम आयु की नवविवाहिता इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रह जाती हैं।
- पहले शिशु को जन्म देने वाली लगभग 30-35% महिलाएँ 18 वर्ष से कम आयु की हैं।
भ्रष्टाचार के मुद्दे
- यह योजना भ्रष्टाचार से प्रभावित है जो इसके उचित कार्यान्वयन को सीमित करता है। आवेदक महिलाओं से आवेदन प्रक्रिया के दौरान रिश्वत की मांग की जाती है, जो कि प्रत्येक स्तर पर 500 रुपये तक होती है।
थकाऊ दस्तावेजीकरणकैसे PMMVVY को बाहर करता है
दस्तावेजों की सूची
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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)
उद्देश्य
लक्षित लाभार्थियों
कार्यान्वयन
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समावेशी उपाय
- सबसे पहले, कार्यकर्ताओं और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सरकार का औपचारिक प्रतिनिधित्व करना चाहिए, ताकि इस योजना को समावेशी और सहायक बनाया जा सके।
- दूसरा, सरकार को इस योजना की समीक्षा करने की आवश्यकता है ताकि बच्चों और साथ सभी महिलाओं तक इसकी पहुँच हो और इस योजना को सार्वभौमिक बनाया जा सके।
- तीसरा, इसके तहत प्रदान की जाने वाली धन राशि कम से कम न्यूनतम मजदूरीया न्यूनतम वेतनके अनुसार होनी चाहिए।
राज्य मातृत्व योजनादो राज्यों- तमिलनाडु और ओडिशा ने केंद्र प्रायोजित योजना को लागू नहीं किया है और अपनी स्वयं की मातृत्व योजनाओं को शुरू किया है। डॉ.मुथुलक्ष्मी रेड्डी मातृत्व लाभ योजना- तमिलनाडु
ममता योजना- ओडिशा
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