सामयिक

बिहार:

बिहार अब मछली के उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भर

बिहार अब मछली के उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भर हो चुका है। राज्य में प्रत्येक वर्ष 8.02 लाख मीट्रिक टन मछली की मांग के मुकाबले वर्तमान में 7.62 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है।

  • मछली उत्पादन में बिहार अब देश के शीर्ष 4 राज्यों में शामिल हो गया है। बिहार में मछली पालन में सबसे बड़ा योगदान शेखपुरा ज़िले का है।
  • राज्य में वर्तमान में प्रत्येक वर्ष प्रति व्यक्ति 6.464 किलोग्राम मछली की खपत है।
  • बिहार में कतला मछली की खपत सर्वाधिक है। वहीं रोहू दूसरे स्थान पर तथा मृगल (नैनी) का इस संदर्भ में तीसरा स्थान है।
  • कतला मछली का बिहार में उत्पादन 164.189 हज़ार मीट्रिक टन है। रोहू का उत्पादन 154.794 हज़ार मीट्रिक टन तथा मृगल का उत्पादन 107.586 हज़ार मीट्रिक टन है।
  • राज्य में पंगेशियस, कॉमन, सिल्वर और ग्रास कार्प का भी उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है।
  • राज्य भर से अभी 37.0545 हज़ार मीट्रिक टन मछलियाँ दूसरे राज्यों में भेजी जा रही हैं।

बिहार के चौथे कृषि रोड मैप (2023-2028) का शुभारंभ

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 18 अक्टूबर, 2023 को पटना में बिहार के चौथे कृषि रोड मैप (2023-2028) का शुभारंभ किया।

  • कृषि रोड मैप की इस पंचवर्षीय योजना के माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक और मृदा संबंधी विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए कृषि को बढ़ावा देगी।
  • इस रोड मैप में राज्य में अगले 5 वर्षों में कृषि के विकास की कार्य-योजना बनाई गई है। इस कार्य-योजना में कृषि तथा 11 अन्य संबंधित विभागों को शामिल किया गया है।
  • कृषि रोड मैप कार्यक्रम में 1800 से अधिक किसान और जीविका-दीदी स्वयं सहायता समूह के 700 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
  • राज्य सरकार इस चौथे रोडमैप की मदद से कृषि समेत ग्रामीण इलाकों के लोगों की आय बढ़ाने का काम करेगी।
  • अब तक के कृषि रोड मैप से कृषि उत्पादकता में वृद्धि हुई है साथ-ही कृषकों की आय में भी वृद्धि हुई है।
  • बिहार सरकार वर्ष 2008 से कृषि रोड मैप लागू कर रही है।

पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण फिर से शुरू करने का आदेश दिया

पटना उच्च न्यायालय ने 2 अगस्त, 2023 को बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण फिर से शुरू करने का आदेश दिया।

  • पटना उच्च न्यायालय ने 4 मई, 2023 को एक अंतरिम आदेश के माध्यम से जाति सर्वेक्षण को रोक दिया था ।
  • पटना उच्च न्यायालय ने इससे पहले आदेश में कहा था की राज्य सरकार सर्वेक्षण का आयोजन करने के लिए पात्र नहीं है।
  • सर्वेक्षण दो चरणों में होने की योजना थी जो मई में समाप्त होने वाली थी।
  • पहले चरण को जनवरी में पूरा किया गया था जिसमें घरेलू गिनती अभ्यास हुआ था।
  • दूसरे चरण को 15 अप्रैल को शुरू किया गया था और मई में पूरा किया जाने वाला था।
  • दूसरे चरण में, जाति और सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में लोगों से डेटा इकट्ठा करना था।

बिहार में विश्व का सबसे बड़ा रामायण मंदिर का निर्माण कार्य शुरू

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में 20 जून को ‘विश्व के सबसे बड़े रामायण मंदिर’ का निर्माण कार्य शुरू किया गया है।

  • बिहार का यह मंदिर, कंबोडिया के प्रसिद्ध अंगकोरवाट मंदिर परिसर से भी ऊंचा होने की संभावना है।
  • रामायण मंदिर का निर्माण 3.76 लाख वर्ग फुट की विशाल भूमि पर किया जाएगा।
  • यह स्मारकीय संरचना आध्यात्मिक ज्ञान के प्रतीक के रूप में काम करेगी।
  • भव्य रामायण मंदिर के निर्माण में ₹500 करोड़ की अनुमानित लागत आएगी।
  • इस मंदिर में 12 आकर्षक गुंबद होंगे, जिसमें सबसे ऊंचा गुंबद 270 फीट की प्रभावशाली ऊंचाई तक पहुंचेगा।
  • मंदिर की कुल माप 2,800 फीट लंबाई, 1,400 फीट चौड़ाई और 405 फीट ऊंचाई होने का अनुमान है।
  • रामायण मंदिर का वास्तुशिल्प डिजाइन तीन प्रतिष्ठित मंदिरों से प्रेरणा लेता है।
  • कंबोडिया के राजसी अंगकोरवाट परिसर, रामेश्वरम के रामनाथस्वामी मंदिर और मदुरै के मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर ने मंदिर के डिजाइन को प्रभावित किया है।

पटना नगर निगम, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी अपनाने वाला देश का पहला नगर निगम

पटना नगर निगम, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को अपनाने वाला देश का पहला नगर निगम बन गया है। लॉन्च इवेंट 23 मई, 2023 को पटना नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर और नगर आयुक्त की भागीदारी के साथ हुआ।

  • भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उत्पन्न ई-रुपया नामक डिजिटल मुद्रा का उपयोग पूरे पटना नगर निगम क्षेत्र में किया जाएगा।
  • डिजिटल ई-रुपया मुद्रा के लाभों और अनुप्रयोगों के बारे में शिक्षित करने के लिए नगरसेवकों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई थी।
  • ऑनलाइन भुगतान प्रणाली पटना नगर निगम के राजस्व को बढ़ाने में योगदान देगी, साथ ही व्यक्तियों को अपने घरों से भुगतान करने के लिए सुविधाजनक सुविधाएं भी प्रदान करेगी।
  • सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी निजी डिजिटल मुद्राओं से भिन्न होती है, क्योंकि यह सरकार द्वारा जारी मुद्रा है और केंद्रीय बैंक की देयता का प्रतिनिधित्व करती है।

राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना

14 नवंबर, 2022 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बक्सर में 3,390 करोड़ रुपये की 2 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण बिंदु-

  • NH-922 पर 1662 करोड़ रुपये की लागत से 44 किलोमीटर लंबा 4-लेन वाला कोइलवर से भोजपुर तक तैयार किया गया है।
  • NH-922 पर 48 किलोमीटर 4-लेन भोजपुर से बक्सर खंड 1,728 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है।
  • इन दोनों के बनने से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटी के जरिये इससे बिहार से लखनऊ होते हुए दिल्ली पहुंचने में लगने वाला 15 घंटे का समय अब घटकर 10 घंटे हो जाएगा।

भगवान राम की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा

हाल ही में बिहार के बक्सर में सनातन संस्कृति समागम में श्रीराम कथा के दौरान पद्मभूषण पूज्य जगद्गुरु रामानंदाचार्य श्री रामभद्राचार्य जी प्रभु की कर्मभूमि बक्सर में भगवान राम की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाने की घोषणा की ।

महत्वपूर्ण बिंदु-

  • केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक परिवार से 9-9 रुपये की राशि इकट्ठा कर इसमें बक्सर की जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। स्वामी जी के अनुसार भगवान राम का जन्म नवमी के दिन हुआ था, इसलिए 9 रुपये की राशि पूर्ण है।
  • श्रीराम कर्मभूमि न्यास के तत्वावधान तथा केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संयोजन तथा पूज्य स्वामी जी के सानिध्य में माता अहिल्या धाम, अहिरौली में श्री रामभद्राचार्य महाराज जी ने अपनी 1357वीं रामकथा के चौथे दिन बक्सर की अस्मिता को स्थापित करने के लिए श्रीराम कर्मभूमि को विश्वपटल पर पहचान दिलाने के लिए यह संकल्प लिया।

भारत का पहला ग्रीनफील्ड अनाज आधारित इथेनॉल संयंत्र

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 30 अप्रैल, 2022 को पूर्णिया जिले में देश का पहला ग्रीनफील्ड अनाज आधारित इथेनॉल संयंत्र का शुभारंभ किया।

  • 105 करोड़ रुपए के इस संयंत्र को निजी निवेशक 'ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड' द्वारा स्थापित किया गया है। इसकी प्रति दिन 65000 लीटर इथेनॉल उत्पादन करने की क्षमता है।
  • यह केंद्र सरकार द्वारा बिहार सरकार की इथेनॉल उत्पादन और संवर्धन नीति-2021 को मंजूरी देने के बाद से विकसित पहला संयंत्र है।
  • 'जीरो वेस्ट डिस्चार्ज' (zero waste discharge) का उपयोग कर नवीनतम तकनीक से स्थापित इथेनॉल संयंत्र 15 एकड़ में है।
  • यह संयंत्र किसानों से प्रतिदिन 130 टन चावल की भूसी और 150 टन मक्का या चावल की खरीद करेगा।
  • इथेनॉल को विशेष रूप से राज्य में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम और पड़ोसी राज्यों में पश्चिम बंगाल और झारखंड में बेचा जाएगा।
  • इथेनॉल उत्पादन से पेट्रोल की लागत कम होने और रोजगार सृजन में मदद मिलने की उम्मीद है।
  • बिहार के 38 में से 18 जिलों को मकई की पट्टी (corn belt) के रूप में जाना जाता है, राज्य सरकार ने अगले दो वर्षों में कम से कम 17 इथेनॉल संयंत्र खोलने का प्रस्ताव किया है।

बिहार के 'मखाने' को बढ़ावा देने के प्रयासों को मिला लोक प्रशासन में प्रधानमंत्री पुरस्कार 2021

बिहार के दरभंगा जिले के अधिकारियों द्वारा 'मखाने' को बढ़ावा देने के प्रयासों को 21 अप्रैल, 2022 को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया।

  • 'फॉक्सनट' (Foxnut) या 'मखाना' बिहार के दरभंगा जिले से 'एक जिला एक उत्पाद' है।
  • दरभंगा 875 तालाबों के माध्यम से सालाना 4,000 टन मखाना का उत्पादन करता है।
  • लगभग सवा लाख परिवार मखाने की खेती, फसल और प्रसंस्करण से जुड़े हैं।

1857 के विद्रोह का नायक कुंवर सिंह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 23 अप्रैल, 2022 को बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर (आरा) में 'वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव' में हिस्सा लिया।

(Image Source: https://amritmahotsav. nic.in/)

  • भारत ने भोजपुर के जगदीशपुर के दुलेर ग्राउंड में 'वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव' कार्यक्रम में एक साथ 78,220 तिरंगे झंडे लहराकर 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' बनाया।
  • केंद्रीय गृह मंत्री ने भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में 1857 संग्राम के नायक वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा स्थापित करने की भी घोषणा की।
  • कुंवर सिंह (1777 - 1858) ने बिहार में 1857 के भारतीय विद्रोह का नेतृत्व किया था।
  • कुंवर सिंह जगदीशपुर के परमार राजपूतों के उज्जैनिया कबीले के एक परिवार से थे, जो वर्तमान में बिहार के भोजपुर जिला का एक हिस्सा है।
  • वह बिहार में अंग्रजों के खिलाफ लड़ाई के मुख्य महानायक थे। उन्हें 'वीर कुंवर सिंह' के नाम से भी जाना जाता है। 26 अप्रैल, 1858 को उनका निधन हो गया था।
  • भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के लिये 23 अप्रैल, 1966 को भारत गणराज्य द्वारा उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया।
  • बिहार सरकार ने 1992 में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा की स्थापना की।
  • वर्ष 2017 में ‘वीर कुंवर सिंह सेतु’, जिसे आरा-छपरा ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, का उद्घाटन उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिये किया गया था।
  • 2018 में, कुंवर सिंह की 160वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बिहार सरकार ने पटना के 'हार्डिंग पार्क' में उनकी प्रतिमा लगाई और आधिकारिक तौर पर पार्क का नाम बदलकर 'वीर कुंवर सिंह आजादी पार्क' कर दिया था।
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