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संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2022

5 अप्रैल, 2022 को संसद द्वारा संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022 [Constitution (Scheduled Castes and Scheduled Tribes) Order (Amendment) Bill, 2022] पारित किया गया। इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य: इसमें झारखंड में भोगता जाति को अनुसूचित जाति (एससी) की सूची से हटाने का प्रावधान है।

  • भोगता जाति को अब राज्य में अनुसूचित जनजाति के रूप में शामिल किया गया है।
  • यह विधेयक झारखंड में कुछ समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के लिए अनुसूचित जनजाति आदेश की अनुसूची में भी संशोधन करता है ये समुदाय हैं- देशवारी, गंझू, दौतलबंदी (द्वालबंदी), पटबंदी, राउत, मझिया, खैरी (खीरी), तमरिया (तमड़िया) और पुरान।

राष्ट्रीय डेटा और वैश्लेषिकी मंच

नीति आयोग डेटा-संचालित निर्णय लेने और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए, उपयोगकर्ता के अनुकूल प्रारूप में सरकारी डेटा प्रदान करने के लिए मई 2022 में एक ‘राष्ट्रीय डेटा और वैश्लेषिकी मंच’ (National Data and Analytics Platform: NADP) लॉन्च करने की योजना बना रहा है।

महत्वपूर्ण तथ्य: 2020 में परिकल्पित इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य सरकारी स्रोतों के माध्यम से आंकड़े एकत्रित करने को मानकीकृत करना और उदार विश्लेषण प्रदान करना है।

  • पोर्टल नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को डेटा को संसाधित किए बिना आसानी से विश्लेषण करने में मदद करेगा। लॉन्च के समय पोर्टल में 46 से अधिक मंत्रालयों के 200 डेटासेट होंगे।
  • बाद में ग्रामीण स्तर के आंकड़े भी इस प्लेटफॉर्म से जोड़े जाएंगे।
  • इस समय कई सरकारी विभागों में डेटा डाउनलोड करने के विकल्पों के साथ सार्वजनिक डैशबोर्ड उपलब्ध हैं। कुछ इमेज फाइलों के रूप में उपलब्ध हैं और कुछ पीडीएफ प्रारूप में हैं, जिससे उनकी जानकारी संकलित करना मुश्किल हो जाता है।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या को NADP में दूर किया जाएगा।

प्रधानमंत्री संग्रहालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल, 2022 को भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान शुरू किया गया यह संग्रहालय, स्वतंत्रता के पश्चात अपने प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान के माध्यम से लिखी गई भारत की गाथा का वर्णन करता है।

  • 271 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय स्वतंत्रता के बाद से भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री की विचारधारा अथवा कार्यकाल से इतर देश के प्रति उनके योगदानों के लिए एक श्रद्धांजलि है।
  • संग्रहालय ब्लॉक I के रूप में नामित तत्कालीन तीन मूर्ति भवन को ब्लॉक II के रूप में नामित नवनिर्मित भवन के साथ एकीकृत किया गया है।
  • दो ब्लॉकों का कुल क्षेत्रफल 15,600 वर्ग मीटर से अधिक है। संग्रहालय में 43 गैलरी हैं।
  • ‘संग्रहालय का लोगो’ राष्ट्र और लोकतंत्र के प्रतीक धर्म चक्र को धारण करने वाले भारत के लोगों के हाथों का प्रतिनिधित्व करता है।

डॉ.अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र योजना

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री और डॉ अम्बेडकर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र कुमार ने 22 अप्रैल, 2022 को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र योजना (Dr. Ambedkar Centres of Excellence (DACE) Scheme) का शुभारंभ किया।

(Image Source: https://indianexpress.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत अम्बेडकर फाउंडेशन देश भर के 31 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र योजना की शुरुआत कर रहा है।

  • अनुसूचित जाति के छात्रों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली मुफ्त कोचिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की जा रही है।
  • इस योजना के तहत प्रति केंद्र कोचिंग के लिए कुल 100 सीटों की स्वीकृति प्रदान की गई है।
  • कोचिंग के लिए कुल स्वीकृत सीटों में से 33% सीटों पर अनुसूचित जातियों की योग्य महिला उम्मीदवारों को प्रथमिकता प्रदान की जाएगी।
  • अगर कोचिंग के लिए योग्य महिला उम्मीदवारों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध नहीं होती है तो संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा पुरुष/ ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों (केवल अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों) को खाली सीटों का आवंटन किया जाएगा।
  • विश्वविद्यालय को 100 छात्रों के लिए 75,000 रुपए प्रति वर्ष/ प्रति छात्र प्रदान किए जाएंगे।

न्यायाधीशों को देना होगा जमानत के फैसले के लिए कारण

सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल, 2022 को कहा कि विशेष रूप से गंभीर अपराधों और कठोर सजा वाले अपराधियों से जुड़े मामलों में न्यायाधीशों को जमानत देने या अस्वीकार करने के लिए कारण बताना होगा।

महत्वपूर्ण तथ्य: अदालत ने कहा कि बिना कोई कारण बताए रहस्यमय जमानत के आदेशों (Cryptic bail orders) का न्यायिक व्यवस्था में कोई स्थान नहीं है।

  • जमानत देने या जमानत देने से इनकार करने वाले ऐसे आदेश पारित करने का एक हालिया चलन रहा है, जहां अदालतें एक सामान्य अवलोकन करती हैं कि 'तथ्यों और परिस्थितियों' पर विचार किया गया है।
  • न्यायालय द्वारा आदेश पारित किए जाने का कोई विशिष्ट कारण इंगित नहीं किया जाता है।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाएगी सरकार

केंद्र सरकार ने आम आदमी विशेषकर गरीबों के लिए सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से, मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों की संख्या को दस हजार तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

(Image Source: https://mobile.twitter.com/pmbjppmbi)

महत्वपूर्ण तथ्य: 26 राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के 406 जिलों के 3579 ब्लॉकों में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

  • इस योजना के तहत देश के 739 जिलों को कवर किया गया है और 31 मार्च, 2022 तक 8610 स्टोर खोले जा चुके हैं।
  • फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) 'प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना' की कार्यान्वयन एजेंसी है।

डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अप्रैल, 2022 को गुजरात के जामनगर में 'डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन' (WHO Global Centre for Traditional Medicine) की आधारशिला रखी।

(Image Source: https://www.businessworld.in/)

महत्वपूर्ण तथ्य: इस समारोह में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस ने भाग लिया।

  • आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ गुजरात के जामनगर में दुनिया का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (WHO GCTM) स्थापित कर रहे हैं।
  • भारत के गुजरात के जामनगर में भारत के डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का अंतरिम कार्यालय गुजरात के आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में होगा।
  • इस केन्द्र को भारत सरकार की ओर से लगभग 25 करोड़ डॉलर की निवेश सहायता दी जाएगी।
  • उद्देश्य: इस केंद्र का प्राथमिक उद्देश्य आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनिया भर से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का दोहन करना और दुनिया भर के समुदायों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना है।
  • केंद्र पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता को उजागर करेगा और इसके सुरक्षित और प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी प्रगति का उपयोग करेगा।

संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2022

6 अप्रैल, 2022 को संसद द्वारा संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2022 पारित किया गया। इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य: विधेयक में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन किया गया है, जो विभिन्न राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में अनुसूचित जनजातियों और आदिवासी समुदायों को निर्दिष्ट करता है।

  • विधेयक द्वारा 1950 के आदेश की अनुसूची के भाग-XV में संशोधन किया गया है, जो त्रिपुरा में अनुसूचित जनजातियों को निर्दिष्ट करता है।
  • इसमें त्रिपुरा में अनुसूचित जनजाति की सूची में कुकी जनजाति की उप-जनजाति के रूप में दारलोंग समुदाय को शामिल किया गया है।

आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022

6 अप्रैल, 2022 को संसद द्वारा ‘आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022’ [Criminal Procedure (Identification) Bill 2022] पारित किया गया। इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य: यह पुलिस और जेल अधिकारियों को रेटिना और आईरिस स्कैन सहित भौतिक और जैविक नमूनों को एकत्र करने, संग्रहीत करने और विश्लेषण करने की अनुमति देगा।

  • विधेयक इन प्रावधानों को किसी भी निवारक निरोध कानून के तहत पकड़े गए व्यक्तियों पर भी लागू करने का प्रयास करता है।
  • इसके तहत माप लेने की अनुमति देने का विरोध या इनकार करने को भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत अपराध माना जाएगा।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) भौतिक और जैविक नमूनों, हस्ताक्षर और हस्तलेखन डेटा का भंडार होगा, जिसे कम से कम 75 वर्षों तक संरक्षित किया जा सकता है।
  • विधेयक कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 को निरस्त करने का प्रयास करता है, जिसका दायरा एक मजिस्ट्रेट के आदेश पर सीमित श्रेणी के दोषी और गैर-दोषी व्यक्तियों के केवल फिंगरप्रिंट (Fingerprint) और पदचिह्न (Footprint) को रिकॉर्ड करने तक सीमित था।

भारत में मधुमेह पर आईसीएमआर अध्ययन

'इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) -इंडिया डायबिटीज' के अध्ययन के अनुसार भारत में मधुमेह से पीड़ित 5,297 से अधिक व्यक्तियों में से केवल 7% से अधिक लोग अपने रक्त शर्करा, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम थे।

(Image Source: https://www.thehindu.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: यह अध्ययन 'लैंसेट-डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी' में प्रकाशित हुआ है।

  • 27 राज्यों (एकीकृत आंध्र प्रदेश), दो केंद्र-शासित प्रदेशों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किए गए अध्ययन ने मृत्यु दर और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले विभिन्न स्वास्थ्य मानकों पर बेहतर नियंत्रण की आवश्यकता पर बल दिया है।

अध्ययन के निष्कर्ष: उच्च शिक्षा, पुरुष, ग्रामीण निवास, और मधुमेह की कम अवधि (10 वर्ष से कम) लक्ष्यों की संयुक्त उपलब्धि की बेहतर उपलब्धि के साथ जुड़े थे।

  • परिणाम मूल्यांकन के लिए, (ए) अच्छे ग्लाइसेमिक नियंत्रण को 7.0% से कम के एचबीए1सी (एक मधुमेह परीक्षण) के रूप में परिभाषित किया गया है; (बी) रक्तचाप नियंत्रण को 140/90 मिमी एचजी (mm Hg) से कम के रूप में परिभाषित किया गया है और (सी) एलडीएल कोलेस्ट्रॉल लक्ष्य को 100 मिलीग्राम / डीएल (mg/dL) से कम के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • एबीसी नियंत्रण (ABC control) को ग्लाइसेमिक, रक्तचाप और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल लक्ष्यों को एक साथ पूरा करने वाले व्यक्तियों के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया था।
  • मधुमेह से पीड़ित 4,834 लोगों में से केवल 36% ने ही अच्छा ग्लाइसेमिक (रक्त शर्करा) नियंत्रण हासिल किया, 48% से अधिक ने रक्तचाप नियंत्रण हासिल किया, और 41.5% ने अच्छा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण हासिल किया है।
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