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संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट कार्यक्रम में शामिल हुआ आर्य.एजी

अनाज वाणिज्य प्लेटफॉर्म आर्य.एजी (Arya.ag) संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट इंडिया में शामिल हो गया है।


(Image Source: https://unglobalcompact.org/)

महत्वपूर्ण तथ्य: इसके द्वारा Arya.ag स्वेच्छा से सार्वभौमिक स्थिरता सिद्धांतों (universal sustainability principles) की पुष्टि करता है और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए कदम उठाता है।

  • 'संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट' (United Nations Global Compact: UNGC) कॉर्पोरेट प्रशासन संचालित स्थिरता का एक विकसित फ्रेमवर्क है।
  • इसके तहत UNGC के सदस्यों को मानवाधिकार, श्रम, पर्यावरण और भ्रष्टाचार-रोधी जैसे तत्वों को शामिल करते हुए 10 सिद्धांतों के अनुरूप व्यवसाय संचालित करना अनिवार्य है।
  • इसके अलावा, सदस्यों को सतत विकास लक्ष्य 2030 हासिल करने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
  • UNGC, दुनिया की सबसे बड़ी कॉर्पोरेटउत्तरदायित्व पहल है, जिसमें 70 से अधिक स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से 160 देशों में 16,000 से अधिक कंपनियां और 3,000 गैर-व्यावसायिक हस्ताक्षरकर्ता हैं।

भारत के राष्ट्रपति की नीदरलैंड की राजकीय यात्रा

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 4 से 7 अप्रैल, 2022 तक नीदरलैंड की राजकीय यात्रा पर रहे।

(Image Source: https://twitter.com/rashtrapatibhvn)

महत्वपूर्ण तथ्य: 4 अप्रैल को भारत के राष्ट्रपति ने लिए एम्स्टर्डम के क्यूकेनहौफ ट्यूलिप पार्क का दौरा किया। भारत और नीदरलैंड के बीच विशेष और स्थायी मित्रता के प्रतीक के तौर पर एक ट्यूलिप नस्ल को 'मैत्री' नाम दिया गया है।

  • नीदरलैंड के राजा विलेम-अलेक्जेंडर और रानी मैक्सिमा ने एम्स्टर्डम के रॉयल पैलेस में भारत के राष्ट्रपति की अगवानी की।
  • भारत के राष्ट्रपति ने राजधानी हेग में नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट से भी मुलाकात की।
  • भारत के राष्ट्रपति की नीदरलैंड की यह यात्रा 34 साल बाद हुई है। इससे पहले 1988 में तत्कालीन राष्ट्रपति वेंकटरमन ने नीदरलैंड की यात्रा की थी।
  • ज्ञात हो कि इस वर्ष भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।

अहम दस्तावेजों की घोषणा: (i) बंदरगाहों, समुद्री परिवहन और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर समझौता ज्ञापन का विस्तार;

(ii) भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और नीदरलैंड सरकार के आर्थिक मामलों के मंत्रालय, कृषि और नवाचार मंत्रालय के बीच सहयोग कार्यक्रम का विस्तार;

(iii) लीडेन यूनिवर्सिटी और केरल काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च, नीदरलैंड के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच 17वीं शताब्दी के अभिलेखागार को डिजिटल बनाने और उन्हें भारतीय और अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध कराने के लिए कॉसमॉस मालाबारिकस परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन;

(iv) साझा सांस्कृतिक विरासत कार्यक्रम के निष्पादन पर राज्य अभिलेखागार विभाग, केरल और नीदरलैंड के राष्ट्रीय अभिलेखागार के साथ समझौता ज्ञापन का विस्तार।

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्‍यापार समझौता

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 2 अप्रैल, 2022 को 'भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते' (The India-Australia Economic Cooperation and Trade Agreement: Ind-Aus ECTA) पर हस्ताक्षर किए।

महत्वपूर्ण तथ्य: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की उपस्थिति में एक आभासी समारोह में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलियाई व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन तेहान द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

  • समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया अपने बाजार में 95% से अधिक भारतीय वस्तुओं- जैसे वस्त्र, चमड़ा, आभूषण और खेल उत्पादों के लिए शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान करेगा।
  • समझौते से अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 27 अरब डॉलर से 45-50 अरब डॉलर तक बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को किए जाने वाले प्रमुख निर्यात में पेट्रोलियम उत्पाद, वस्त्र और परिधान, इंजीनियरिंग सामान, चमड़ा, रसायन और रत्न और आभूषण शामिल हैं। आयात में मुख्य रूप से कच्चा माल, कोयला, खनिज और मध्यवर्ती वस्तुएं शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलिया भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जबकि भारत ऑस्ट्रेलिया का 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। वस्तुओं और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 2021 में 27.5 अरब डॉलर था।

भारत के राष्ट्रपति की तुर्कमेनिस्तान की राजकीय यात्रा

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 1 से 4 अप्रैल, 2022 तक तुर्कमेनिस्तान की राजकीय यात्रा पर रहे।

महत्वपूर्ण तथ्य: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सर्दार बर्दीमुहामेदोव (Serdar Berdimuhamedov) ने संबंधों को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार और ऊर्जा सहयोग का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की।

  • दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) और अंतरराष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारे पर अश्गाबात समझौते के महत्व पर प्रकाश डाला।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर: भारत की वित्तीय खुफिया इकाई और तुर्कमेनिस्तान की वित्तीय निगरानी सेवा के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के ढांचे को मजबूत करेगा।

  • इसके अलावा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग; 2022-2025 की अवधि के लिए संस्कृति और कला के क्षेत्र में सहयोग के कार्यक्रम; और युवा मामलों में सहयोग पर दोनों देशो के बीच हस्ताक्षर किए गए।
  • राष्ट्रपति कोविंद ने तुर्कमेनिस्तान के पहले राष्ट्रपति सपरमुरत नियाजोव की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और अश्गाबात में स्वतंत्रता स्मारक पर माल्यार्पण भी किया।
  • भारत 1991 में तुर्कमेनिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता देने और 1992 में औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।

अमेरिका - यूरोपीय संघ एलएनजी समझौता

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूरोपीय महाद्वीप की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की आपूर्ति के लिए मार्च 2022 में यूरोपीय संघ के साथ एक समझौता किया है।

  • महत्वपूर्ण तथ्य: रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर यूरोपीय देशों द्वारा रूसी ऊर्जा निर्यात से खुद को दूर करने के प्रयासों के बीच यह समझौता हुआ है।
  • इस समझौते के तहत, अमेरिका इस साल यूरोपीय संघ को 15 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) एलएनजी की आपूर्ति करेगा।
  • इसके अलावा, यूरोपीय संघ 2030 तक अमेरिका से कम से कम 50 बीसीएम का अतिरिक्त एलएनजी आयात करेगा।
  • इससे रूसी ऊर्जा निर्यात पर यूरोप की निर्भरता कम होने की संभावना है और यह यूरोप पर रूस के प्रभाव को काफी हद तक बेअसर कर सकता है।
  • यूरोप अपनी प्राकृतिक गैस आवश्यकताओं के लगभग 40% और कच्चे तेल की अपनी लगभग एक चौथाई जरूरतों को पूरा करने के लिए रूसी निर्यात पर निर्भर करता है। जर्मनी और पूर्वी यूरोप के कई देश अपनी प्राकृतिक गैस की 80% से अधिक जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस पर निर्भर हैं।

इंडोनेशिया का पाम ऑयल संकट

पाम ऑयल के सबसे बड़े उत्पादक और निर्यातक इंडोनेशिया को इसकी घरेलू कमी के चलते मूल्य नियंत्रण और शिपमेंट पर प्रतिबंधों को लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

(Image Source: https://www.brecorder.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए इंडोनेशिया का पाम ऑयल उत्पादन अनुमानित रूप से 45.5 मिलियन टन है। यह कुल वैश्विक उत्पादन का लगभग 60% है और अगले बड़े उत्पादक मलेशिया (18.7 मिलियन टन) से काफी आगे है।

  • इंडोनेशिया 29 मिलियन टन के साथ पाम ऑयल का दुनिया का नंबर 1 निर्यातक भी है। इसके बाद मलेशिया (16.22 मिलियन टन) का स्थान है।
  • फिर भी, मार्च 2021 और मार्च 2022 के बीच ब्रांडेड कुकिंग ऑयल की घरेलू कीमतें लगभग 14,000 इंडोनेशियाई रुपिया से 22,000 इंडोनेशियाई रुपिया प्रति लीटर तक रही हैं।

दो संभावित कारण: अन्य खाना पकाने के तेलों, विशेष रूप से सूरजमुखी तेल और सोयाबीन तेल की आपूर्ति में व्यवधान।

  • दूसरा कारण पेट्रोलियम से जुड़ा है, विशेष रूप से जैव-ईंधन के रूप में पाम ऑयल का उपयोग। इंडोनेशियाई सरकार ने 2020 से, जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने की योजना के तहत पाम ऑयल के साथ डीजल का 30% सम्मिश्रण अनिवार्य किया है।

भारत पर प्रभाव: भारत दुनिया का सबसे बड़ा वनस्पति तेल आयातक है। 14-15 मिलियन टन के वार्षिक आयात में से, पाम ऑयल का हिस्सा (8-9 मिलियन टन) का है।

  • इंडोनेशिया पाम ऑयल का भारत का शीर्ष आपूर्तिकर्ता रहा है, हालांकि इसे 2021-22 में मलेशिया ने पछाड़ दिया था।

ब्रिक्स टीका अनुसंधान एवं विकास केंद्र

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 22 मार्च, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘ब्रिक्स टीका अनुसंधान एवं विकास केंद्र’ (BRICS Vaccine R&D Center) का शुभारंभ किया है।

  • महत्वपूर्ण तथ्य: जोहान्सबर्ग घोषणा 2018 में ब्रिक्स टीका अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया था।
  • दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार 2018 में अपनी अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स वैक्सीन अनुसंधान एवं विकास केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव रखा था।
  • डॉ. मांडविया ने प्रस्ताव दिया कि ब्रिक्स देशों को 2022 के मध्य तक दुनिया की 70% आबादी को कोविड-19 टीके लगाने के डब्ल्यूएचओ के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एसीटी-ए(ACT-A), कोवैक्स, सीईपीआई(CEPI) आदि जैसे प्रयासों में मदद करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
  • एसीटी-ए (The Access to COVID-19 Tools Accelerator: ACT-A) कोविड-19 परीक्षणों, उपचारों और टीकों के विकास, उत्पादन और न्यायसंगत पहुंच में तेजी लाने के लिए एक महत्वपूर्ण वैश्विक सहयोग है। इसे अप्रैल 2020 में लॉन्च किया गया था।
  • भारत ने अब तक कोविड-19 आपातकालीन उपयोग के लिए 9 टीकों को मंजूरी दी है, जिनमें से 5 स्वदेशी हैं।
  • भारत दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन विनिर्माण उद्योगों में से एक है, जो 150 से अधिक देशों को टीकों की आपूर्ति करता है और WHO की वैक्सीन आवश्यकताओं की 65-70% की पूर्ति करता है।

वी-डेम इंस्टीट्यूट लिबरल डेमोक्रेटिक इंडेक्स 2022

स्वीडन के गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय में वी-डेम संस्थान ने मार्च 2022 में अपनी वार्षिक लोकतंत्र रिपोर्ट प्रकाशित की।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस रिपोर्ट का शीर्षक 'डेमोक्रेसी रिपोर्ट 2022: ऑटोक्रेटाइजेशन चेंजिंग नेचर?' (Democracy Report 2022: Autocratisation Changing Nature?) है।

  • रिपोर्ट लिबरल डेमोक्रेटिक इंडेक्स में स्कोर के आधार पर देशों को चार शासन प्रकारों में वर्गीकृत करती है- उदार लोकतंत्र, चुनावी लोकतंत्र, चुनावी निरंकुशता (Electoral Autocracy) और बंद निरंकुशता (Closed Autocracy)।
  • लिबरल डेमोक्रेटिक इंडेक्स लोकतंत्र के चुनावी और उदार दोनों पहलुओं पर आधारित है और इसमें लोकतंत्र का निम्नतम स्कोर 0 और उच्चतम स्कोर 1 है।
  • स्वीडन सूचकांक में सबसे ऊपर है। डेनमार्क, नॉर्वे, कोस्टा रिका और न्यूजीलैंड उदार लोकतंत्र रैंकिंग वाले शीर्ष पांच में देशों में शामिल हैं।
  • 2021 में रिकॉर्ड 6 तख्तापलट हुए, जिसके परिणामस्वरूप 4 नए निरंकुश शासन सामने आए- चाड, गिनी, माली और म्यांमार।
  • 32 देश निरंकुशता के दौर से गुजर रहे हैं, जबकि 15 देशों में लोकतंत्रीकरण की राह दिख रही है।

भारत की स्थिति: भारत को 179 देशों में से 93वें स्थान पर रखा गया है। यह भारत को 'चुनावी निरंकुशता' यानी इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी के रूप में वर्गीकृत करता है।

  • दक्षिण एशिया में, भारत सूचकांक में श्रीलंका (88), नेपाल (71), और भूटान (65) से नीचे और पाकिस्तान (117) से ऊपर है।

विश्व का पहला वन्यजीव बॉन्ड

विश्व बैंक ने 23 मार्च, 2022 को अफ्रीका के काले गैंडे को बचाने के लिए ‘विश्व का पहला वन्यजीव बॉन्ड’ जारी किया।

  • महत्वपूर्ण तथ्य: विश्व बैंक ने अफ्रीका में काले गैंडों की आबादी बढ़ाने के लिए अपनी तरह का पहला वन्यजीव संरक्षण बॉन्ड जारी किया।
  • विश्व बैंक इन बॉन्ड की मदद से 15 करोड़ डॉलर जुटाएगा, जिनका उपयोग काले गैंडों के संरक्षण के लिए किया जाएगा।
  • पांच साल के इस बॉन्ड को 'राइनो बॉन्ड' (Rhino Bond) के रूप में भी जाना जाता है।
  • 'राइनो बॉन्ड' दक्षिण अफ्रीका में दो संरक्षित क्षेत्रों ‘एडो एलीफेंट नेशनल पार्क’ (Addo Elephant National Park) और ‘ग्रेट फिश रिवर नेचर रिजर्व’ (Great Fish River Nature Reserve) में काले गैंडों की आबादी में वृद्धि की दर से निर्धारित रिटर्न देगा।
  • बॉन्ड के खरीदारों को वैश्विक पर्यावरण सुविधा से भुगतान प्राप्त होगा। यदि काले गैंडे की आबादी नहीं बदली तो निवेशक को कोई रिटर्न नहीं मिलेगा।
  • सफल होने पर, केन्या में भी काले गैंडों की आबादी के संरक्षण के लिए कार्यक्रम का विस्तार किया जा सकता है।
  • काले गैंडे: काले गैंडे केवल अफ्रीका में पाए जाते हैं। आई यूसीएन रेड लिस्ट में इन्हें 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।
  • ‘सेव द राइनो इंटरनेशनल’ के अनुसार 1970 और 1992 के बीच, काले गैंडों की संख्या में 96% की कमी आई, जिससे इनकी कुल संख्या लगभग 2,400 तक कम हो गई।

किंजल मिसाइल

रूस ने मार्च 2022 को युद्ध में अगली पीढ़ी के हथियारों का पहला इस्तेमाल किया और यूक्रेन में एक हथियार डिपो पर हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं।

  • महत्वपूर्ण तथ्य: रूस की नई किंजल (डैगर) हाइपरसोनिक मिसाइल एक परमाणु-सक्षम हवा से लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइल है।
  • यह ध्वनि की गति से 10 गुना अधिक उड़ान भरती है और वायु-रक्षा प्रणालियों को मात दे सकती है। किंजल का अर्थ है 'खंजर' (dagger)।
  • मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 1,500-2,000 किमी है और यह परमाणु पेलोड या 480 किलोग्राम के पारंपरिक पेलोड को ले जाने में सक्षम है। किंजल की लंबाई 8 मीटर, व्यास 1 मीटर और लॉन्च वजन लगभग 4,300 किलोग्राम है।
  • यह पहली बार है जब रूस ने युद्ध में उच्च-सटीकता वाले हथियार का उपयोग करने की बात स्वीकारी है।
  • किंजल नए हथियारों की एक शृंखला में से एक था, जिसका अनावरण रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2018 में अपने राष्ट्र संबोधन में किया था।
  • हाइपरसोनिक हथियार: इन्हें आम तौर पर तेज, कम ऊंचाई पर उड़ने वाले और अत्यधिक पैंतरेबाजी करने वाले चुस्त-दुरुस्त हथियारों के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  • बैलिस्टिक मिसाइलों के विपरीत, हाइपरसोनिक हथियार एक पूर्व निर्धारित, धनुषाकार प्रक्षेपवक्र का पालन नहीं करते हैं और अपने गंतव्य के रास्ते पर पैंतरेबाजी कर सकते हैं।
  • 'हाइपरसोनिक' ध्वनि की तुलना में पांच गुना तेज हथियार होता है, जिनकी समुद्र तल पर लगभग 760 मील (1,220 किलोमीटर) प्रति घंटा स्पीड है, जिसका अर्थ है कि ये हथियार कम से कम 3,800 मील प्रति घंटे की यात्रा कर सकते हैं। इन हथियारों के दो मुख्य प्रकार हैं - ग्लाइड वाहन और क्रूज मिसाइल।
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