मृदा स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करने के लिए आदिवासी किसानों की पहल को एफएओ ने दी
- 03 Jan 2022
 
मृदा स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करने और इसकी जैव विविधता को बहाल करने के लिए दक्षिणी राजस्थान के तीन जिलों में आदिवासी किसानों की एक सामुदायिक पहल को संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) से मान्यता दी गई है।

(Image Source: https://www.thehindu.com/)
- एफएओ ने मृदा स्वास्थ्य, कृषि उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण पर इसके प्रभाव के लिए इस क्षेत्र में अपनाई गई 'पोषण-संवेदनशील कृषि प्रणाली' (nutrition-sensitive farming system) की प्रशंसा की है।
 - आदिवासी बहुल प्रतापगढ़, डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में शुरू की गई पहल से बड़ी संख्या में पारंपरिक कृषि पद्धतियों का पुनः प्रवर्तन हुआ है।
 - एफएओ ने इस पहल की सराहना की है और इसे अपने हालिया प्रकाशनों में से एक 'सॉएल बायोडाइवर्सिटी इन एक्शन' (Soil biodiversity in action) विषय के तहत शामिल किया है।
 - पोषण के प्रति संवेदनशील कृषि में प्राकृतिक उर्वरकों के रूप में फलियों के साथ मिश्रित फसल, फसल चक्रण, कृषि-वानिकी, मल्चिंग(mulching), वासभूमि में वृक्षारोपण और कृषि क्षेत्रों के चारों ओर घास के मैदान और घास की पट्टियाँ उगाना शामिल है।
 
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