NASA के अंतरिक्ष यात्री 9 महीने बाद पृथ्वी पर लौटे
- 19 Mar 2025
19 मार्च 2025 को, NASA के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर, साथ ही NASA के निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर नौ महीने बिताने के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापसी की। उनकी वापसी स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से हुई, जो फ्लोरिडा के टल्हासी के पास गल्फ ऑफ मेक्सिको में उतरा।
मुख्य तथ्य:
- मिशन की अवधि: विलमोर और विलियम्स ने कुल 286 दिन अंतरिक्ष में बिताए, जो कि उनकी अपेक्षित यात्रा से 278 दिन अधिक है। यह NASA के इतिहास में सबसे लंबे मिशनों में से एक था।
- तकनीकी कारण: दोनों अंतरिक्ष यात्री मूल रूप से बोइंग स्टारलाइनर मिशन के तहत जून 2024 में ISS गए थे। हालांकि, स्टारलाइनर के तकनीकी मुद्दों (थ्रस्टर खराबी और हीलियम लीक) के कारण उनकी वापसी संभव नहीं हो सकी, जिससे उनका मिशन लंबा हो गया।
- स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन द्वारा वापसी: स्पेसएक्स कैप्सूल ने "डिऑर्बिट बर्न" प्रक्रिया के तहत अपनी गति को 17,500 mph से घटाकर लगभग 20 mph किया।
- क्रू-10 का आगमन: चार नए क्रू-10 अंतरिक्ष यात्री रविवार को ISS पर पहुंचे और वहां अपने कर्तव्यों को संभाल लिया। इससे क्रू-9 का मिशन समाप्त हुआ।
- पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया और प्रभाव: स्प्लैशडाउन के बाद, स्पेसएक्स की रिकवरी टीम ने कैप्सूल और चालक दल को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला। चिकित्सा टीम ने तुरंत उनकी जांच की। माइक्रोग्रैविटी में लंबे समय तक रहने के कारण उन्हें सामान्य स्थिति में लौटने में 2 से 6 महीने तक का पुनर्वास करना होगा।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे




