शक्ति आपराधिक कानून विधेयक पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट (

  • 28 Dec 2021

महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने 22 दिसंबर, 2021 को विधान सभा में शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट पेश की।

(Image Source: https://www.republicworld.com/)

  • रिपोर्ट समिति की सिफारिशों को निर्दिष्ट करती है। यह विधेयक, आंध्र प्रदेश के 'दिशा अधिनियम' की तर्ज पर तैयार किया गया है।

मसौदा विधेयक के प्रावधान: मसौदा विधेयक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा का प्रावधान करता है।

  • इस तरह के मामलों में शिकायत दर्ज होने के दिन से जांच पूरी करने के लिए 30 दिनों की समय सीमा निर्दिष्ट की गई है।
  • पुलिस जांच के लिए डेटा साझा करने की जिम्मेदारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ-साथ इंटरनेट प्रदाता कंपनियों पर डाली गई है।

पैनल की सिफारिशें: ऐसे मामलों में पुलिस जांच 30 दिनों के भीतर समाप्त होनी चाहिए और यदि ऐसा नहीं होता है, तो विशेष महानिरीक्षक या पुलिस आयुक्त से कारण निर्दिष्ट करने के बाद और 30 दिनों का समय दिया जा सकता है।

  • एसिड अटैक के मामले में लागू भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 326 में संशोधन कर दोषियों को न्यूनतम 15 साल से लेकर अधिकतम उम्र कैद और आर्थिक जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा।
  • इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल माध्यमों से महिलाओं, पुरुषों और ट्रांसजेंडरों की लज्जा भंग (outraging the modesty) करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आईपीसी की एक नई धारा 354ई का प्रस्ताव भी किया गया है।