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सामयिक खबरें :
इसरो का शुक्र मिशन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने 4 मई, 2022 को शुक्र विज्ञान पर एक दिवसीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शुक्र मिशन (Venus mission) की संकल्पना की गई है तथा इसके लिए एक परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।
उद्देश्य: सौर मंडल के सबसे गर्म ग्रह की सतह के निचले भाग का अध्ययन करना और 'सल्फ्यूरिक एसिड' के बादलों के रहस्यों को उजागर करना।
महत्वपूर्ण तथ्य: इसरो द्वारा इस मिशन को दिसंबर 2024 में लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है, जब पृथ्वी और शुक्र एक सीध में आ जाएंगे। अगर इस समय लॉन्चिंग होगी तो अंतरिक्ष यान को कम से कम प्रणोदक के साथ शुक्र की कक्षा में स्थापित किया जा सकता है।
- 'शुक्र' सूर्य से दूसरा ग्रह है। शुक्र को उसके द्रव्यमान, आकार और घनत्व के कारण ‘पृथ्वी की जुड़वा बहन’ कहा जाता है। समान शारीरिक बनावट के बावजूद, दोनों ग्रह एक-दूसरे से काफी अलग हैं।
- शुक्र में कार्बन डाइऑक्साइड से भरा एक घना, विषैला वातावरण है।
- शुक्र ग्रह को ‘भोर का तारा’ (Morning Star) व ‘सांझ का तारा’ (Evening Star) के नामों से भी जाना जाता है।
- यह सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह है। शुक्र पर सतह का तापमान लगभग 900 डिग्री फारेनहाइट (लगभग 475 डिग्री सेल्सियस) है।
सियोल वन घोषणा
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल, में आयोजित 15वीं विश्व वानिकी कांग्रेस में 5 मई, 2022 को ‘सियोल वन घोषणा’ को अपनाया गया। 15वीं विश्व वानिकी कांग्रेस 2 से 6 मई, 2022 तक आयोजित की गई।
(Image Source: https:// https://twitter.com/WFCKorea/)
सियोल घोषणा की मुख्य विशेषताएं: वनों की जिम्मेदारी को संस्थानों, क्षेत्रों और हितधारकों के बीच साझा और एकीकृत किया जाना चाहिए।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत प्रतिबद्धताओं और अवक्रमितभूमि को बहाल करने के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विश्व स्तर पर वन और परिदृश्य बहाली में निवेश को 2030 तक तिगुना करने की आवश्यकता है।
- वन राजनीतिक, सामाजिक और पर्यावरणीय सीमाओं से स्वतंत्र होते हैं, जो जैव विविधता और ग्रहीय पैमाने पर कार्बन, जल और ऊर्जा चक्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- विश्व वानिकी कांग्रेस के महत्वपूर्ण निष्कर्षों में एक चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था और जलवायु तटस्थता के महत्व को रेखांकित किया गया है।
- भविष्य की महामारियों के जोखिम को कम करने के लिए स्वस्थ, उत्पादक वनों को भी बनाए रखा जाना चाहिए।
विश्व वानिकी कांग्रेस: विश्व वानिकी कांग्रेस हर छ: साल में लगभग एक बार आयोजित की जाती है। पहली कांग्रेस 1926 में इटली में आयोजित की गई थी। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के सहयोग से 1954 से मेजबान देशों द्वारा कांग्रेस का आयोजन किया जाता है।
- 2022 कांग्रेस का विषय 'वनों के साथ हरित, स्वस्थ और अनुकूल भविष्य का निर्माण' (Building a Green, Healthy and Resilient Future with Forests) था।
- यह एशिया में आयोजित दूसरी कांग्रेस है। इंडोनेशिया ने 1978 में एशिया में पहली कांग्रेस की मेजबानी की थी।
उन्नत हल्का हेलीकाप्टर एमके -III स्क्वाड्रन
भारतीय तटरक्षक बल ने 4 मई, 2022 को कोच्चि के नेदुंबसेरी में तटरक्षक एयर एन्क्लेव में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्नत हल्के हेलीकाप्टर एमके-III (ALH Mk III) के अपने दूसरे एयर स्क्वाड्रन '845 स्क्वाड्रन(सीजी)' को कमीशन किया।
(Image Source: https://twitter.com/airnewsalerts)
महत्वपूर्ण तथ्य: तटरक्षक महानिदेशक वी. एस. पठानिया ने इस नये एयर स्क्वाड्रन को कमीशन किया।
- ALH Mk III हेलीकॉप्टरों के दूसरे स्क्वाड्रन का उद्देश्य पश्चिमी समुद्री तट की सुरक्षा को और बढ़ाने के साथ ही साथ भारत की खोज और बचाव क्षमता को बढ़ाना है।
- स्वदेशी रूप से विकसित ALH Mk III हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक सेंसर की एक शृंखला से सुसज्जित है, जो तटरक्षक बल के समुद्री कौशल में इजाफा करती हैं।
- यह बहुआयामी हेलीकॉप्टर उन्नत संचार प्रणाली, स्वचालित पहचान प्रणाली, खोज और बचाव होमर और स्वचालित उड़ान नियंत्रण प्रणाली और आधुनिक निगरानी रडार / इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल उपकरण से सुसज्जित हैं।
- तटरक्षक बल का पहला ALH Mk-III स्क्वाड्रन भुवनेश्वर में है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने 5 मई, 2022 को राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के पांचवें दौर (एनएफएचएस-5) की राष्ट्रीय रिपोर्ट जारी की।
(Image Source: https://indianexpress.com/)
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष: कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate: TFR) यानी प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या, एनएफएचएस-4 और एनएफएचएस-5 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है।
- भारत में केवल पांच राज्य हैं, जो 2.1 के प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर (replacement level of fertility) से ऊपर हैं। वे हैं बिहार (2.98), मेघालय (2.91), उत्तर प्रदेश (2.35), झारखंड (2.26) मणिपुर (2.17)।
- समग्र गर्भनिरोधक प्रसार दर (Contraceptive Prevalence Rate) देश में 54% से बढ़कर 67% हो गई है।
- भारत में संस्थागत जन्म 79% से बढ़कर 89% हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 87% जन्म संस्थानों में होता है और शहरी क्षेत्रों में यह 94% है।
- एनएफएचएस-4 में 62% की तुलना में एनएफएचएस-5 में 12-23 महीने की उम्र के तीन-चौथाई (77%) से अधिक बच्चों का पूरी तरह से टीकाकरण किया गया है।
- पिछले चार वर्षों से भारत में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में स्टंटिंग (उम्र के अनुसार कम लंबाई) का स्तर 38% से 36% तक मामूली रूप से कम हो गया है। 2019-21 में शहरी क्षेत्रों (30%) की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों (37%) में बच्चों में स्टंटिंग अधिक है।
- एनएफएचएस-4 और एनएफएचएस-5 के बीच, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन के उपयोग में (44% से 59% तक), बेहतर स्वच्छता सुविधाओं में (49% से 70% तक) तथा साबुन और पानी से हाथ धोने की सुविधा में (60% से 78% तक) काफी सुधार हुआ है।
वायरलेस जैमर की अवैध बिक्री के खिलाफ एडवाइजरी
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने 30 अप्रैल, 2022 को वायरलेस जैमर (wireless jammers) की अवैध बिक्री और सुविधा के खिलाफ ई-कॉमर्स संस्थाओं को एक एडवाइजरी जारी की।
(Image Source: https://dir.indiamart.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 या भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम (IWTA), 1933 के तहत अनुमति / लाइसेंस के बिना किसी भी वायरलेस डिवाइस की बिक्री और उपयोग, जब तक कि नियमों से छूट न हो, अवैध है।
- वायरलेस जैमर, अधिकृत दूरसंचार और वायरलेस नेटवर्क को बाधित करने में सक्षम हैं।
- जैमर भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933 के दायरे में आते हैं और अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जैमरों को रखने और उपयोग करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा वायरलेस जैमर की किसी भी सुविधा या बिक्री को एक अवैध गतिविधि के रूप में देखा जाना चाहिए और इसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन और अनुचित व्यापार प्रथा के रूप में माना जाना चाहिए।
- जैमरों को केवल असाधारण परिस्थितियों में और केवल तभी अनुमति दी जा सकती है, जब कैबिनेट सचिवालय में सचिव (सुरक्षा) द्वारा दिशा-निर्देशों के अनुसार अनुमोदित किया गया हो।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18 के तहत, सीसीपीए को उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा, संवर्धन और लागू करने और उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन को रोकने और यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था खुद को अनुचित व्यापार प्रथाओं में शामिल न करे।
रामगढ़ विषधारी भारत का 52वां बाघ अभयारण्य
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि राजस्थान में रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को 16 मई, 2022 को भारत के 52वें बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया है।
(Image Source: https://www.firstpost.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: रणथंभौर, सरिस्का और मुकुंदरा के बाद यह राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व है।
- यह टाइगर रिजर्व 1,501.89 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला है।
- रामगढ़ विषधारी का ज्यादातर हिस्सा बूंदी जिले में और कुछ हद तक भीलवाड़ा और कोटा जिलों में है।
- नए अधिसूचित टाइगर रिजर्व में पूर्वोत्तर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व और दक्षिणी तरफ मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के बीच बाघ आवास शामिल है और यह रणथंभौर टाइगर रिजर्व से बाघों के आवागमन की सुविधा प्रदान करता है।
- रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में भारतीय भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, सुस्त भालू, सुनहरा सियार, चिंकारा, नीलगाय और लोमड़ी जैसे जंगली जानवर देखे जा सकते हैं।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने 5 जुलाई, 2021 को रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य और आसपास के क्षेत्रों को बाघ अभयारण्य बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
- 2019 में जारी 'भारत में बाघों की स्थिति' रिपोर्ट के अनुसार, देश भर के 20 राज्यों में 2,967 बाघ हैं।
अंडमान को मिलेगा गैस आधारित बिजली संयंत्र
9 मई, 2022 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने तटीय क्षेत्रों के नियमन को नियंत्रित करने वाले कानूनों में छूट को मंजूरी दे दी है, जिसने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में गैस संचालित संयंत्रों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: द्वीप तटीय क्षेत्र विनियमन (The Island Coastal Zone Regulation: ICRZ), 2019, कमजोर तटीय हिस्सों पर बुनियादी ढांचे के विकास को सीमित करता है।
- ‘राष्ट्रीय तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण’ (National Coastal Zone Management Authority: NCZMA) ने सिफारिश की है कि केवल 100 वर्ग किलोमीटर से अधिक भौगोलिक क्षेत्रों वाले द्वीपों पर द्वीप तटीय विनियमन क्षेत्र के भीतर गैस आधारित बिजली संयंत्रों की अनुमति दी जानी चाहिए।
- होप टाउन, पोर्ट ब्लेयर में 50 मेगावाट की तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आधारित बिजली परियोजना शुरू की जाएगी। यह एक दोहरे ईंधन वाला बिजली संयंत्र होगा, जो डीजल और एलएनजी दोनों से संचालित होगा।
- इस संयंत्र को राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) द्वारा विकसित किया जाएगा।
- नीति आयोग के नीतिगत प्रयासों के बाद अंडमान क्षेत्र के विकास में रुचि बढ़ी है। एक प्रस्तावित परियोजना ग्रेटर अंडमान क्षेत्र या द्वीप समूह के सबसे दक्षिणी हिस्से को विकसित करने की है।
- प्रस्तावों में 22 वर्ग किलोमीटर का हवाई अड्डा परिसर, दक्षिण खाड़ी में 12,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट (TSP), तट के समांतर एक मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (mass rapid transport system), एक मुक्त व्यापार क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिमी तट पर वेयरहाउसिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण शामिल हैं।
मौद्रिक नीति समिति
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2 मई, 2022 को डॉ. राजीव रंजन को कार्यकारी निदेशक (ED) के रूप में नियुक्त किया है। कार्यकारी निदेशक के रूप में डॉ. रंजन मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee: MPC) के पदेन सदस्य के रूप में काम करेंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य: संशोधित आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45ZB के तहत, केंद्र सरकार को मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतिगत ब्याज दर निर्धारित करने के लिए छ: सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन करने का अधिकार है।
- इस तरह की पहली मौद्रिक नीति समिति का गठन 2016 में किया किया गया था।
- धारा 45ZB के अनुसार "मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीति दर निर्धारित करेगी" और "मौद्रिक नीति समिति का निर्णय बैंको के लिए बाध्यकारी होगा"।
- मौद्रिक नीति समिति के छ: सदस्यों में से तीन सदस्य RBI से होते हैं और अन्य तीन सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
- एमपीसी के वर्तमान सदस्य आरबीआई से शक्तिकांत दास, माइकल पात्रा और डॉ. राजीव रंजन हैं और आरबीआई के बाहर के तीन सदस्य- डॉ. शशांक भिडे, डॉ. आशिमा गोयल और प्रो. जयंत आर वर्मा हैं।
शिगेला
केरल के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मई 2022 में कासरगोड में खाद्य विषाक्तता (food poisoning) की घटना 'शिगेला बैक्टीरिया' (Shigella bacteria) के कारण हुई है।
(Image Source: https://www.cdc.gov/shigella)
महत्वपूर्ण तथ्य: कासरगोड में एक भोजनालय से चिकन शावरमा (chicken shawarma) खाने के बाद लोगों के रक्त और मल में इस बैक्टीरिया की उपस्थिति की पुष्टि हुई।
- शिगेला बैक्टीरिया 'एंटरोबैक्टर परिवार' (enterobacter family) से संबंधित है। यह दुनिया भर में ‘अतिसार’ (Diarrhoea) के सबसे आम कारणों में से एक है।
- शिगेला बैक्टीरिया 'शिगेलोसिस (shigellosis) नामक संक्रमण का कारण बनता है।
- शिगेलोसिस एक बहुत ही सामान्य संक्रमण नहीं है। यह भोजन और पानी से होने वाला संक्रमण है, और यह दूषित भोजन के सेवन से हो सकता है; जैसे- केरल के मामले में ‘बिना धुले फल या सब्जियां’।
- शिगेला के संक्रमण से अधिकांश रोगियों में दस्त (कभी-कभी खूनी), पेट में ऐंठन और बुखार की शिकायत होती है।
- रोगी के मलमूत्र के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क से यह रोग आसानी से फैलता है। दूषित पानी से स्नान करने से भी संक्रमण हो सकता है।
- शिगेला बैक्टीरिया चार प्रकार के होते हैं, जो मनुष्यों को प्रभावित करते हैं - 'शिगेला सोनेई' (Shigella sonnei), 'शिगेला फ्लेक्सनेरी' (Shigella flexneri), शिगेला बॉयडी (Shigella boydii) और 'शिगेला डिसेंट्री' (Shigella dysenteriaei)।
- 'शिगेला डिसेंट्री' सबसे गंभीर बीमारी का कारण बनता है क्योंकि यह विष पैदा करता है।
- लगातार हाथ धोने से शिगेला संक्रमण को 70% तक कम किया जा सकता है। अधिकांश लोग एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता के बिना ठीक हो जाते हैं। हालांकि, गंभीर बीमारी वाले लोगों को एंटीबायोटिक दवाएं दी जानी चाहिए।
मार्तंड सूर्य मंदिर पूजा विवाद
8 मई, 2022 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मार्तंड सूर्य मंदिर के संरक्षित स्थल में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम विवादों में घिर गया है।
(Image Source: https://www.thebetterkashmir.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का कहना है कि मुख्य संरक्षित क्षेत्र परिसर में पूजा करने की अनुमति नहीं ली गई थी और इसे नियमों का उल्लंघन माना है।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, जो संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, संरक्षित स्मारकों का संरक्षक है।
क्या है नियम? नियमों के अनुसार, अगर पुरातत्व विभाग द्वारा किसी स्थान या परिसर को अपनी सुपुर्दगी में लिए जाने के समय वहां कोई धार्मिक अनुष्ठान, पूजा या अन्य कोई समारोह होता है तो ही पुरातत्व विभाग द्वारा संबंधित स्थान को अधिकार में लिए जाने के बाद भी ऐसे कार्यक्रम जारी रहेंगे।
- निर्जीव स्मारकों (non-living monument) पर कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं किया जा सकता है। निर्जीव स्मारक ऐसे स्मारक हैं, जहां ASI संरक्षित स्थल बनने पर पूजा/ धार्मिक अनुष्ठान की निरंतरता न रही हो।
मार्तंड सूर्य मंदिर: मार्तंड सूर्य मंदिर को जब 20वीं शताब्दी में ASI को सुपुर्द किया गया था, तो वहां कोई पूजा या हिंदू अनुष्ठान नहीं किया जा रहा था। इसलिए मार्तंड सूर्य मंदिर को एक निर्जीव स्मारक माना जाता है।
- 'मार्तंड' हिंदू सूर्य-देवता का संस्कृत में एक नाम है। मंदिर का निर्माण कार्कोट राजवंश के शासक ललितादित्य मुक्तापीड ने 8वीं शताब्दी में करवाया था।
- हालांकि यह अब खंडहर में तब्दील हो गया है, ऐसा माना जाता है कि इसे मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मिरी के आदेश पर नष्ट कर दिया गया था।
अन्य तथ्य: एक जीवित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण स्मारक (living ASI monument) का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण आगरा में ताजमहल है, जहां हर शुक्रवार को नमाज अदा की जाती है।