ताप-नाभिकीय संलयन प्रौद्योगिकियां

  • 14 Mar 2022

फरवरी 2022 में, ऑक्सफोर्डशायर, यूनाइटेड किंगडम में संयुक्त यूरोपीय टोरस (JET) संलयन प्रयोग ने ताप-नाभिकीय संलयन (thermonuclear fusion) से 59 मेगाजूल ऊर्जा का उत्पादन किया है।

  • ताप-नाभिकीय संलयन वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा हाइड्रोजन परमाणु संयोजन में सूर्य के अंदर हीलियम का निर्माण करते हैं और अपार ऊर्जा विमुक्त करते हैं।
  • सामान्यतया, ये परमाणु संलयित नहीं हो सकते। लेकिन तीव्र दबाव और घने आंतरिक भाग (कोर) के साथ सूर्य के केंद्र में भीषण गर्मी में, हाइड्रोजन का प्लाज्मा एक दूसरे के साथ मिलकर हीलियम बनाता है, जिससे प्रकाश और ऊष्मा के रूप में विशाल ऊर्जा निकलती है। इस प्रक्रिया को 'टोकामक' (tokamaks) जैसे संलयन रिएक्टरों में निष्पादित किया जा रहा है।
  • टोकामक की अवधारणा सबसे पहले सोवियत भौतिकविदों इगोर टैम और आंद्रेई सखारोव ने दी थी। टोकामक एक मशीन है, जो चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करके झुलसा देने वाले प्लाज्मा को सीमित करती है, इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक भाषा में ‘टोरस’ नाम से जाना जाता है।
  • विखंडन रिएक्टरों के विपरीत, 'टोकमक' (tokamaks) जैसे संलयन रिएक्टर रेडियोधर्मी रिसाव के खतरे पैदा नहीं करते हैं। ताप-नाभिकीय संलयन से ऊर्जा का दोहन आज एक वैश्विक सहयोगात्मक प्रयास है।