सामयिक

राष्ट्रीय:

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा हेतु अधिदेश दस्तावेज

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने 29 अप्रैल, 2022 को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (National Curriculum Framework: NCF) के लिए अधिदेश दस्तावेज का शुभारंभ किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 चार क्षेत्रों- स्कूली शिक्षा, बचपन की देखभाल और शिक्षा, शिक्षकों की शिक्षा और वयस्क (प्रौढ़) शिक्षा में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के विकास की सिफारिश करती है।

  • इनके विकास के लिए जानकारी प्रदान करने के लिए, तीन श्रेणियों अर्थात् 1. पाठ्यक्रम और अध्यापन; 2. महत्वपूर्ण मुद्दों; 3. प्रणालीगत परिवर्तनों और सुधारों पर ध्यान केन्द्रित कर एनईपी 2020 के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के अंतर्गत एनईपी 2020 के परिप्रेक्ष्य पर आधारित 25 विषयों की पहचान की गई है।
  • अधिदेश दस्तावेज NCF की विकास प्रक्रिया, इसकी अपेक्षित संरचना और उद्देश्यों और एनईपी 2020 के कुछ बुनियादी सिद्धांतों का वर्णन करता है, जो चार NCF के विकास की जानकारी देंगे।
  • NCF को एक सहयोगी और परामर्शी प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया जा रहा है, जो जिले से शुरू होकर राज्य स्तर और फिर राष्ट्रीय स्तर तक है।
  • ‘राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा के विकास के लिए स्थिति पत्रों के दिशा-निर्देश’ इस आधिकारिक अधिदेश दस्तावेज का एक अभिन्न अंग है।

अटल न्यू इंडिया चैलेंज 2.0

अटल इनोवेशन मिशन ने 28 अप्रैल, 2022 को अटल न्यू इंडिया चैलेंज के दूसरे संस्करण (Atal New India Challenge 2.0) के चरण 1 का शुभारंभ किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: 'अटल न्यू इंडिया चैलेंज' अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग का एक प्रमुख कार्यक्रम है।

  • कार्यक्रम का उद्देश्य प्रौद्योगिकी आधारित नवाचारों की खोज, चयन, समर्थन करना और उन्हें बढ़ावा देना है, जो राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता की क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करते हैं।
  • अटल न्यू इंडिया चैलेंज कार्यक्रम के प्राथमिक लक्ष्यों में से एक भारत के विकास और वृद्धि के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और स्वच्छता, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, आवास, ऊर्जा, आवागमन, अंतरिक्ष अनुप्रयोग आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचारों का समर्थन करना है।
  • अटल न्यू इंडिया चैलेंज का उद्देश्य अनुसंधान और व्यावसायीकरण के बीच अंतर की पहचान करने के साथ, परीक्षण, पायलटिंग और बाजार निर्माण के लिये संसाधनों तक पहुँच से जुड़े जोखिमों पर नवोन्मेषकों को सहयोग प्रदान करना है।

उत्तर प्रदेश के रामपुर में स्थापित हुआ भारत का पहला अमृत सरोवर

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के प्रयासों से रामपुर की ग्राम पंचायत पटवई में भारत का पहला 'अमृत सरोवर' बनकर तैयार हो गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: अमृत सरोवर पहल के तहत, आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प किया जाएगा।

  • रामपुर में एक तालाब को कुछ ही हफ्तों में साफ कर कायाकल्प कर दिया गया है। अब यह तालाब ग्रामीण क्षेत्र में पर्यटन का बड़ा केंद्र बन गया है।
  • रामपुर में 75 तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने के लिए चुना गया था। चयनित तालाबों में से विकासखण्ड शाहबाद की ग्राम पंचायत पटवई के तालाब का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
  • अब ग्राम पंचायत सिंगन खेड़ा में सबसे ज्यादा क्षेत्रफल (1.67 हेक्टेयर) वाले तालाब पर भी काम शुरू हो गया है। अगले तीन महीने में कचरे से भरा पड़ा यह तालाब 'अमृत सरोवर' के रूप में ग्रामीण पर्यटन का केंद्र बनेगा।

वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अप्रैल, 2022 को गुजरात के गांधीनगर में तीन दिवसीय 'वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन 2022' का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: वैश्विक आयुष शिखर सम्मेलन का उद्देश्य उद्यमियों, उद्योग, स्टार्टअप और अन्य हितधारकों को बातचीत के माध्यम से आयुष में नवाचार के लिए निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना था।

  • 2014 में जहां आयुष सेक्टर 3 अरब डॉलर से भी कम था, आज वह बढ़कर 18 अरब डॉलर को पार कर गया है।

नई पहल: आयुष क्षेत्र में कई नई पहलों की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा की गई। इनमें सबसे पहले गुणवत्तापूर्ण आयुष उत्पादों के लिए एक विशेष 'आयुष चिह्न' था।

  • सरकार देश भर में आयुष उत्पादों के प्रचार, अनुसंधान और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए 'आयुष पार्कों' का एक नेटवर्क विकसित करेगी।
  • 'आयुष आहार' नाम की एक नई श्रेणी की घोषणा की गई, जो हर्बल पोषक तत्वों के सप्लीमेंट्स के उत्पादकों को अधिक सुविधा प्रदान करेगी।
  • इसके अलावा, आयुष चिकित्सा का लाभ लेने के लिए भारत आने के इच्छुक विदेशी नागरिकों के लिए भारत जल्द ही एक विशेष 'आयुष वीजा' श्रेणी पेश करेगा।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष निर्यात संवर्धन परिषद और चार आयुष आईसीटी पहलों की शुरुआत की घोषणा की, जिसमें ‘आयुष सूचना हब’, ‘आयुसॉफ्ट’, ‘आयुष नेक्स्ट’ और ‘आयुष जीआईएस’ शामिल हैं।

सातवां रायसीना डायलॉग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अप्रैल, 2022 को वैश्विक मामलों पर भारत के प्रमुख सम्मेलन रायसीना डायलॉग के सातवें संस्करण (7th Raisina Dialogue) का उद्घाटन किया।

(Image Source: https://twitter.com/airnewsalerts)

महत्वपूर्ण तथ्य: यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन इस संवाद में मुख्य अतिथि थी।

  • तीन दिवसीय रायसीना डायलॉग 'टैरानोवा, इम्पैसंड, इम्पेसेंट और इम्पैरिल्ड' (Terranova, impassioned, impatient, imperiled) विषय पर आधारित था।
  • संवाद छ: व्यापक विषयगत स्तंभ पर आधारित था, जिनमें लोकतंत्र पर पुनर्विचार, बहुपक्षवाद का अंत, जल संगठन, हरियाली बढाना शामिल है। रायसीना संवाद के सौ सत्रों में 90 देशों के 210 से अधिक वक्ताओं ने भाग लिया।

रायसीना डायलॉग: यह एक बहुपक्षीय सम्मेलन है, जो वैश्विक समुदाय के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।

  • हर साल, अंतरराष्ट्रीय नीतिगत मामलों पर सहयोग पर चर्चा करने के उद्देश्य से नीति, व्यापार, मीडिया और नागरिक समाज के वैश्विक नेताओं की मेजबानी नई दिल्ली में की जाती है।
  • सम्मेलन की मेजबानी विदेश मंत्रालय के सहयोग से ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ द्वारा की जाती है।

दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022

5 अप्रैल, 2022 को संसद द्वारा दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 पारित किया गया। इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस विधेयक में संसद द्वारा पारित दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 में संशोधन किया गया है।

  • दिल्ली विधान सभा द्वारा 2011 में दिल्ली के तत्कालीन नगर निगम को तीन भागों में विभाजित करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया गया था: (i) उत्तरी दिल्ली नगर निगम, (ii) दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, और (iii) पूर्वी दिल्ली नगर निगम।
  • संशोधित विधेयक तीन निगमों के एकीकरण का प्रयास करता है। विधेयक तीन नगर निगमों की जगह ‘दिल्ली नगर निगम' नामक एक निगम के गठन का प्रावधान करता है।
  • 2011 में संशोधित अधिनियम दिल्ली सरकार को अधिनियम के तहत विभिन्न मामलों जैसे पार्षदों की सीटों की कुल संख्या, वार्डों के परिसीमन आदि को तय करने का अधिकार देता है। इसके बजाय संशोधित विधेयक केंद्र सरकार को इन मामलों को तय करने का अधिकार देता है।
  • नए निगम में सीटों की कुल संख्या 250 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • विधेयक दिल्ली सरकार की सहायता करने और कुछ कार्यों के निर्वहन के लिए स्थानीय निकायों के निदेशक के प्रावधान को हटाता है।

असम में मिले प्राचीन महापाषाणकालीन पत्थर के जार

असम के दीमा हसाओ जिले में कई प्राचीन महापाषाणकालीन पत्थर के जार/घड़ों (megalithic stone jars) की खोज ने भारत के पूर्वोत्तर और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच संभावित संबंधों पर ध्यान आकृष्ट किया है, जो दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व से है।

महत्वपूर्ण तथ्य: शोध पत्र 'एन आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ असम स्टोन जार साइट्स' (An archaeological survey of the Assam stone jar sites) ने तीन अलग-अलग आकार के जार का दस्तावेजीकरण किया है।

  • नुचुबंग्लो (Nuchubunglo) नामक एक साइट में, 546 जार की खोज की गई है।
  • 'एशियन आर्कियोलॉजी' में प्रकाशित अध्ययन, असम और लाओस और इंडोनेशिया के बीच "संभावित सांस्कृतिक संबंध" को समझने के लिए और अधिक शोध की मांग करता है।
  • इंडोनेशिया और लाओस ही ऐसे दो अन्य स्थल हैं, जहां से इस तरह के जार खोजे गए हैं।

हनुमानजी4धाम परियोजना

16 अप्रैल, 2022 को ‘हनुमान जयंती’ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के मोरबी में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: ‘हनुमानजी4धाम परियोजना’ (Hanumanji4dham project) के तहत देश भर में चारों दिशाओं में स्थापित की जा रही 4 प्रतिमाओं में से यह दूसरी प्रतिमा है।

  • इस प्रतिमा की स्थापना पश्चिम में मोरबी में परम पूज्य बापू केशवानंद जी के आश्रम में की गई है।
  • इस शृंखला में हनुमान जी की पहली प्रतिमा की स्थापना वर्ष 2010 में उत्तर में शिमला में की गई थी।
  • दक्षिण में रामेश्वरम में हनुमान जी की प्रतिमा पर काम शुरू हो गया है। पूर्व में हनुमानजी की चौथी प्रतिमा पश्चिम बंगाल में स्थापित की जाएगी।

विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति से संबंधित विधेयक

तमिलनाडु विधान सभा ने 25 अप्रैल, 2022 को दो विधेयक पारित किए, जो राज्य सरकार को 13 राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति में राज्यपाल की शक्ति को स्थानांतरित करने का प्रावधान करते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य: मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल द्वारा कुलपतियों की नियुक्तियों में राज्य सरकार की राय की अवहेलना के बाद इन विधेयकों को लाया गया है।

  • ज्ञात हो कि इससे पूर्व में महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने भी राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालयों के कुलपति की नियुक्ति के संबंध में समान प्रावधान किये हैं।

विधेयकों की विशेषताएं: कुलपति की हर नियुक्ति सरकार द्वारा एक 'खोज-सह-चयन समिति' द्वारा अनुशंसित तीन नामों के पैनल के माध्यम से की जाएगी।

  • वर्तमान में, राज्यपाल, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति कि हैसियत से, शॉर्टलिस्ट किए गए नामों में से किसी एक को कुलपति नियुक्त करने की शक्ति रखते हैं।
  • विधेयकों में राज्य सरकार को जरूरत पड़ने पर कुलपतियों को हटाने पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार देने का भी प्रयास किया गया है।
  • उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या कम से कम मुख्य सचिव के रूप में सेवा करने वाले नौकरशाह द्वारा जांच के आधार पर कुलपतियों को हटाया जा सकेगा।

अन्य तथ्य: शिक्षा समवर्ती सूची के अंतर्गत आती है, लेकिन संघ सूची की प्रविष्टि 66 - "उच्च शिक्षा या अनुसंधान और वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्थानों में मानकों का समन्वय और निर्धारण" केंद्र को उच्च शिक्षा पर पर्याप्त अधिकार देती है।

पल्ली बनी भारत की पहली 'कार्बन-न्यूट्रल पंचायत'

जम्मू के सांबा जिले का पल्ली गांव कार्बन न्यूट्रल बनने वाली देश की पहली पंचायत बन गई है।


(Image Source: https://twitter.com/airnewsalerts)

महत्वपूर्ण तथ्य: यह पंचायत पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित है और इसके सभी रिकॉर्ड डिजिटल हैं।

  • प्रधानमंत्री मोदी ने देश की पहली कार्बन-न्यूट्रल पंचायत में 500 किलोवाट के सोलर प्लांट का उद्घाटन किया। ग्रामीणों की मदद से इस परियोजना को तीन सप्ताह के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के पल्ली गांव से देशभर की सभी ग्राम सभाओं को संबोधित किया।
  • उन्होंने किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना और 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखी।
  • उन्होंने देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों के विकास और कायाकल्प के उद्देश्य से 'अमृत सरोवर पहल' की भी शुरुआत की।
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