सामयिक
इन्हें भी जानें:
शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव
वर्तमान में देश के कई हिस्से अत्यधिक तापमान का सामना कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहर, विशेष रूप से अधिक गर्म हैं। इसका कारण शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव (Urban heat island) नामक एक परिघटना है।
- एक शहरी ऊष्मा द्वीप एक स्थानीय और अस्थायी परिघटना है, जिसका अनुभव तब होता है, जब किसी शहर के भीतर कुछ हिस्से उसी दिन आसपास के क्षेत्रों की तुलना में अधिक ऊष्मा (गर्मी) का अनुभव करते हैं।
- उदाहरण के लिए, पुणे में पाशन जैसे हरियाली वाले इलाके में शिवाजीनगर, छिंछवाड जैसे शहरी क्षेत्रों की तुलना में अक्सर ठंडा तापमान दर्ज किया जाता है।
- एक ही शहर में विभिन्न जगहों के तामपान में अंतर, मुख्य रूप से कंक्रीट के जंगलों से मिलते-जुलते वातावरण में ऊष्मा के अवरोधित हो जाने के कारण होता है। तापमान भिन्नता 3 से 5 डिग्री सेल्सियस के बीच हो सकती है।
- शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण, खेत, जंगलों और पेड़ों के रूप में अपेक्षाकृत बड़ा हरित आवरण है। यह हरित आवरण अपने परिवेश में ऊष्मा (गर्मी) को नियंत्रित करने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
- शहरों में आमतौर पर कांच, ईंटों, सीमेंट और कंक्रीट से निर्मित इमारतें होती हैं- ये सभी गहरे रंग की सामग्री हैं, जो अधिक ऊष्मा अवशोषित करते हैं।
एल्गोरिदम
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी की मात्रा में लगातार वृद्धि के साथ, 'सर्च एल्गोरिदम' (search algorithms) तेजी से जटिल होते जा रहे हैं, निजता और अन्य चिंताओं को बढ़ा रहे हैं और नियामकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
- अप्रैल 2022 में, यूनाइटेड किंगडम के डिजिटल निगरानीकर्ता ने कहा कि वे एल्गोरिदम पर करीब से नजर रखेंगे, साइटों और ऐप्स के एल्गोरिदम का उपयोग करने के लाभों और जोखिमों के साथ-साथ ऑडिटिंग एल्गोरिदम, वर्तमान परिदृश्य और नियामकों की भूमिका के बारे में राय लेंगे।
- एक एल्गोरिथ्म निर्देशों की एक शृंखला है। इसका उपयोग गणना करने, किसी प्रश्न का उत्तर खोजने या किसी समस्या को हल करने के लिए किया जा सकता है।
- सर्च इंजन (Search engines) किसी व्यक्ति के सर्च रिक्वेस्ट के लिए प्रासंगिक परिणाम प्रदर्शित करने से पहले विभिन्न क्रियाओं के लिए कई एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं।
- 'गूगल सर्च इंजन' प्रौद्योगिकी दिग्गज अल्फाबेट इंक के गूगल का प्रमुख उत्पाद है, जो सर्च बाजार में सबसे अग्रणी है।
- एल्गोरिदम अक्सर ऐतिहासिक डेटा का उपयोग करके और विशिष्ट कार्यों के लिए विकसित किए जाते हैं। एक बार विकसित होने के बाद, इनकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कंपनियों द्वारा लगातार इनको अपडेट किया जाता है।
- फर्म इन एल्गोरिदम का उपयोग वेबसाइटों पर उत्पादों को रैंक करने के तरीके को बदलने के लिए कर सकते हैं, अपने स्वयं के उत्पादों को प्राथमिकता दे सकते हैं और प्रतिस्पर्धियों को बाहर कर सकते हैं। इनमें से कुछ चिंताओं ने नियामकों का ध्यान खींचा है।
फोमो
3 मई, 2022 को अपनी डेनमार्क यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकप्रिय सोशल मीडिया शब्दावली 'फोमो' यानी किसी चीज से चूक जाने का भय (FOMO: Fear Of Missing Out) का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश से चूक जाने वालों की स्थिति आगे चलकर ‘फोमो’ जैसी हो जाएगी।।
- ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने 'FOMO' को 'चिंता' (anxiety) के रूप में वर्णित किया है, जो अक्सर सोशल मीडिया पर देखी जाने वाली पोस्ट से उत्पन्न होती है।
- हालाँकि, 'FOMO' की पहचान 1990 के दशक के अंत में डैन हरमन नामक एक ब्रांड रणनीतिकार द्वारा की गई थी, लेकिन इस शब्दावली को 2004 में एक अमेरिकी उद्यम पूंजीपति (venture capitalist) पैट्रिक जे. मैकगिनिस (Patrick J. McGinnis) द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था।
- अपने 2021 के शोध पत्र 'फीयर ऑफ मिसिंग आउट: ए ब्रीफ ओवरव्यू ऑफ ओरिजिन, थ्योरिटिकल अंडरपिनिंग्स एंड रिलेशनशिप विद मेंटल हेल्थ' (‘Fear of missing out: A brief overview of origin, theoretical underpinnings and relationship with mental health) में लेखक मयंक गुप्ता और आदित्य शर्मा ने लिखा है कि FOMO की विशेषता है कि दूसरे क्या कर रहे हैं, इसके साथ लगातार जुड़े रहने की इच्छा।
जलवायु संबंधी भ्रामक जानकारी
इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की नवीनतम मूल्यांकन रिपोर्ट का हवाला देते हुए, सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर ने घोषणा की है कि वह जलवायु परिवर्तन पर भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाएग।
- 22 अप्रैल, 2022 को पृथ्वी दिवस पर ट्विटर की घोषणा उसके नेटवर्क पर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रचार अभियानों को रोकने के प्रयास का हिस्सा है।
- ट्विटर ने कहा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर जलवायु इनकारवाद (climate denialism) का मुद्रीकरण नहीं किया जाना चाहिए और "गलत बयानी वाले विज्ञापनों को जलवायु संकट के बारे में महत्वपूर्ण बातचीत से अलग नहीं होना चाहिए"।
- 2019 में, ट्विटर ने 2022 के अंत तक अपने डेटा केंद्रों में 100 प्रतिशत कार्बन-न्यूट्रल पावर सोर्सिंग (carbon-neutral power sourcing) हासिल करने की योजना साझा की।
- अक्टूबर 2021 में, प्रौद्योगिकी दिग्गज गूगल ने कुछ ऐसा ही किया था, जब उसने गूगल विज्ञापनदाताओं, प्रकाशकों और यूट्यूब सृजनकर्ताओं के लिए एक नई मुद्रीकरण नीति की घोषणा की थी।
- गूगल की नीति ऐसी सामग्री के विज्ञापनों और मुद्रीकरण को प्रतिबंधित करती है, जो "जलवायु परिवर्तन के अस्तित्व और कारणों के बारे में अच्छी तरह से स्थापित वैज्ञानिक सहमति" का खंडन करती है।
ध्वनि प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के अनुसार, 'शोर' को अवांछित ध्वनि के रूप में परिभाषित किया गया है। जो ध्वनि श्रोता को प्रसन्न करती है वह संगीत है और जो दर्द और झुंझलाहट का कारण बनती है वह शोर (ध्वनि प्रदूषण) है।
- वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 2 (ए) में 'वायु प्रदूषक' की परिभाषा में शोर शामिल है।
- ध्वनि प्रदूषण और इसके स्रोतों को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत नियंत्रित किया जाता है।
- ध्वनि प्रदूषण नियमों ने विभिन्न क्षेत्रों में दिन और रात दोनों समय के लिए ध्वनि के स्वीकार्य स्तर को परिभाषित किया है। औद्योगिक क्षेत्रों में, अनुमेय सीमा दिन के लिए 75 डेसिबल और रात के लिए 70 डेसिबल है।
- वाणिज्यिक क्षेत्रों में, ये सीमा 65 डेसिबल और 55 डेसिबल निर्धारित की गई है, जबकि आवासीय क्षेत्रों में दिन और रात के दौरान क्रमश: 55 डेसिबल और 45 डेसिबल हैं।
- साइलेंस जोन में, यानी अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और अदालतों के आसपास 100 मीटर से कम का क्षेत्र नहीं है, यह दिन में 50 डेसिबल और रात के दौरान 40 डेसिबल है।
- 'दिन के समय' को सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक की अवधि के रूप में और 'रात के समय' को रात्रि 10 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक परिभाषित किया जाता है।
हिंदी भाषा
हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने सुझाव दिया है कि राज्यों को अंग्रेजी के बजाय हिंदी में एक-दूसरे के साथ संवाद करना चाहिए, जबकि हिंदी को स्थानीय भाषाओं का विकल्प नहीं होना चाहिए।
- 2011 की भाषाई जनगणना में 121 मातृभाषाएं हैं, जिनमें संविधान की 8वीं अनुसूची में सूचीबद्ध 22 भाषाएं शामिल हैं।
- हिंदी सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। 52.8 करोड़ व्यक्ति या 43.6% आबादी इसे अपनी मातृभाषा के रूप में प्रयोग करते हैं।
- अगली सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा बंगाली है, जो 97 लाख (8%) लोगों की मातृभाषा है, जो कि हिंदी भाषी आबादी के पांचवें हिस्से से भी कम है।
- हिंदी जानने वालों की संख्या के मामले में यह संख्या देश के आधे से अधिक को पार कर जाती है। लगभग 13.9 करोड़ (11% से अधिक) ने हिंदी को अपनी दूसरी भाषा के रूप में स्वीकार किया है। इससे लगभग 55% आबादी के लिए हिंदी मातृभाषा या दूसरी भाषा है।
- हिंदी दशकों से भारत की प्रमुख मातृभाषा रही है, प्रत्येक उत्तरोत्तर जनगणना में जनसंख्या में इसका हिस्सा बढ़ रहा है।
- 1971 में, 37% भारतीयों ने हिंदी को अपनी मातृभाषा के रूप में रिपोर्ट किया था, जो अगली चार जनगणनाओं में बढ़कर 38.7%, 39.2%, 41% और 43.6% हो गया है।
- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार सहित भारत के कुछ सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में हिंदी प्रमुख भाषा है।
विद्या समीक्षा केंद्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 अप्रैल, 2022 को गुजरात में शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित ‘कमान एवं नियंत्रण केंद्र’ का दौरा किया।
- जून 2021 में, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने तकनीकी और ढांचागत उन्नत कमान एवं नियंत्रण केंद्र 2.0 या 'विद्या समीक्षा केंद्र' का उद्घाटन किया था।
- यह एक निगरानी प्रणाली है, जो नामांकन, उपस्थिति, सीखने के परिणामों, ड्रॉप-आउट, स्कूल प्रत्यायन (school accreditation) को ट्रैक करती है और स्कूलों, शिक्षकों और ब्लॉक और क्लस्टर संसाधन केंद्र समन्वयकों की निगरानी करती है।
- यह अत्याधुनिक डेटा संचालित केंद्र 'राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा आर्किटेक्चर' (National Digital Education Architecture) फ्रेमवर्क पर आधारित है।
- केंद्र गांधीनगर के सेक्टर- 19 में स्थित है और इसका उद्देश्य सीखने के परिणामों में सुधार के लिए डेटा और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना है।
पॉइजन पिल
‘ट्विटर’ ने एलन मस्क द्वारा कंपनी को खरीदने के प्रस्ताव के जबाव में ‘पॉइजन पिल’ (Poison Pill) के रूप में प्रचलित एक कॉर्पोरेट हथियार का इस्तेमाल किया है।
- ‘पॉइजन पिल’ (Poison Pill) किसी कंपनी के जबरदस्ती अधिग्रहण को रोकने की एक रक्षात्मक रणनीति है।
- इस रक्षा तंत्र को 1980 के दशक में कॉर्पोरेट हमलावरों और शत्रुतापूर्ण अधिग्रहणों का सामना कर रहे कंपनी के नेतृत्वकर्ताओं द्वारा अपने व्यवसायों को किसी अन्य उद्यम, व्यक्ति या समूह द्वारा अधिग्रहित होने से बचाने की कोशिश के दौरान विकसित किया गया था।
- ‘पॉइजन पिल’ एक ऐसी युक्ति है, जिसके माध्यम से आम तौर पर किसी संभावित अधिग्रहणकर्ता के लिए लक्षित कंपनी को कम-रुचिकर बना दिया जाता है। इसका प्रयोग करके, लक्षित कंपनी के शेयरों को अधिग्रहणकर्ता द्वारा खरीदने के लिए एक निश्चित सीमा से ऊपर अधिक महंगा बना दिया जाता है।
- यह रणनीति एक कंपनी को एक प्रस्ताव का मूल्यांकन करने के लिए अधिक समय देती है।
- ‘पॉइजन पिल’ को आधिकारिक तौर पर एक ‘शेयरधारक अधिकार योजना’ के रूप में जाना जाता है, और यह कंपनी के चार्टर या उपनियमों में दिखाई दे सकती है या शेयरधारकों के बीच अनुबंध के रूप में मौजूद हो सकती है।
अमेरिका द्वारा 'आतंकवाद के राज्य प्रायोजक' के रूप में नामित करना
अप्रैल 2022 में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन से रूस को 'आतंकवाद के प्रायोजक राज्य' (state sponsor of terrorism) के रूप में नामित करने का अनुरोध किया है।
- ऐसा करने से रूस के खिलाफ अमेरिकी सरकार के पास उपलब्ध सबसे कठोर प्रतिबंधों को सक्रिय किया जा सकेगा।
- अमेरिकी विदेश मंत्री के पास "अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के कृत्यों के लिये बार-बार समर्थन प्रदान करने वाले देशों" को 'आतंकवाद के राज्य प्रायोजक' के रूप में नामित करने की शक्ति होती है।
- अमेरिका इस सूची में शामिल देशों पर चार प्रकार के प्रतिबंध लगा सकता है- अमेरिकी विदेशी सहायता पर प्रतिबंध; रक्षा निर्यात और बिक्री पर प्रतिबंध; दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात पर कुछ नियंत्रण; और विविध वित्तीय और अन्य प्रतिबंध।
- इसके तहत उन देशों और व्यक्तियों पर भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जो निर्दिष्ट देशों के साथ कुछ व्यापार में संलग्न हैं।
- अब तक, आतंकवाद के राज्य प्रायोजकों की सूची में चार देश हैं। इनमें सबसे पहले सीरिया (29 दिसंबर, 1979), उसके बाद ईरान (19 जनवरी, 1984) और उत्तर कोरिया (20 नवंबर, 2017) को नामित किया गया था। 12 जनवरी, 2021 को क्यूबा को आतंकवाद के राज्य प्रायोजक के रूप में फिर से नामित किया गया था।
बुखारेस्ट नाइन
नौ पूर्वी यूरोपीय देशों के समूह ‘बुखारेस्ट नाइन’ (बी-9) ने नाटो के पूर्व की ओर 'विस्तार' के रूसी दावे को खारिज किया है।
- 'बुखारेस्ट नाइन' पूर्वी यूरोप में नौ नाटो देशों का एक समूह है, जो शीत युद्ध की समाप्ति के बाद अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन का हिस्सा बन गया।
- बुखारेस्ट नाइन या बुखारेस्ट प्रारूप को अक्सर (बी-9) (B9) के रूप में भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 4 नवंबर, 2015 को हुई थी, और इसका नाम रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से लिया गया है।
- यह समूह क्लॉस इओहानिस, जो 2014 से रोमानिया के राष्ट्रपति हैं और आंद्रेज डूडा, जो अगस्त 2015 में पोलैंड के राष्ट्रपति बने, की पहल पर बनाया गया था।
- बी-9 के सदस्यों में रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, बुल्गारिया, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया तथा एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया के तीन बाल्टिक गणराज्य शामिल हैं।
- पहले ये सभी नौ देश विघटित सोवियत संघ का हिस्सा थे, लेकिन बाद में इन्होंने लोकतंत्र का रास्ता चुना। बी-9 के सभी सदस्य यूरोपीय संघ (EU) और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का हिस्सा हैं।
- बुखारेस्ट प्रारूप (बी9) नाटो में चल रही प्रक्रियाओं में अपने विशिष्ट योगदान को स्पष्ट करने के लिए, भागीदार संबद्ध राज्यों के बीच संवाद और परामर्श को गहरा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।